LIC MCap: अब टॉप-10 कंपनियों की लिस्ट से बाहर हुई एलआईसी, इतना रह गया मार्केट कैप

सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) के लिए शेयर बाज़ार अच्छा नहीं रहा है। एक बड़े समय के इंतज़ार के बाद जब कंपनी शेयर मार्केट में आई तो LIC IPO के बाद डिस्काउंट की सूची में शामिल हुई। इसके बाद एलआईसी का मूल्य लगातार कम होता गया। इस बात का प्रभाव कंपनी के बाजार कैप (LIC MCap) पर भी पड़ा। अब स्थिति यह है कि एलआईसी मार्केट कैप के अंतर्गत आने वाली देश की 10 सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों की सूची से बाहर हो चुकी है।
इन दो कंपनियों को स्थान मिला है
टॉप-10 कंपनियों की सूची से एलआईसी के बाहर होने के लिए बजाज फाइनेंस और अडानी ट्रांसमिशन (Adaani Transmeter) की भूमिका रही है। 30 अगस्त के दिन बाजार बंद होने पर बीएसई में अडानी ट्रांसमिशन का मार्किट कैप 4.43 लाख करोड़ रूपये था। इस कारण अडानी ग्रुप की यह कंपनी नौवे स्थान पर आ गयीं। इसके बाद बजाज 4.42 लाख करोड़ रुपयों के बाजार पूंजीकरण के साथ दसवे पायदान पर आयी। एलआईसी वर्तमान समय में 4.26 लाख करोड़ रूपए के एमकैप के साथ 11वें पायदान पर हो गयी है।
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एलआईसी के आईपीओ में गिरावट
एलआईसी का आईपीओ मूल्य 949 रुपए से 30 प्रतिशत की कमी के साथ मौजूद है। दूसरी ओर अडानी ट्रांसमिशन के शेयर में इस वर्ष 130 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। बजाज फाइनेंस ने इस वर्ष लाभ नहीं दिया है तो उसने अपने निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न भी नहीं दिया है।
जून तिमाही में LIC का कुल लाभ 232 गुना बढ़कर 682.89 करोड़ रूपये तक पहुँचा है। इसके इसके पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में LIC का कुल मुनाफा 3 करोड़ रूपये था। ध्यान रखना होगा कि एलआईसी का आईपीओ इसी वर्ष मई में आया था। एलआईसी के तर्क है कि उतार-चढ़ाव के कारण उसके लाभ में कमी आयी है।