Shruti Sharma Biography: जानिए कौन हैं यूपीएससी टॉपर श्रुति शर्मा?

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के द्वारा ली गयी सिविल सर्विसेज के एग्जाम – 2021 का अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में पहले स्थान पर बिजनौर, उत्तर प्रदेश की श्रुति शर्मा (Shruti Sharma) रही है। श्रुति सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली में अध्ययन कर चुकी है। इसके अलावा उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी से सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग ली है। इस बार की परीक्षा में जामिया के RCA से 23 छात्रों को सफलता मिली है।

पढ़ाई के बाद श्रुति ने सिविल सेवा की तैयारी के लिए इस्लामिया रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (RCA) को चुना। हम सभी इस बात से परिचित है कि सिविल सेवा परीक्षा (Civil Exam) बहुत कठिन होती है। इस साल के परीक्षा परिणाम ने सिर्फ 54 अभ्यर्थियों को टॉपर लिस्ट में जगह दी गयी है। इस लिस्ट में ही श्रुति शर्मा है नाम सबसे ऊपर है।

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शिक्षा, योग्यता एवं व्यक्तिगत जीवन

टॉपर श्रुति शर्मा एक विशेष अधिकार रखने वाली छात्रा है। वे स्वयं तो अविवाहित है और उनका परिवार अज्ञात है। टॉपर श्रुति शर्मा का जन्म उत्त्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हुआ था।

इसके पिता (डा० के एन शर्मा) एक सेवानिवृत प्रोफेसर है और माँ रचना (Rachana) एक निजी स्कूल में अध्यापिका है। उन्होंने कक्षा-5 तक कैम्ब्रिज प्राइमरी स्कूल से और इसके आगे कक्षा-12 की पढ़ाई को सरदार पटेल स्कूल से किया है। वे अपने विद्यालयी दिनों में छात्र कार्यकारी की मेंबर रह चुकी है।

इस समय श्रुति की आयु 26 वर्ष ही है और उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से इतिहास विषय के साथ बीए की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने दिल्ली में ही अपनी पढ़ाई को पूरा किया है। वह पोस्ट ग्रेजुएशन (MA) की पढ़ाई को जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय (JNU) से कर रही है।

इन सब की शौकीन है श्रुति

श्रुति को अपने आस-पास की लोगों में बहुत से परिवर्तन लाने की इच्छा है। वे जीवन में विभिन्नता में भरोसा रखती है और इसी कारण इनको नयी चीजों, भाषा एवं संस्कृति इत्यादि को सीखने में रूचि है। वे अपने शौक के बारे में बताती है कि उनको किताबे पढ़ना, नयी संस्कृतियों को खोजना और मूवीज देखना बहुत प्रिय है।

बहुत सी महिलाओं से प्रभावित है

बहुत से सफल व्यक्तियों की तरह ही श्रुति भी कुछ खास हस्तियों से प्रभावित हुई है। वह प्रथम रैंक पाने वाली श्रुति शर्मा देश की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी, महिला स्वतंत्रता सेनानी विजय लक्ष्मी पंडित, पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi Singh Patil) से बहुत प्रेरित हुई है। इन सभी लोगों की फोटो को श्रुति ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है।

पीएम मोदी ने ट्वीट करके बधाई दी

सिविल परीक्षा का परिणाम आने पर पीएम मोदी ने उम्मीदवारों का उत्साह बढ़ाते हुए बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है – “उन सभी को बधाई जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा, 2021 को पास किया है। इन युवाओं को मेरी शुभकामनाएँ जो भारत की विकास यात्रा के एक महत्वपूर्ण समय में अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत कर रहे है, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।”

दूसरे प्रयास में सफल हुई

सिविल सेवा परीक्षा में पहली रैंक बनाने वाली श्रुति शर्मा ने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण की है। पहली बार सिविल परीक्षा देने पर वे मात्र 1 अंक से रह गयी थी। इसके बाद भी हार या निराशा में ना जाते हुए और अच्छे से तैयारी करने का निश्चय कर लिया। शायद उनके विश्वास का ही परिणाम है कि इस बार की सिविल परीक्षा में बैठने पर उन्होंने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीदें कम ही परीक्षार्थियों से की जाती है।

घर में पढ़ाई का वातावरण

श्रुति खुद बताती है कि शुरू से ही उनके माता-पिता ने घर का माहौल पढ़ाई के लिए सख्ती का रखा है। खासकर उनकी माता घर में बच्चों की पढ़ाई को लेकर बहुत सख्ती बरतती रही है। घर के ऐसे वातावरण के कारण ही उन्हें पढ़ाई में बहुत सहायता मिली है।

तैयारी के दौरान मनोरंजन भी किया

श्रुति कहती है कि अक्सर यह देखा जाता है कि ज्यादातर विद्यार्थी सिविल परीक्षा की तैयारी के दौरान खुद को लगभग सभी चीजों से अलग थलग कर लेते है। लेकिन उनके मुताबिक ऐसा नहीं होना चाहिए वे इसके विपरीत पढ़ाई के बीच एक समयांतराल के बाद ब्रेक लेती रही। वे इस ब्रेक में अपने माइण्ड को फ्रेश करने के लिए टहलना एवं मूवी देखना पसंद करती थी।

श्रुति शर्मा से सम्बंधित मुख्य बिन्दु

  • अपने स्कूली दिनों में श्रुति छात्र कार्यकारी की मेंबर थी उनको सांस्कृतिक मामलों का सचिव बनाया गया था। स्कूल में उनका बहुत समय कार्यक्रमों के आयोजन करने में बिता है।
  • कॉलेज में आने के बाद वे संसदीय बहस, पारंपरिक बहस, विवाद की बारी बोली शैली इत्यादि बहसों का हिस्सा बनती रही है।
  • अपने मॉक इंटरव्यू में श्रुति ने कहा था – ‘मेरा मानना है कि मेरी एक निश्चित विशेषाधिकार प्राप्त पृष्टभूमि रही है, इसलिए मैं हमेशा कुछ ऐसा करना चाहती थी जिसमें मैं किसी तरह से समाज को वापस दे सकूँ।’
  • वे ग्लोबल सिनेमा को लेकर बहुत उत्साहित रही है इसी शौक से उन्होंने ईरानी और हांगकांग फिल्मों के साथ अन्य प्रकार की मूवीज देखी है।
  • वे सिविल परीक्षा में अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने कोचिंग संस्थान जामिया मिलिया इस्लामिया आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) को देती है, जहाँ पर उनको परीक्षा की तैयारी का अवसर मिला।
  • श्रुति की नानीजी ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया था कि उनकी इच्छा रही है कि श्रुति की माँ यूपीएससी की परीक्षा पास करें। लेकिन उन दिनों उनका परिवार गाँव में रहता था जहाँ से कोचिंग सेण्टर दूर था। इस कारण से श्रुति की माँ रचना उनकी नानी की इच्छा पूरी नहीं कर सकी।

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