IIT Delhi Courses: आईआईटी दिल्ली कोर्सेज के सिलेबस में अगले साल तक हो सकता है बड़ा बदलाव, समीक्षा के लिए किया एक्सपर्ट पैनल का गठन
ईआईटी दिल्ली काफी लंबे समय के बाद अपने कोर्सेज में बदलाव करने का फैसला किया है, इसके लिए एक्सपर्ट पैनल का गठन किया गया है, जिससे अब अगले साल से कोर्सेज में कई बदलाव देखे जा सकते हैं।

IIT Delhi Courses: इंडियन इंस्टीट्यू ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IIT, Delhi) काफी लंबे समय बाद अपने सभी पाठ्यक्रमों में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है, आपको बता दें आईआईटी संस्थान के नए निदेशक रंगन बनर्जी ने मीडिया रिपोर्ट्स को इस बारे में यह जानकारी दी, उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई को एक साक्षात्कार के दौरान बताया की ज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, ऐसे में कोर्सेज में भी इस गति के साथ परिवर्तन लाने की जरुरत है, जिसके लिए आईआईटी दिल्ली ने अपने सभी कोर्सेज के करिकुलम रिव्यू के एक पैनल का गठन किया है।
ईआईटी दिल्ली कोर्सेज के सिलेबस में अगले साल होगा बदलाव
आईआईटी दिल्ली के कोर्सेज में अगले साल बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जिसे लेकर निदेशक रंगन बनर्जी ने बताया की इतने सालों में आईआईटी लगातार विक्सित हुए हैं और वे अपने पूरे पाठय्रकम की समीक्षा की है, ताकि छात्रों का अनुभव बढा सकें। इसके लिए आईआईटी दिल्ली ने अपने सभी कोर्सेज के सिलेबस की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा की इंजीनियरिंग संसथान से लेकर पूर्ण विश्वविद्यालय बनने तक आईआईटी संस्थानों में पिछले वर्षों में बदलाव आया है।
निदेशक रंगन बनर्जी ने पाठ्यक्रमों की समीक्षा को लेकर यह भी बताया की यह काम 10 साल से ज्यादा समय के बाद किया जा रहा है, पिछले कुछ सालों में आईआईटी का स्वरुप बदल गया है अब आईआईटी केवल इंजीनियरिंग संस्थान नहीं है बल्कि पूरी तरह से विश्वविद्यालय के जैसे विकसित हुए हैं और यहाँ से कई तरह के कोर्सेज किए जा सकते हैं। जिससे अब अगले साल से कोर्सेज में कई बदलाव देखे जा सकते हैं, फिलहाल इस बारे में फैकल्टी द्वारा छात्रों के साथ व्यापक परामर्श किया जा रहा है।
पहले भी 2017 में आईआईटी दिल्ली ने किए थे बदलाव
आईआईटी दिल्ली की स्थापना के बाद से लगभग 54000 छात्रों ने इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान, प्रबंधन, मानविकी और सामजिक विज्ञान सहित विभिन्न विषयों में सनातक की उपाधि ली है, संस्थान, संस्थान ने कई सेसक्षणिक कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सेक्योरिटी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे नए क्षेत्र शामिल हैं। आपको बता दें इससे पहले भी आईआईटी में छात्रों की आत्महत्या से चिंतित, आईआईटी दिल्ली ने 2017 में अपने कोर्स में कुछ बदलाव करने का फैसला किया था, जिससे छात्रों को स्टडी प्रेशर से प्रभावी ढंग से निपटने और आत्महत्या की प्रवृत्ति को दूर रखने में मदद मिलेगी। आज की चुनौती है की छात्रों की ऐसी पीढ़ी जिनका अटेंशन स्पाइन कम है, ऐसे में सर्फ क्लास पढ़ाने पर फोकस नहीं हो सकता है, छात्रों को रियल-लाइफ प्रोजेक्ट्स पर काम करना होगा, जिससे वह प्रॉब्लम सॉल्विंग सीख सकें।
बदलते वक्त के साथ बदलाव की जरूरत
निदेशा रंगन बनर्जी ने इस संबंध में आगे कहा, की हम छात्रों के वास्तविक दुनिया से जोड़ने के लिए सभी कोर्सेज के पाठ्यक्रमों, चुनौतियों और अवसरों में सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए एक पूर्ण सुधार की जरुरत है, उम्मीद है की अगले साल हमे कई बदलाव देखने को मिलेंगे अभी हम संकाय, छात्रों और पूर्व छात्रों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं। जिससे अगले साल होने वाले बदलाव में कई चीजों को जोड़ा व हटाया जा सकता है।