भारत और कनाडा के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले में भारत ने कड़ा एक्शन लिया है। भारत सरकार ने 10 अक्टूबर तक कनाडा को अल्टीमेटम दिया है जिसके मुताबिक़ उसे अपने 41 डिप्लोमेंट्स को 10 अक्टूबर तक अपने देश बुलवाना है। इसमें ये बात भी कही गई है कि यदि ये लोग इस टाइम पीरियड के बाद भी भारत में ही रहेंगे तो उनकी सभी रिहायते केंसिल होगी।
दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव के मध्य में भारत सरकार ने कनाडा की सरकार को अपने एक्स्ट्रा डिप्लोमेट्स को अपने देश वापिस बुलवाने को कहा है। भारत के इस कदम पर अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया आई है।
अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा
अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदान्त पटेल ने बयान जारी किया है कि वो (Vedant Patel) दोनों देशों के मध्य चल रहे राजनयिक गतिरोध से परिचित है। भारत में मौजूद कनाडा के उच्चायोग से उनको इसको लेकर सूचना मिल चुकी है। वो किसी कल्पना के मामले में नहीं रहना चाह रहे है और इस संकट को अमेरिका दोनों देशो के ऊपर छोड़ना चाहता है।
अमरीका ने ये बात भी फिर से कही है कि कनाडा ने जो भी आरोप भारत पर लगाए है वो काफी संवेदनशील है। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने मुताबिक़ वो कनाडा से संपर्क साधे हुए है और ये काफी जरुरी भी है कि भारतीय सरकार कनाडा की जाँच-पड़ताल में सहयोगी बने। ऐसे अपराधी न्याय के कठघरे में आ सकेंगे।
भारत के अल्टीमेटम पर अमरीकी प्रतिक्रिया
मिडिया से वार्ता के समय अमरीकी प्रवक्ता वेदान्त पटेल से सवाल किया गया – ‘क्या आपको चिंता नहीं है कि भारत के दर्जनभर कनाडाई डिप्लोमेट्स को देश से निकालने पर कनाडा की प्रतिक्रिया से दोनों देशो के कूटनीतिक सम्बन्ध अधिक बदतर होंगे? ये इंडो-पैसेफिक रणनीति पर क्या प्रभाव डालने वाला है?’
इस सवाल के उत्तर में वे कहते है कि मैंने दोनों देशों के डिप्लोमेट्स को लेकर रिपोर्टो को देख लिया है किन्तु मेरे पास इनको लेकर प्रतिक्रिया देने को कुछ भी नहीं है। मैं किसी मनघडंत बात में नहीं जाना चाहता हूँ और अपनी समूची प्रतिक्रिया में एक समय में एक कदम लेने की तैयारी में हूँ।
भारत की कनाडा को चेतावनी
बीते दिनों में भारत के विदेश मंत्री का कहना है कि हमारे देश में स्थित कनाडा के डिप्लोमेट्स की मात्रा भारत के कनाडा में मौजूद डिप्लोमेट्स के मुकाबले ज्यादा है। साथ ही विदेश मंत्रालाय ने विदेश मंत्रालय की तरफ से कनाडा के डिप्लोमेट्स को भारत के अंदरूनी मामलो पर दखल देने के आरोप भी लगाए है।
अभी कनाडा के 62 डिप्लोमेट्स भारत में है और इनमे से 41 के हटने की बात आने पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो (Justin Trudeau) ने कहा है कि कनाडाई सरकार कनाडा के परिवारों की सहायता हेतु भारत में आगे बढ़ना चाह रही है।
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कनाडाई विदेश मंत्री ने बयान जारी किया
कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली (Melanie Jolie)के अनुसार, भारत के द्वारा डिप्लोमेंट्स की वापसी के फैसले को लेकर उनकी सरकार भारत से संवाद बनाए हुए है। अभी तो ये तनाव के क्षण है और सही में दोनों सरकारों के मध्य टेंशन है। अभी ये पहले से भी काफी जरुरी है कि डिप्लोमेट्स अपनी जगह पर ही बने रहे और हम भी भारत के साथ सशक्त डिप्लोमेट में भरोसा रखते है।
वे इस पर बल देते हुए कहते है कि कनाडा की इच्छा भारत से वार्ता करने की है और भारत ने कनाडा की वीजा सर्विस पर बैन लगाया है। भारत ने कनाडा पर बहुत बार सतर्कता देने के बाद भी आतंकियों को शरण देने के आरोप लगाए है।