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NASA : अपोलो मिशन के बाद पहली बार नासा का ओरियन कैप्सूल चांद पर पहुंचा, भेजी पहली तस्वीर

नासा की आने वाले समय की नयी परियोजनाओं के लिए एक अच्छी खबर है। सोमवार के दिन नासा के 'ओरियन कैप्सूल' ने चन्द्रमा में प्रवेश कर लिया है। आज ऐसे 50 साल पहले चाँद पर भेजे गए अपोलो मिशन ये पहली बार है कि कोई कैप्सूल चाँद पर पहुँचा है।

सोमवार के दिन नासा का कैप्सूल ओरियन चन्द्रमा के नजदीक पहुँच चुका है। 50 सालों पहले अपोलो मिशन के चन्द्रमा में पहुंचने के बाद ये पहली बार है कि कोई कैप्सूल चन्द्रमा तक पहुँचा है। पिछले बुधवार को ओरियन कैप्सूल ने चाँद की ओर अपनी उड़ान शुरू की थी। आने वाले समय में नासा की अन्य परियोजनाओं में इस कैप्सूल के पहुँचने से अच्छी सम्भावनाएँ बनी है। 401 करोड़ डॉलर के खर्चे से बने इस कैप्सूल ने वहाँ पर पहुँचकर अपना काम भी शुरू कर दिया है।

तीसरी कक्षा में रहने के लिए ‘इंजन फायरिंग’

ओरियन कैप्सूल के उड़ान मार्ग में अपोलो 11, 12, और 14 के लैंडिंग स्थान भी सम्मिलित है जो कि इंसान के पहुँचने से पूर्व के 3 चंद्र स्थल है। इस कैप्सूल ने 16 नवंबर के दिन फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से नासा के अभी तक के सर्वाधिक शक्तिशाली राकेट से उड़ान शुरू की। यदि सभी कुछ योजना के अनुसार रहा तो कैप्सूल को तीसरी कक्षा में रखने के लिए एक अन्य “इंजन फायरिंग” की जरुरत होगी।

कैप्सूल चाँद की कक्षा में 1 हफ्ता रहेगा

यह कैप्सूल (Orion capsule) चाँद की कक्षा में पहुंचकर करीबन एक हफ्ता बिताएगा। इस कैप्सूल में कोई भी लैदर नहीं है चूँकि इसे चाँद की सतह से कोई स्पर्श नहीं करना है। इस परियोजन में सफलता मिलने के बाद नासा साल 2024 में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद पर भेजने वाला है। यह कैलिफ़ोर्निया के तटीय इलाके से सुदूर प्रशांत महासागर पर लैंड होगा। इस मिशन के अंतर्गत साल 2024 या फिर इसके आसपास के समय में अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद पर उतारा जाएगा। साल 2025 में नासा चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतरने के लिए ‘आर्टेमिस-3’ को लॉन्च कर देगा।

मिशन अप्रत्याशित रूप से सफल – नासा

अमरीकी अंतरिक्ष अनुसन्धान एजेंसी (NASA) ने दावा किया है कि उनका यह मिशन पूर्वानुमान से भी अधिक कामयाब रहा है। नासा के मुताबिक ओरियन ने चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचने के लिए करीबन 5 हजार 102 मील प्रति घण्टे की स्पीड रखी। ओरियन ने चाँद पर पहुँचकर वहाँ की कई फोटोज भी भेज दी है। भेजी गयी फोटोज से यह बात साफ़ हो जाती है कि पृथ्वी आकाश से दिखने वाला एक नीले रंग का गोला है जिसकी कोई चमक नहीं है। ओरियन की भेजी गयी फोटो को नासा ने लोगों के साथ शेयर भी किया है।

चाँद पर सही ‘लैंडिंग साइट’ खोजनी है

यहाँ पर यह भी देखने को मिला है कि नासा का अंतरिक्ष यान किस प्रकार से घने अँधेरे के बीच में स्थित पृथ्वी के एकलौते उपगृह की ओर बढ़ रहा है। नासा ने आने वाले समय में अपने “आर्टेमिस” मिशन के अंतर्गत लोगों को चन्द्रमा पर भेजने की तैयारी कर रखी है। इस मिशन को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। इसके पहले चरण आर्टेमिस-1 में इंसानरहित अंतरिक्ष यान “ओरियन” ने चाँद को पार कर दिया। इस मिशन के द्वारा नासा यह पता लगाना चाहेगा कि चन्द्रमा पर उपर्युक्त “लैंडिंग साइट्स” कौन सी है।

इस मिशन के तहत 11 दिसंबर के दिन ओरियन की वापसी हो जाएगी। यदि नासा का ‘अर्टेमिस’ मिशन कामयाब हो जाता है तो इसके बाद नासा ‘आर्टेमिस-2’ की तैयार शुरू करेगा।

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2030 में चन्द्रमा पर मानव बस्ती की योजना

अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के शीर्ष अधिकारी एवं ओरियन लूनर स्पेसक्राफ्ट कार्यक्रम के प्रमुख होवार्ड हू (Howard Hu) ने बताया कि साल 2030 से पहले ही मानव चाँद पर सक्रिय हो जाएगा। इसके प्रोग्राम के अंतर्गत वहां पर रहने योग्य स्थान होंगे और उनके कार्य को सहायता देने के लिए रोवर्स भी होंगे।

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