Horse Business: राजस्थान के पुष्कर में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध मेला न सिर्फ अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां लगने वाली घोड़ों की बाजार भी अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। एक जमाने में राजा-महाराजाओं के शौक के रूप में देखे जाने वाले घोड़े, आज भी कई धनी व्यक्तियों के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक बने हुए हैं।
पुष्कर मेले का आयोजन हर साल होता है, जहां देश के विभिन्न कोनों से आए घोड़ा व्यापारी अपनी-अपनी दुर्लभ नस्लों के घोड़ों को प्रदर्शित करते हैं। इस मेले में घोड़ों की कीमत उनकी नस्ल, सुंदरता, ताकत, और अन्य खासियतों के आधार पर निर्धारित होती है। यहां मौजूद घोड़े 5 लाख रुपये से लेकर 11 करोड़ रुपये तक के हो सकते हैं।
पुष्कर मेले का मुख्य आकर्षण
इस मेले में आने वाले घोड़ा प्रेमी और शौकिया लोग अपनी पसंद के अनुसार इन घोड़ों का चयन करते हैं। हर घोड़े की अपनी एक विशेषता होती है जैसे कि उसकी गति, स्थायित्व, और सुंदरता। इस मेले का मुख्य आकर्षण यही है कि यहां आपको घोड़ों की विभिन्न और दुर्लभ प्रजातियां देखने को मिलती हैं, जिन्हें देखने और खरीदने के लिए देश भर से लोग आते हैं।
पुष्कर मेले के इस घोड़ा बाजार में एक अलग ही उत्साह और रौनक देखने को मिलती है, जो इसे न सिर्फ एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक समागम का भी रूप प्रदान करता है। यहां आकर लोग न सिर्फ घोड़ों की खरीदारी करते हैं, बल्कि उनकी विशेषताओं और उनके इतिहास को भी जानने का प्रयास करते हैं।
ऐसे होती है करोड़ों की कमाई
घोड़े की नस्ल और उसके व्यापार का महत्व समझने के लिए, हमें इसकी जड़ों में जाना होगा। पुराने समय से ही राजा-महाराजाओं के बीच घोड़ों की नस्लें, जैसे कि सिंधी, मारवाड़ी, काठियावाड़ी, नुकरा, और मलाणी, उनके शाही अस्तबल की शोभा बढ़ाती थीं। ये नस्लें न केवल उनकी शान का प्रतीक थीं, बल्कि ये घोड़े उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति के प्रतीक भी थे। आज भी, इसी परंपरा को निभाते हुए, अमीर और शौकीन लोग इन नस्लों के घोड़ों को पालते हैं।
ब्रीडिंग है कमाई का जरिया
घोड़ों की इन नस्लों की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें से कुछ घोड़े राजसी वंशावली के होते हैं, जिनकी कीमत करोड़ों तक पहुंच सकती है। इस व्यापार से कमाई का एक प्रमुख स्रोत है ब्रीडिंग। अच्छी नस्ल के घोड़ों से ब्रीडिंग कराने के लिए लाखों रुपये का चार्ज लिया जाता है, जिससे मालिकों को अच्छी आमदनी होती है।
घोड़ों के रख-रखाव पर भी खासा खर्च आता है, लेकिन उनके बाजार मूल्य और ब्रीडिंग से होने वाली कमाई इस खर्च को संतुलित कर देती है। इसके अलावा, घोड़ा रेसिंग भी इस व्यापार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अच्छी नस्ल के घोड़े रेस में भाग लेते हैं, जिससे मालिकों को बड़ी आमदनी होती है। रेसिंग का बाजार भी करोड़ों का है, जिसमें कई अमीर लोग निवेश करते हैं। इस प्रकार, घोड़ों की नस्ल और उनके व्यापार से जुड़ी इस दुनिया में बड़े पैमाने पर कमाई के अवसर मौजूद हैं।