‘शार्क टैंक इंडिया’ के नए जज रितेश अग्रवाल की कहानी, OYO को कैसे बनाया जानें

शार्क टैंक इंडिया : शार्क टैंक इण्डिया का सबसे बड़ा इंडियन पॉपुलर रियलिटी टीवी शो है। इस शो में नए नए एंटरप्रिन्योर अपने बिज़नेस प्लान को लेकर आते है, और शार्क टैंक के सामने दिखाते है।

उसके बाद शार्क के द्वारा यदि उनका बिज़नेस को पसंद किया जाता है, तो उनके प्लान को और आगे बढ़ाने के लिए फंडिंग दी जाती है। यह शो देश के आने वाले बच्चों और युथ के लिए बहुत ही बेहतर शो है।

इस शो को देखने से बच्चों के माइंड सेट होता है, और बिज़नेस को लेकर मंद ग्रोथ भी होता है। इस शो के अभी तक दो सीज़न आ गये है, और अब तीसरा सीजन आने वाला है।

इस शो में नए एन्टेर्प्रेनुएर की एंट्री होने वाली है, ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल इस बार शार्क टैंक के तीसरे सीजन में देखने को मिलेंगे और साथ शार्क की कुर्सी पर बैठे हुए दिखेंगे।

ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट करके दी है, इसके साथ ही रितेश के साथ साथ अनेकों शार्क टैंक भी शो में देखने को मिलेंगे।

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‘शार्क टैंक इंडिया’ के नए जज रितेश अग्रवाल की कहानी

रितेश का जन्म 16 नवंबर 1993 को ओडिशा में हुआ था, बचपन से ही रितेश का मन खुद का स्टार्ट अप करने का था। उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था, महज 8 साल की उम्र में रितेश ने कोडिंग्स सीखना शुरू कर दिया था।

उसके बाद दसवीं कक्षा पूरी रितेश ने ओडिशा से की, और फिर आगे की पढ़ाई को पूरा करने के लिए वो कोटा गए लेकिन रितेश का मन पढ़ाई में नहीं लगता था, जिसकी वजह से उनका कोटा इंजीनियरिंग में सिलेक्शन नहीं हुआ था।

18 साल की उम्र में रितेश दिल्ली आ गए थे, उनके उन्होंहे 2011 में Oravel Stays के नाम से एक कंपनी का स्टार्ट अप किया था। इसके अलावा रितेश ने 13 साल की उम्र में सिम कार्ड भी बेचें थे।

और पहले एशियन बने जिनका सिलेक्शन Thiel Followship में हुआ था, जिसके बाद 10 हज़ार डॉलर भी मिले थे। 2013 में उन्होंने Oravel को बदलकर OYO कर दिया था।

‘शार्क टैंक इंडिया’ के नए जज रितेश अग्रवाल ने OYO को कैसे बनाया जानें

रितेश को बचपन से घूमने का बहुत शौक था, वह अपने शहर और दूसरे शहरों के होटल को देखते थे। तो वहां के बाथरूम, बेडशीट सब कुछ बहुत गन्दा होता था, और यात्रियों को भोजन भी अच्छा नहीं मिलता था।

इन्हीं सबको देखते हुए रितेश के मन में ओयो को खोलने का विचार आया, परन्तु मिडल क्लास होने की वजह से उनके पास इतने पैसे नहीं थे। की वो यह सब अफ़्फोर्ड कर सकें, इसलिए उन्होंने कम पैसों में अच्छी सर्विस देने का निर्णय लिया।

और यह छोटे होटल्स की अच्छी सर्विस से कस्टमर्स भी बहुत खुश होते थे, इन्हीं सबकी वजह से उनका बिज़नेस धीरे धीर ग्रो करने लगा। और आगे बढ़ा, आज के समय में oyo होटल्स दुनिया के 80 से देशों में है। और 800 शहरों में है, जहाँ अच्छी सर्विस प्रोवाइड की जाती है।

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