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केरल में निपाह वायरस से स्कूल-बैंक बंद हुए, 7 जिलों में अलर्ट और 4 कन्टेनमेंट जोन बनाए गए

Nipah Virus Keral: केरल में निपाह वायरस से 2 नागरिको की मृत्यु होने के बाद 7 गाँवो में स्कूल एवं बैंको को बंद रखने के आदेश दिए गए है। स्पेशल जाँच टीम पुणे से केरल जाकर वायरस की जाँच करेगी।

केरल के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस (Nipah Virus) से 2 नागरिको की जान जाने के बाद कन्नूर, वायनाड एवं मलप्पुरम में भी अलर्ट घोषित हो चुका है। इन जगहों की 7 ग्राम पंचायतो को कन्टेनमेंट जोन के रूप में बना दिया गया है। इन जोन के क्षेत्रों एवं हॉस्पिटल में सभी का मास्क पहनना जरुरी होगा।

खबरों के अनुसार, कोझिकोड (Kozhikode) जिले के जिला अधिकारी ने 7 पंचायतो के सभी शैक्षिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केन्द्र, बैंक एवं सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश दे दिए है। अब दिन में प्रातः 5 बजे से शाम 5 बजे तक सिर्फ मेडिकल एवं आवश्यक चीजों की ही दुकाने खोली जाएगी।

एनआईवी की टीम केरल जाएगी

केरल राज्य में अभी तक निपाह वायरस के 4 केस दर्ज़ हो चुके है जिनमे 2 नागरिको की मृत्यु भी भी गई है। आज प्रदेश सरकार ने विधानसभा में जानकारी दी है कि नेशनल वायरस ऑफ वायरोलॉजी (NIV) का दल पुणे से केरल में जाकर वायरस की जाँच का काम करेगा। ये एनआईवी दल कोझिकोड में चमगादड़ों के सर्वेक्षण का काम भी करेगा।

बांग्लादेश वाला घातक वैरिएंट है – प्रदेश सरकार

केरल सरकार ने जानकारी दी है कि ये वायरस का वैरिएंट बांग्लादेश की तरह ही है जोकि बहुत घातक है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने बताया, ‘ये वायरस मानव से मानव में फ़ैल जाता है। ये कम गति से तो फैलता है लेकिन ये काफी घातक होता है। इसके संक्रमण में मृत्यु की दर काफी अधिक देखी गई है।

स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने इस बात को लेकर पुष्टि भी की है कि कोझिकोड में होने वाली अप्राकृतिक मृत्यु भी इसी वायरस के कारण हुई थी। खबर के अनुसार एक व्यक्ति की मृत्यु इसी माह में और दूसरे की मृत्यु 30 अगस्त में हुई थी। साल 2018 से अभी तक चौथी बार निपाह वायरस ने केरल राज्य में दस्तक दी है। 2018 की पहली लहर में इस वायरस ने 23 नागरिको को संक्रमित एवं 21 नागरिको को मारा था।

निपाह के लक्षण ऐसे होते है

इस वायरस से संक्रमित होने से मरीज में पहले तो बुखार, सिर का दर्ज़, उल्टी एवं गले में परेशानी होती है। कुछ समय बाद चक्कर आना, अधिक नींद एवं एन्सेफलाइटिस के लक्षण दिखते है। कुछ लोगो में इससे साँस लेने में भी परेशानी देखी जाती है। स्थिति बिगड़ले पर एन्सेफलाइटिस और दौरा भी पड़ता है जिससे व्यक्ति 24 से 48 घण्टो में ही कोमा में चला जाता है।

जानवरो से ये वायरस प्रसारित होता है

ये वायरस इस प्रकार का है कि पशुओं से मानवो में फैलता है जिसको जूनोटिक डिजीज कहते है। ये वायरस सुअरो और चमगादड़ो से मनुष्यों में आता है। इससे पहले कोरोना का सबसे पहला केस भी केरल राज्य से ही आया था और वो भी जानवरो से फैलने वाली बीमारी थी।

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सरकार बहुत जगहों पर अलर्ट जारी कर चुकी है

मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार हेल्थ अलर्ट भी जारी कर चुकी है। राज्य के हॉस्पिटल में जिन दो नागरिको की मृत्यु हुई है वो एक ही हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे। इनका एक सम्बन्धी भी इसी हॉस्पिटल में एडमिट है। अब बहुत से मरीजों के सैम्पल भी टेस्ट के लिए लिए जा रहे है।

खजूर के पेड़ से वायरस मिला

बांग्लादेश के लोगो को इस निपाह वायरस की जानकारी मिली थी जब 2004 में कुछ व्यक्तियों ने खजूर के पेड़ से फलो को खा लिया था। इस वायरस का नाम मलेशिया के एक गाँव के ऊपर ही रखा गया है चूँकि 1998 में ही इस गाँव में निपाह का पहला केस मिला था।

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