INS Vikrant तैरता हुआ एयरफील्ड है PM मोदी ने गिनाईं खासियतें, नेवी को मिला नया फ्लैग

INS Vikrant: भारतीय नौसेना में दूसरा एयरक्राप्ट कैरियर (IAC) शामिल हो गया है। पीएम मोदी ने सुबह कोच्चि में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में आईएनएस विक्रांत को देशसेवा में समर्पित कर दिया। पीएम ने देश को सम्बोधित करते हुए कहा – ‘केरल के समुद्री तट पर पूरा भारत एक नए भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर हो रहा यह आयोजन, विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है।’ उनके अनुसार यह सिर्फ पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर ही नहीं, समुद्र में तैरता किला है।
ध्यान रखे कि INS विक्रांत का डिज़ाइन, निर्माण कुछ पूरी तरह भारत में किया गया है। इस दौरान पीएम ने एक और महत्वपूर्ण काम किया, पीएम ने नौसेना के नए निशान का अनावरण किया। नए निशान की यह विशेषता है की वो औपनिवेशिक काल के असर से दूर है। इस नए निशान में बाई तरफ ऊपर की ओर राष्ट्रध्वज और दाई ओर अशोक स्तम्भ के नीचे लंगर अंकित है।
पीएम मोदी ने बताई INS Vikrant की खासियतें
मोदी ने विक्रांत के बारे में बताया – यह युद्धपोत से अधिक तैरता हुआ एयरफील्ड है। यह तैरता हुआ शहर है। इसमें पैदा होने वाली बिजली से 5 हजार घरों में रोशनी हो सकती है। इसका फ्लाइंग डेक दो फुटबॉल मैदानों से बड़ा है। इसमें इस्तेमाल किये तार कोचीन से काशी तक पहुँच सकते है।
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बजट और क्षमता बढ़ोत्तरी पर काम – पीएम
पीएम मोदी ने कहा – पुराने समय में इंडो-पैसिफिक रीजन और भारतीय सागर में सुरक्षा चिंताओं को लम्बे समय तक नज़रंदाज़ किया जाता रहा। किन्तु आज यह क्षेत्र हमारे देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता है। इस इसलिए आज हम नौसेना के बजट और क्षमता बढ़ाने तक की दिशा में कार्य कर रहे है।
पीएम के अनुसार – ‘बून्द-बून्द जल से जैसे विराट सागर बनता है। वैसे ही भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ मन्त्र को जीना शुरू करें, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।’
पीएम मोदी को गार्ड ऑफ हॉनर दिया गया
मोदी सुबह ही कोचीन शिपयार्ड पहुँचें। नौसेना के अधिकारियों ने उनका अभिनन्दन किया। इसके बाद पीएम को नेवी की तरफ से गार्ड ऑफ ऑनर मिला। थोड़ी देर के बाद पीएम ने पहले स्वदेशी युद्धपोत INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को सम्मिलित किया।
INS Vikrant is an example of Government’s thrust to making India’s defence sector self-reliant. https://t.co/97GkAzZ3sk
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2022
कैसे बना INS Vikrant?
नौसेना के मुताबिक पूरी योजना का 76 प्रतिशत भाग देश के संसाधनों से बनाया है। युद्धपोत के लिए गुणवत्ता वाले इस्पात को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) ने बनाया है। इसके साथ स्टील को बनाने में भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसन्धान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने सहायता दी है।
नौसेना के अनुसार युद्धपोत में लगी स्वदेशी चीजे इस प्रकार से है – 23 हजार टन स्टील, 2.5 हजार टन स्टील, 2500 किमी. विद्युत केबल, 150 किमी. के समान पाइप, 2000 वॉल्व। इसके अतिरिक्त हल बोट्स, एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेशन प्लांट्स और स्टेयरिंग के पुर्जे भी स्वदेशी है।