भारत और कनाडा के बीच जारी विवाद को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने अमेरिका के वाशिंगटन में हो रहे प्रोग्राम में खुलकर बात रखी। उनका स्पष्ट किया कि कनाडाई पीएम के भारत पर आरोप का कोई आधार नहीं है। उनके मुताबिक़ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार जेक सुलिवन और विदेश मंत्री एन्टनी ब्लिंकन से मिलकर इस मामले पर वार्ता की है।
जयशंकर ने बड़ी बात कहते हुए कहा – ‘आज मैं सच में इस दशा में हूँ जहाँ हमारे राजनयिक कनाडा में दूतावास या फिर वाणिज्य दूतावास में जाना सुरक्षित नहीं मानते। अब उनको सार्वजानिक तौर पर डराने-धमकाने की घटना हो रही है। इन्ही सब बातो से कनाडा वीजा को अस्थाई तौर पर सस्पेंड करने की मज़बूरी है।
ये आरोप हमारी नीति में नहीं
जयशंकर वाशिंगटन के हडसन संस्थान में ये वार्ता कर रहे थे। उनके मुताबिक पहले कनाडा के पीएम (Justin Trudeau) ने निजी रूप से आरोप किये और फिर पब्लिक में भी भारत पर आरोप लगाए है। इसके बाद हमारी तरफ से निजी एवं पब्लिकली प्रतिक्रियाएँ दी गई है। ट्रुडो आरोप हमारे देश की नीति में ही नहीं है।
कनाडा में टॉक्सिक कॉम्बिनेशन बना – जयशंकर
विदेश मंत्री के मुताबिक़ इस समय कनाडा ऐसा देश बन चुका है जहाँ पर भारत में होने वाले संघठन के अपराधी जाने लगे है। इसके अतिरिक्त ह्यूमन ट्रैफिकिंग, अलगावी, हिंसा एवं आतंक का भी एक कॉकटेल बन रहा है। इस प्रकार से इन मामलो एवं व्यक्तियों का टॉक्सिक कॉम्बिनेशन बन चुका है जिनको उनके देश में पूरी जगह मिल रही है।
यूनाइटेड नेशन की विश्वसनीयता में कमी
इस कार्यक्रम में जयशंकर संयुक्त राष्ट्र पर भी बोले और उनका कहना है कि यूएन (UN) में भी सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश सुरक्षा परिषद में नहीं है। यानी दुनिया की सर्वाधिक बड़ी इकोनॉमी में पाँचवे नम्बर का देश सुरक्षा परिषद में नहीं है। 50 से भी ज्यादा देश वाले महाद्वीप को भी जगह नहीं दी है। इस कारण से जरूर यूएन की विश्वसनीयता में कमी आती है।
भारत-कनाडा मिलकर मामला सुलझाए
अमरीकी विदेश मंत्री एन्टनी ब्लिंकन (Antony Blinken) का कहना है कि भारतीय विदेश मंत्री से शुक्रवार में हुई मीटिंग में यह जताने का अवसर मिला है कि जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। उन्हें आशा है कि दोनों देशो के हमारे मित्र मिलकर इस मसले का हल निकालने पर कार्य करेंगे।
कनाडा कोई सबूत दिखाए – जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि उनको नहीं मालुम कि उन्हें गतिरोध शब्द का प्रयोग करना चाहिए अथवा नहीं। वहां के व्यक्ति भारत के व्यक्तियों पर आरोप लगा रहे है। यदि उनके पास कोई खास एवं मामले से जुड़ा था तो हम उसको लेकर वार्ता करने को तैयार थे। जयशंकर के अनुसार इस मामले को लेकर जिस समय तक कोई सबूत नहीं आते है तो क्या एक मामले को अलग देखना सही होगा।
यह भी पढ़ें :- दिल्ली ज्वैलरी शोरूम के चोरो के घर पर छापेमारी, चादर में मिली 18 किलो की ज्वैलरी
वीजा से जुड़े प्रश्न का जवाब दिया
वीजा को लेकर हुए सवाल पर जयशंकर बोले – ‘इस समय ऐसे हालात है जिसमे हमारे दूतावास, उच्चायुक्त, वाणिज्यिक दूतावास के ऊपर एक प्रकार का दबाव है। इनके विरोध में हिंसा का भी प्रचार-प्रसार जारी है। इस वातावरण में वीजा के काम कैसे कर सकते है चूँकि यह सभी कानून-व्यवस्था का भी मामला है। वियना कन्वेंशन के अनुसार सभी देशों को दूतावासों को सुरक्षा देनी है।
यह मामला दो देशो के बीच का नहीं बनना चाहिए। इस प्रकार का वातावरण भारत में नहीं है किन्तु कनाडा में प्रदर्शन किये जा रहे है। धमकियाँ भी कनाडा से ही मिल रही है और उनको अपने यहाँ पर सही एक्शन लेना चाहिए।