INS Vikrant: छत्रपति शिवाजी महाराज को क्यों कहा जाता है ‘फादर आफ नेवी’, पीएम मोदी ने भी किया जिक्र

INS Vikrant: पीएम मोदी ने कोच्चि के एक कार्यक्रम में भारतीय नवी को देश का पहला स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) सौप दिया। इसके साथ ही ब्रिटिश परंपरा के ध्वज को बदलकर नया स्वदेशी ध्वज निशान का भी अनावरण किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भारत में नौसेना के जनक माने जाने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj)के योगदान को बताया। पीएम (PM Modi) ने अपने सम्बोधन में बताया कि छत्रपति शिवाजी ने समुदी क्षमता के दम पर ऐसी नौसेना को बनाया था जो दुश्मनों की नींद उड़ा देती थी।
समुद्री सीमा की रक्षा के लिए नौसेना तैयार की
भारतीय नौसेना को बनाने का श्रेय शिवाजी महाराज को देते है। ऐसी धारणा है कि मराठी राजा शिवाजी ने ही भारतीय नौसेना का आधार तैयार किया। सन 1674 में शिवजी महाराज ने ही नेवी सेना की स्थापना की थी। समुदी तटों पर बनाये नेवल ठिकानों को हिन्दू-मुस्लिम दोनों एडमिरल नियंत्रित करते थे। इस प्रकार से इनके द्वारा यह भाग अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और लुटेरों से सुरक्षित हो जाता था।
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सन 1654 में पहला जहाज बनवाया
उस समय पुर्तगाली पश्चिमी भाग से भारत पर हमला करके राज करना चाहते थे। उनका लक्ष्य भारत के व्यापार को कब्जाने का था। इसको रोकने के लिए शिवाजी महाराज ने एक सशक्त नेवी की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बात को ध्यान में रखते हुए पहला मराठा जहाज वर्ष 1654 में बनाया गया।
शिवजी महाराज की सेना में 500 जहाज
छत्रपति शिवाजी ने वर्ष 1657 से 58 तक कई जहाज बनवाये। उन्होंने बीस वोटरशिप को बनवाकर सेना के प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को सौपें। इन जहाजों के द्वारा जंजीरा कोस्ट लाइन पर सिद्दिस से बहुत सी लड़ाइयाँ हुई। शिवाजी की सेना में दो स्कवाड्रन थी एवं प्रत्येक में 200 जहाज शामिल थे। इनके समुद्री बेड़े में 5 हजार सैनिक शामिल थे। सेना में अफ़्रीकी मूल के सिद्दी इब्राहिम और दौलत खान सैनिकों को आर्टिलरी प्रभारी और अन्य जिम्मेदारी दी थी।