महादेव ऐप: जूस की दुकान चलाने वाला कैसे बना इतना बड़ा सटोरिया कैसे बन गया, जानें कहानी सौरभ चंद्राकर की

बीते दिनों बॉलीवुड से जुड़े बहुत एक दर्जन से भी ज्यादा कलाकारों को ईडी की और से पूछताछ का समन मिला है। इन नामो में अभिनेता रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और श्रद्धा कपूर भी है। ईडी के पास आया ये हाई प्रोफाइल मामला महादेव बुक नाम की बैटिंग ऐप से जुड़ा हुआ है।

केंद्रीय जाँच एजेंसी ईडी ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाज़ी (Mahadev Betting App) की ऐप को लेकर ही बॉलीवुड के कलाकारों को नोटिस जारी किया है। इस खबर के आने के बाद से ही महादेव बैटिंग एप को लेकर काफी चर्चा भी होने लगी है। अधिकतर यही बात सामने आ रही है कि इस कम्पनी पर मनी लॉन्ड्रिन करने के आरोप लगे है।

मामले की परते खुलने के बाद अब लोगो में ये सवाल भी उठने लगे है कि इस ऑनलाइन सट्टे की ऐप का मालिक और प्रमोटर कौन है, कहाँ से है? साथ ही इन लोगो की एक ऐप को बनाने की कहानी क्या है?

सौरभ चंद्राकर कैसे चर्चा में आए

सौरभ चंद्राकर का नाम बीते दिनों अपनी दुबई में हुई शादी के कारण सामने आया था। खास बात ये थी कि उन्होंने इस शादी में पानी की तरह से अकूत पैसा बहाया था। इतना ही नहीं उनकी इस हाई प्रोफाइल शादी में बहुत से बॉलीवुड के नामचीन कलाकार भी देखे गए थे।

200 करोड़ रुपए के खर्चे वाली इस शादी का वीडियो भारत की एजेंसी के पास आ गया। इस वजह से ही सौरभ चंद्राकर एवं कलाकारों के नाम चर्चा में बने हुए है।

जूस बेचने से सट्टेबाजी किंग बनने का सफर

कुछ ही वर्षो पहले तक सौरभ चंद्राकर (Sourabh Chandrakar) छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में जूस फैक्ट्री नामक जूस शॉप चलने का काम करता था। एक रोड पर जूस विक्रेता की इनकम तो सीमित ही रहती है किन्तु सौरभ के दिमाग में कुछ बड़ा करने की इच्छा प्रबल थी। उन्होंने अपनी महत्वकांशा को जूस की दूकान को आसपास के क्षेत्रों में फैलाकर पूरा करने की कोशिश की।

कुछ दिन बात सौरभ को जूस की दुकान चलने के साथ ही सट्टा खेलने की भी लत लग गई। पहले ऑफलाइन तरीके से सट्टे में हाथ आजमाए किन्तु कोविड महामारी के दौर में ऑनलाइन सट्टा लगाने की शुरुआत कर दी। इसी समय सौरभ के दिमाग में ऑनलाइन सट्टे की ऐप को बनाने की बात आई और उसकी मुलाक़ात रवि उप्पल (Ravi Uppal) से हुई।

शुरू हुआ ऐप से ठगी का खेल

सौरभ चंद्राकर एवं रवि उप्पल ने आपस में मिलकर सट्टे की ऐप को तैयार कर लिया और ये कोरोना का दौर था। सोशल मिडिया में ‘महादेव ऐप’ के नाम से प्रसिद्ध ये सट्टेबाजी का ऐप इस तरह से फैला कि थोड़े ही दिनों में इसके 50 लाख से ज्यादा सदस्य बने। इस समय लोगो के ऊपर ऑनलाइन गेमिंग का जूनून तो इनकी ठगी जोरो पर चली।

खास बात यह है कि महादेव ऐप से ठगी करने वाले सौरभ ने अपने राज्य यानि छत्तीसगढ़ के लोगो को ही सबसे ज्यादा ठगा है। पिछले साल ईडी की ओर से इस घोटाले की जाँच होने पर चौकाने वाला डेटा सामने आया था। इस ऐप के बैंक अकाउंट में एक ही साल के अंदर 5 हजार करोड रुपए से अधिक की धनराशि आई-गई है।

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ऐप से इस प्रकार ठगी की गई

महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप से सिर्फ 500 रुपए से ही खेल की शुरुआत हो जाती है। कम राशि रखने की वजह ज्यादा से ज्यादा यूजर तक ऐप पहुँचाना है। इस ऐप में पोकर, पत्ते, चान्स गेम, क्रिकेट, टेनिस, बैडमिंटन एवं फुटबॉल आदि खेलो के लिए लाइव ऑनलाइन सट्टे की सुविधा मिलती है।

अभी ऐप चार वर्षों से काम कर रहा है और इस ऐप को 70:30 के प्रॉफिट बेस पर फ्रेंचाइजी प्रदान करके चलाते है। इस समय ऐप का मेन हेड ऑफिस यूएई में ही है। साथ ही ऐप के लिए श्रीलंका एवं नेपाल में भी कॉल सेंटर लगाए गए है।

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