Gyanvapi Case Verdict: आज वाराणसी जिला कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद केश (Gyanvapi Case Verdict) में यह फैसला आने वाला है कि यह मामला सुनने लायक है या नहीं। वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा सम्बन्धी माँग के लिए न्यायालय फैसला दे सकता है। इस मामले में वाराणसी के जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश की अदालत निर्णय देने वाली है। दूसरी और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वाराणसी शहर में धारा 144 लगी हुई है।
हिन्दू पक्ष ने दलीले रखी
हिन्दू पक्षकार वकील मदन मोहन यादव ने दलील दी है कि ज्ञानवापी कही से मस्जिद नहीं, बल्कि यह मदिर का ही भाग है। इस मामले पर 1991 का उपासना स्थल अधिनियम नहीं लग सकता है। हिन्दू पक्ष ने मुस्लिम पक्षकारो की ओर से पेश किये जा रहे कागजातों पर भी प्रश्न किये है। अब सोमवार के दिन न्यायालय ने अपना फैसला सुनाने की बात कही है।
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प्रशासन के कड़े इन्तेजाम
इस समय वाराणसी में किसी भी प्रकार की दुर्घटना को ना होने देने के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर दिए गए है। जिले के पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश ने रविवार को ही बताया था – ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केश में जिला न्यायालय सोमवार को निर्णय सुनाने वाला है। इससे पहले ही धारा 144 को लगाने के निर्देश दे दिए गए है। साथ ही सभी धर्मगुरुओं से संवाद कायम करने के भी निर्देश दे दिए गए है।
लखनऊ में फैसले से पहले फ्लैग मार्च
ज्ञानवापी मामले में निर्णय आने से पहले पुलिस की ओर से फ्लैग मार्च किया गया। लखनऊ पुलिस आयुक्त एसबी शिराड़कर ने बताया – ‘आज महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है, पुलिस फ्लैगमार्च का मकसद समाज के लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना है।’
निर्णय आने तक राष्ट्रीय हिन्दू दल कार्यकर्त्ता का निर्जल उपवास
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद में पोषणीयता के केश में निर्णय आपने से पहले राष्ट्रीय हिन्दू दल ने अन्नजल छोड़कर अखंड पूजन को अपने घरों से ही शुरू कर दिया है। पुलिस के भारी दबाव के कारण मंदिर परिसर में पूजन को रोक दिया था। इसके बाद संघठन कार्यकर्ताओं ने फैसला आने तक अपने घरों से ही निर्जल व्रत रखते हुए पूजा-पाठ करने की घोषणा की है।
सिविल मामलों में सबसे लम्बी सुनवाई वाला केश
ज्ञानवापी मामले में पोषणीयता को लेकर वाराणसी के जिला न्यायाधीश एके विश्वेश की अदालत ने बीती 24 अगस्त को सुनवाई पूर्ण कर ली थी। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आर्डर के बाद कोर्ट में मामले की पोषणीयता को लेकर सुनवाई हो रही है। इस केश पर रूल 7/11 या फिर 6/11 लागु होने वाले है।
अभी तक के सिविल के मुकदमों में पोषणीयता में हुई सुनवाई में सबसे लम्बी हियरिंग है। 21 दिनों की सुनवाई के बाद 24 अगस्त के दिन जिला न्यायाधीश लखनऊ एके विश्वेश ने पाने फैसले को सुरक्षित रखा था।
फैसला मंजूर होगा – मुस्लिम पक्ष अधिवक्ता
मामले में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दीकी कहते है – ‘जो भी फैसला आएगा हमें मंजूर होगा।’ उन्होंने आगे बताया – पूरे केश में सर्वे से लेकर कमीशन एवं अन्य चीजों में शासन-प्रशासन के साथ अन्य लोगों ने भी हमें पूरा सहयोग दिया है।