180 सीटों पर महिला और पुरुष दो-दो होंगे सांसद! संसद में होगा महिला आरक्षण लागू, महिला आरक्षण पर मोदी सरकार का बड़ा दांव
Reservation Bill: ससंद के विशेष सत्र में कुछ बड़े बिल लाए जा रहे है जिनमे से महिला आरक्षण का बिल भी लाया गया है। इस बिल में महिलाओं को लोकसभा एवं राजयसभा सीटों पर 33% महिला आरक्षण का लाभ मिलेगा।

संसद के विशेष सत्र में पूर्व से ही चर्चा का विषय रहा महिला आरक्षण का बिल (Reservation Bill) प्रस्तुत हो ही गया। आज केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को प्रस्तुत किया। इस बिल के अंतर्गत महिलाओं को लोकसभा में 33 फ़ीसदी आरक्षण की बात कही गई है।
मंगलवार को संसद के नए भवन में लोकसभा की कार्यवाही के अंतर्गत सरकार की ओर से पहला बिल प्रस्तुत हुआ। ये पहला बिल महिलाओ के आरक्षण से सम्बंधित था और इसको ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने ही इस महिला बिल को प्रस्तुत किया। इस बिल के मुताबिक़ अब से लोकसभा एवं विधानसभा का प्रत्येक तीसरा मेंबर एक महिला होगी।
बिल को लेकर बीजेपी-काँग्रेस के दावे
महिला आरक्षण के बिल को लेकर कॉंग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने कहा कि ये बिल मनमोहन सरकार के समय में लाया गया था और ये अभी तक मौजूद है। उनके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि हम नए बिल को लेकर आए है, आप अपनी जानकारी ठीक करें।
फिर विरोधी दलों के नेता बिल की प्रतिलिपि को लेकर शोर करने लगे और उनका पक्ष था कि उनको बिल की प्रतिलिपि नहीं दी गई। सत्त्ता पक्ष ने कहा कि बिल को अपलोड किया गया है।
सीटों में क्या परिवर्तन होंगे?
अभी लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 82 ही है किन्तु इस बिल के पास होने के बाद से लोकसभा में महिलाओं के लिए 181 सीटों को आरक्षित किया जायेगा। बिल में संविधान की धारा-239AA के अंतर्गत दिल्ली की विधानसभा सीटों पर 33 प्रतिशत का आरक्षण मिला है।
इस प्रकार से दिल्ली की 70 विधासभा सीटों में से 23 महिलाओं के लिए रिज़र्व होगी। अब से लोकसभा अथवा दिल्ली विधानसभा के साथ देशभर के सभी प्रदेशो की विधासभाओ में भी 33% महिला आरक्षण रहने वाला है।
आरक्षण के प्रावधान की अवधि
इस बिल के अंतर्गत लोकसभा एवं विधानसभाओं की सीटों में महिला आरक्षण की अवधि को 15 वर्ष रखा गया है। इस अवधि के पूर्ण होने के बाद इस बिल को फिर से लाकर आगे आरक्षण दिलवाना होगा।
अनुसूचित जाति-जनजाति महिला के प्रावधान
इस बिल में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (SC-ST)की महिलाओं के लिए अलग से कोई रिज़र्वेशन के प्रावधान नहीं है। महिला आरक्षण की ये प्रणाली आरक्षण के ही भीतर हुई है। इसका मतलब ये हुआ कि लोकसभा एवं विधानसभाओं में जो सीटे इन वर्गों के लिए रिज़र्व हुई है उन्ही सीटों में से महिलाओं को 33 फ़ीसदी सीटों का आरक्षण प्राप्त होगा।
इसको उदाहरण से जाने, अभी लोकसभा में 84 सीट एससी एवं 47 सीटें एसटी वर्ग के लिए रिज़र्व है और इस बिल के प्रावधान के मुताबिक़ इन 84 और 47 सीटों में से ही महिला आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस प्रकार से इनमे से 47 सीटें एससी एवं 16 सीटें एसटी महिला उम्मीदवारो को मिलेगी।
ओबीसी महिला के लिए प्रावधान
लोकसभा में OBC श्रेणी के लिए आरक्षण के प्रावधान नहीं हुए है। लोकसभा में अनुसूचित जाति-जनजाति की सीटों को छोड़कर 412 सीटें शेष रह जाती है। इन्ही बची सीटों पर सामान्य एवं OBC वर्ग के उम्मीदवार प्रतिभाग करने वाले है। इस प्रकार से लोकसभा की 137 सीटें ही सामान्य एवं ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए उपलब्ध रहेगी।
यह भी पढ़ें :- मोदी ने दिया नया नाम, पुराना संसद भवन अब जाना जायेगा संविधान सदन के नाम से
2019 चुनाव में महिला स्थिति
पिछले लोकसभा के चुनावो में कुल 724 महिलाएँ चुनाव लड़ी थी। इनमे से सबसे अधिक महिला (54) कॉंग्रेस की और से लड़ी थी, फिर भाजपा की 53 महिला रही। यूपी एवं बंगाल से 11-11 महिला उम्मीदवार जीतने के बाद संसद पहुँची है। इस मामले में बीजेपी एवं कॉंग्रेस जैसे बड़े दलों को ही अधिक लाभ होगा किन्तु स्थानीय दलों जैसे राजद, जेडीयू एवं सपा आदि को कम ही लाभ होगा।