Heart Attack Risk: इन आदतों के कारण बढ़ सकता है हार्ट अटैक का ख़तरा, आज ही बदलें ये अनहेल्दी आदतें

Heart Attack Risk: वर्तमान समय में, आधुनिक और व्यस्त जीवनशैली तथा अनहेल्दी खान-पान की आदतों के कारण हृदय रोगों, खासकर हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले यह माना जाता था कि दिल की बीमारियां केवल बढ़ती उम्र के साथ होती हैं, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। प्रसिद्ध हस्तियां जैसे कि सिद्धार्थ शुक्ला, पुनीत राजकुमार, और सिंगर केके का निधन भी हार्ट अटैक की वजह से हुआ था। हार्ट संबंधी बिमारियों का कारण हमारी रोजमर्रा की जीवनशैली में होने वाली आदतें हो सकती है, जिसका हमे पता नहीं होता, तो चलिए जानते हैं किन आदतों को बदलकर हम हार्ट अटैक जैसी बिमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं।

हार्ट अटैक क्यों होता है?

हार्ट अटैक, जिसे मायोकार्डियल इन्फार्क्शन भी कहा जाता है, आमतौर पर तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्रवाह में बाधा आती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं

  • कोरोनरी धमनी का रुकावट: हार्ट अटैक सबसे अधिक तब होता है जब हृदय को रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं। यह अवरुद्ध होने की प्रक्रिया आमतौर पर धमनियों की दीवारों में वसा, कोलेस्ट्रॉल, और अन्य पदार्थों के संचय से होती है। इस संचय को प्लाक कहा जाता है।
  • प्लाक का टूटना: प्लाक का टूटना या फटना भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। जब प्लाक फटता है, तो इसके आसपास रक्त के थक्के बन सकते हैं, जो धमनी में रक्त प्रवाह को और भी अधिक बाधित करते हैं।
  • जीवनशैली संबंधी कारक: धूम्रपान, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, मधुमेह, और निष्क्रिय जीवनशैली जैसे कारक हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • अन्य कारक: वंशानुगत प्रवृत्तियां, उम्र (पुरुषों में 45 वर्ष और महिलाओं में 55 वर्ष के बाद हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है), और पुरुष लिंग भी हृदय रोग के उच्च जोखिम कारकों में शामिल हैं।

हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी, बांहों, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, पसीना आना, और जी मिचलाना शामिल हो सकते हैं, इसलिए स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और नियमित स्वास्थ्य जांच इस गंभीर स्थिति से बचने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाने वाली आदतें

  • वजन पर कंट्रोल न रखना: मोटापा हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह का कारण बन सकता है, जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाते हैं।
  • तनाव: अधिक सोचना या किसी बात को लेकर ज्यादा स्ट्रेस लेने से शरीर में हॉर्मोन कार्टिसोल का प्रोडक्शन होता है, जो दिल की धड़कन के साथ-साथ बीपी को भी हाई करता है, जिससे दिल की बिमारियों का ख़तरा बना रहता है।
  • स्मोकिंग और टेंशन: धूम्रपान और अधिक तनाव धमनियों में प्लाक का निर्माण करते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
  • शराब पीना: अल्कोहल का रोजाना या कम मात्रा में एवं सेहत के लिए हानिकारण ही होता है, इसके कारण हार्ट बीट का तेज होना या कम होना या हाई ब्लड प्रेशर आदि समस्याएँ हो सकती है।
  • फिजिकल इनएक्टिविटी: शारीरिक निष्क्रियता से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ता है। नियमित व्यायाम इसे कम कर सकता है।

यह जानकारी न केवल जागरूकता बढ़ाती है, बल्कि इससे हमें हार्ट अटैक के खतरे से बचाव करने में भी मदद मिलती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जीवनशैली में छोटे बदलाव करके हम बड़े स्वास्थ्य जोखिमों से बच सकते हैं।

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