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दक्षिणी अफ़्रीकी देश मोरक्को में भूकंप से भीषण तबाही मची, 6.8 की तीव्रता के भूकम्प से 296 लोगो की जान गई

Earthquake in Morocco: सुबह ही उत्तरी अफ़्रीकी देश 'मोरक्को' के मराकेश शहर में भूकंप से भारी तबाही होने की खबरे है। भूकंप का असर मराकेश से 350 किलोमीटर दूर स्थित राजधानी रबात में भी महसूस हुआ।

पिछले दिनों तुर्की के भूकंप के बाद अब अफ्रीका के मोरक्को (Morocco) में भूकंप ने भारी तबाही कर दी है। अभी तक मिली खबर के मुताबिक 6.8 की तीव्रत के भूकंप से करीबन 296 नागरिको के मरने के अनुमान है। किन्तु अभी भी भूकंप की तीव्रता को देखते हुए जान गवाने वाले नागरिको की संख्या में बढ़ोत्तरी के अनुमान है।

प्रशासन ने नागरिको को मलबे से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू कर दिया है। अफ्रीकी देश मोरक्को में सुबह ही तीव्र क्षमता का भूकम्प लोगो के लिए विनाश का कारण बनकर आया। इस भूकंप का केंद्र मोरक्को का शहर मराकेश से लगभग 70 किमी की दूरी पर रहा। ये भूकंप इतना तीव्र था कि इसका प्रभाव मराकेश (Marrakesh) से लगभग 350 किमी दूर मौजूद राजधानी रबात में भी देखा गया।

120 सालो में सबसे तीव्रता का भूकंप

भारत के समय से ये भूकंप प्रातः 3:41 बजे आया था। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने जानकारी दी है कि उत्तरी अफ्रीका में पिछले 120 सालो के इतिहास में ये सबसे तीव्र भूकंम्प है। विभाग ने ये भी बताया – साल 1900 के बाद से ही इस क्षेत्र के 500 किमी परिधी में किसी भी M6 स्तर अथवा इससे ज्यादा का भूकंप नहीं देखा गया है। यहाँ पर M-5 स्तर के 9 भूकम्पों की जानकारी मौजूद है।

मकान मलबे का ठेर बने

देश की समाचार एजेंसी से मिली खबर के अनुसार, मराकेश के पुरानी सिटी में कुछ घरों के जमीदोज होने की सूचना मिली है। लोगो ने हाथों से ही मलबा साफ़ करने का काम शुरू कर दिया है। अभी राहत कार्य के लिए बड़ी मशीनों की प्रतीक्षा जारी है। शहर के हॉस्पिटल में भी घायलों की संख्या बढ़ रही है। अभी इस घटना के बाद बिजली काटने से इंटरनेट सेवा भी ठप हो गई है।

पीएम मोदी ने भी घटना पर दुःख जताया

सुबह ही मोरक्को भूकंप की घटना की खबर मिलते ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी एक्स के माध्यम से अपना दुःख व्यक्त किया। सन्देश में मोदी ने इस घटना में जान गवाने वाले नागरिको के परिवारों के लिए अपनी संवेदना प्रकट की है।

मोदी के अनुसार, ‘मोरक्को भूकंप की वजह से होने वाली जान एवं माल के नुकसान से बहुत दुःख हुआ। इस पीड़ा के समय में मेरी संवेदनाएँ मोरक्को के इन नागरिको के साथ में है जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया है। भारत इस परेशानी के समय में मोरक्को की हर सम्भव मदद के लिए तैयार है।

चौथे झटके से सर्वाधिक हानि हुई

भूकंप ने लोगो को सम्हालने का मौका नहीं दिया और जब तक वे इससे सम्हल पाते एक अन्य झटके ने तबाही मचा दी जिसकी तीव्रता 6.4 रही। इसके बाद भूकंप नहीं रुका और 6.5 तीव्रता का और झटका आया और इस झटके ने देश के 11 राज्यों में भयंकर तबाही मचाई। शाम के चार बजे चौथा झटका आया जिसने अभी तक की सबसे ज्यादा तबाही मचा दी।

18 साल पहले भी ऐसा भूकंप आया था

खबरों के अनुसार, इससे पहले साल 2004 में भी पूर्वी मोरक्को के अल होसेइमा में भूकंप ने करीबन 628 नागरिको की जान ली थी और 926 नागरिक घायल हुए थे। 1980 में मोरक्को के पड़ोस के देश अल्जीरिया में भी 7.3 तीव्रता का प्रभावी भूकंप आ चुका है जिसमे 2,500 नागरिकों की जान गई थी और 3 लाख लोगो को बेघर होना पड़ा था।

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