भारतीय बॉर्डर के नजदीक म्यांमार आर्मी की एयर स्ट्राइक हुई, म्यांमार में गृह युद्ध के हालात

भारत के पडोसी देश म्यांमार (Myanmar)में काफी अधिक फायरिंग एवं एयर स्ट्राइक होने की वजह से पिछले एक दिन में ही 2 हजार से अधिक नागरिक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर को पार करते हुए मिजोरम में आ गए है।

भारत के राज्य मिजोरम में चम्फाई जिले के डिप्टी कमिशनर जेम्स लालरिंचना ने जानकारी दी है कि रविवार के दिन म्यांमार की सत्ताधारी जुंटा समर्थित आर्मी एवं मिलिशिया ग्रुप पीपुल्स डिफेंस आर्मी में भारी बमबारी हुई है।

इसके बाद उनके (James Lalrinchana) मुताबिक आपसी हमले उस समय शुरू हो गए जब PDF की तरफ से भारत के बॉर्डर में मौजूद म्यांमार के चिन राज्य में खावमावी एवं रिहखावदार के 2 सैनिक अड्डों पर अटैक हुआ। अधिकारी लालरिंचन के अनुसार इस हमले के बाद ही खावमावी, रिहखावदार एवं चिन के निकटवर्ती गाँवों 2 हजार से ज्यादा लोग भारत में आ गए है।

वहां से भागकर आये लोगो ने चम्फाई जिले में रात बिताई है। लालरिंचना के अनुसार इस समय पर म्यांमार के रिहखावदार सैनिक ठिकाने पर पीपुल्स डिफेंस फ़ोर्स (PDF) ने कब्जा जमा लिया है और वो दिन के समय खावमवी सैनिक ठिकाने पर भी अपना कोंट्रील कर चुके है।

17 नागरिक मिजोरम के हॉस्पिटल में एडमिट

इस हमले के जवाब में म्यांमार की आर्मी ने सोमवार को खावमावी एवं रिहखावदार गाँवों पर भी एयर स्ट्राइक की है। अधिकारी के अनुसार इस बमबारी में वहां से 17 नागरिक हताहत हो गए है और इन सभी का उपचार चम्फाई में हो रहा है। कुछ खबरे है कि म्यांमार के 51 साल के व्यक्ति (जोखावथर) की मृत्यु भी हुई है जोकि बॉर्डर पार करते समय गोली का शिकार हुए।

जोखावथर विलेज काउंसिल अध्यक्ष लालमुआनपुईया ने जानकारी दी है कि चिन नेशनल आर्मी के 5 जवान की म्यांमार आर्मी की फायरिंग में मौत हुई है। ये सभी पीडीएफ का भी हिस्सा थे। अध्यक्ष का कहना है कि इस फायरिंग एवं बमबारी से पहले तक म्यांमार में करीबन 6 हजार से ज्यादा नागरिक जोखावथर के निवासी थे।

31,364 नागरिक भारत में शरणार्थी हुए

भारत का राज्य मिजोरम पड़ोसी देश म्यांमार के साथ 510 किमी लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है। मिजोरम के 6 जिले – चम्फाई, सियाहा, लांग्टलाई, सेरछिप, हनाथियाल और सैतुअल की सीमाएँ म्यांमार के चिन राज्य से लगती है। म्यांमार की तरफ से साल 2021 में लोगो का भारत में आना शुरू हुआ था।

उस साल में जुंटा ने म्यांमार में सत्ता को कब्जाया था और इसी समय से हजारो नागरिक भारतीय राज्य मिजोरम में आ चुके है। मिजोरम के गृह मंत्रालय के मुताबिक़ इस समय पर राज्य में 31,364 लोग विभिन्न स्थानों पर मौजूद है। इनमे से अधिकतर राहत कैम्प में रह रहे है। ये सभी लोग म्यांमार के चिन समुदाय से आते है जोकि मिजो लोगो से जातीय एवं सांस्कृतिक रिश्ते रखते है।

लड़ाई की वजह क्या है

म्यांमार में पीपुल्स डिफेन्स फ़ोर्स वास्तव में नेशनल यूनिटी गवर्न्मनेट (एनयूजी) की ही शस्त्रधारी शाखा मानी जाती है। 5 मई 2021 में देश के लोकतान्त्रिक कार्यकर्ताओ एवं नौजवानो के राजनैतिक दल नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट ने PDF को स्थापित किया था। इसी सैनिक तख्तापलट ने आंग सांग सूची की लोकतांत्रिक प्रणाली से चयनित सरकार को भी हटाया।

आंग सांग सूची म्यांमार का मुख्य राजनैतिक दल नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता है जोकि देश में डेमोक्रेसी को स्थापित करने में काफी समय तक संघर्ष कर चुके है। उनको काफी समय के लिए जेल एवं नजरबंद रहना पड़ा है। PDF की तरफ से म्यांमार के सैनिक शासन के खिलाफ लड़ाई की गई है और आर्मी भी उनके अड्डों पर हमले करती रहती है।

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कई ग्रुपों एक ठिकाने भारतीय सीमा के पास

देश का अन्य विद्रोही ग्रुप विक्टोरिया भी है जोकि चिन नेशनल आर्मी के हेड क्वार्टर की तरह से काम कर रहा है यह ग्रुप भी PDF के साथ मिलकर ही देश में लोकतंत्र की स्थापना के उद्देश्य से अन्य ग्रुप्स को साथ लेकर आर्मी के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। इन विरोधी गुप्स के ट्रेनिंग कैंप एवं मुख्य अड्डे चिन राज्य में मौजूद है जोकि भारत के मिजोरम राज्य से लगते है।

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