इजराइल ने हमास के खात्मे की जंग को जारी रखा है और वे इसके निर्णायक मोड़ पर भी बढ़ने लगे है। आईडीएफ के जवानो ने अभी तक गाजा में 2 मील की दूरी तक घुसपैठ कर दी है और हमास के लड़ाकों से उनको जबरदस्त चुनौती भी मिल रही है। पिछले 2 दशकों के बाद यह पहला ही अवसर है जब आईडीएफ ने फलीस्तीन के क्षेत्र में अपना झण्डा लगाया है।
खबरों के मुताबिक़, इस समय पर इजराइल की सीना आईडीएफ के जवान गाजा सिटी के एक भवन में अपने देश (Israel) का झण्डा फहराने में सफल हो गए है। एक यहूदी मिडिया पोर्टल ने इस घटना की वीडियो को जारी किया है। इसके बाद इन सैनिको का दावा है कि वे हमास को उस प्रकार से हरा रहे है जैसा कि विश्व ने ISIS के आतंकवादियों को मिटाया था।
इजरायल की आर्मी ने अपने बयानों में हमास जैसे कट्टरपंथी इस्लामिक को मानवता का शत्रु करार दिया है। उसको हराकर इजराइल विश्व को अच्छा करने की लड़ाई लड़ रहा है।
हमास के साथ और संघर्ष हो सकता है
जानकारों का मानना है कि इजराइल के अधिकारी गाजा में अधिक समय की पॉलिसी एवं रणनैतिक युद्ध का चिंन्तन नहीं कर रहे है। इसकी वजह है कि गाजा पर जमीनी कार्यवाही करना एक महँगा सौदा हो सकता है। किन्तु हमास भी लम्बे युद्ध की तैयारी करके बैठा हुआ है। भारत सहित यूएन, अमेरिका, ब्रिटेन, फ़्रांस इत्यादि ने भी इजराइल पर युद्ध को रोकने का दबाव बनाया है।
इजराइल के सामने 3 विकल्प
गाजा पर फिर से कब्जा करना – जानकारों के अनुसार इजराइल वैश्विक बिरादरी की परवाह करे बिना ही हमास का सफाया करने के मार्ग पर चल रहा है। अब यदि वो गाजा पर कब्जा कर लेता है तो उस पर फलीस्तीन के क्षेत्र पर शासन करने की जिम्मेदारी भी मिलेगी।पूर्व समय में भी साल 1967 और 1973 में इजराइल ने अरब लीग को लीग को शिकस्त देकर गाजा को कब्जाया था।
अमेरिकी प्रेसिडेंट जिम कार्टर के कहने पर इजराइल ने गाजा को छोड़ा था किन्तु साल 2005 में इजराइल ने गाजा से अपने जवान वापस ले लिये थे। 2007 में भी इजराइल ने गाजा में इलेक्शन को जीता था। हालाँकि अब बाइडेन ने भी इजराइल द्वारा गाजा पर कब्ज़ा करने को ‘एक बड़ी गलती’ करार दिया है।
हमास को मिटाकर गाजा छोड़ना – मध्य-पूर्व में ये लड़ाई लम्बी न चले और गाजा में शान्ति की स्थापना हो तो इसको लेकर इजराइल के पास एक अन्य विकल्प भी है। इजराइल चाहे तो गाजा से हमास को मिटा सकता है और वहां पर अपना शासन भी न करें। किन्तु ऐसी दशा में गाजा पर पूर्व समय से भी अधिक लड़ाई हो सकती है। चूँकि बहुत से ग्रुप हमास की जगह लेने की कोशिशे करेंगे।
बल्कि इजराइली जानकार भी ये मानते है कि यह नयी व्यवस्था वैसी ही होगी जैसी साल 2003 में अमेरिका से बाथ शासन के अंत के बाद ईराक में बनाने के प्रयास हुए थे। कुछ ग्रुप तो हमास से भी अधिक उग्र होंगे जोकि लोगो पर घातक हिंसा करेंगे।

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गाजा पर नया शासन हो – इजराइली जानकारों के अनुसार इतने कम टाइम में गाजा से हमास को मिटाना कठिन सा लगता है। हमास के दावे के अनुसार उनके पास 300 मील तक गहरी सुरंगे है और गाजा की घनी आबादी के क्षेत्र में शहरी लड़ाके भी है। ये लोग इजराइली आर्मी के समक्ष चुनौती खड़ी करेंगे।
अनुमान है कि इजराइल के द्वारा हमास को मिटाने के बाद भी यहाँ लोगो के मन में हमास वाले विचार बने रहेंगे। ऐसे में इजराइल को गाजा में किसी लोकल ग्रुप को ढूँढना होगा। इसके बाद एक नयी सत्ताधारी पार्टी को बनाने में ध्यान देना चाहिए। ये इस प्रयास में जनजातियों के दलों, गैर-सरकारी संघठनो, महापौर एवंप्राधिकरण को नियन्त्रित करने वाले राजनैतिक पार्टी ‘फतह’ के शीर्ष लोग हो सकते है।