आज के समय में बहुत से लोग सिटींग जॉब करते देखे जाते है और महामारी के बाद लोगो में वर्क फ्रॉम होम का भी चलन काफी तेज़ी से बढ़ा है। किन्तु ऐसा करने वाले लोगो को इससे होने वाली समस्याओं से भी रूबरू हो जाना चाहिए। एक शोध में यह बात सामने आई है कि एक दिन में 12 घंटो से ज्यादा बैठना व्यक्ति के लाइफस्पैम में कमी ला सकता है।
एक निष्क्रिय जीवनशैली बहुत से रोगो की वजह बन सकती है। विशेषज्ञ कहते है कि एक ही स्थान पर बैठे रहना स्मोकिंग करने जैसे दुष्परिणाम देने वाला होता है। इस आदत से सेहत पर काफी ख़राब असर देखने को मिलता है और ऐसी निष्क्रिय जीवनशैली बॉडी खासकर पेट के आसपास वसा जमा करने लगता है।
लम्बे समय तक बैठने में हेल्थ प्रॉब्लम
पाचन ग्रंथि में परिवर्तन
काफी टाइम तक एक ही स्थान पर बैठने से पेट में पाचन ग्रन्थि एक्टिव हो जाती है और बॉडी में इन्सुलिन पैदा होने लगते है। इन हार्मोन्स से शेल्स को ग्लूकोज मिलना शुरू हो जाता है। यही बात भविष्य में डायबटीज़ का कारण बनने लगती है और दूसरे रोग भी बॉडी में पैदा होने लगते है।
मांसपेशियों का कमजोर होना
हमारे चलने फिरने वाले कामो में बॉडी की मांसपेशियाँ सक्रिय हो जाती है किन्तु बैठे रहने में हमारे पेट एवं पीठ की मांसपेसियों में ढीलापन आने लगता है। ऐसी दशा में बॉडी में कूल्हे एवं पैर की मांसपेशियो में कमजोरी आने लगती है। साथ ही काफी टाइम तक एक ही पोजीशन में बैठे रहने से भी यह समस्या हो सकती है कि रीढ़ की हड्डी सीधी ही न हो।
मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
काफी अधिक समय तक बैठे रहने की आदत से व्यक्ति का दिमाग भी प्रभावित होता है और इसके कार्य करने की स्पीड में कमी होती है। बॉडी की एक्टिविटी से दिमाग में शुद्ध खून एवं ऑक्सीजन पहुँचती रहती है जिससे मस्तिष्क में एक्टिवनेस बरक़रार रहती है। इस तरह से बॉडी की सक्रियता दिमाग को बोरियत में जाने से रोकती है।
आयु कम हो जाती है
ब्रिटेन में हुई शोध के परिणाम दिन में 8 घंटो से ज्यादा देर तक बैठने में वक्त से पहले मृत्यु की सम्भावनाएँ 9 से 13 फ़ीसदी बढ़ती है। ये खतरा ऐसे लोगो के साथ भी पाया गया है जोकि फिज़िकली काफी एक्टिव थे। इस रिसर्च से यह सिद्ध हो जाता है कि फिजिकली काई एक्टिव होने पर भी ज्यादा समय तक बैठे रहने पर प्रभावित होते है।
वजन बढ़ता है
प्रतिदिन शारीरिक सक्रियता बनाये रखने वाले लोगो की माँसपेशियो में लिपोप्रोटीन लाइपेज जैसी अणु निकलते है। इनसे बॉडी में वसा एवं चीनी को पचाने में हेल्प हो जाती है। कित्नु अधिक टाइम तक बैठे रहने में यह अणु कम मात्रा में ही निकलते है। इसका परिणाम होता है कि बॉडी के नीचे वाले भाग में वसा एकत्रित होने लगती है। इस दशा में वर्कआउट करने से भी खतरा बना रहेगा।
ऐसी दशा में बचाव के उपाय
गर्म पाने को लेना
बॉडी के नीचले भाग में वसा इकट्ठा होने पर सर्वाधिक अच्छा उपाय तो यही है कि प्रतिदिन मॉर्निंग में हल्का गर्म पानी पिएं। यह ध्यान रखे कि किसी भी मौसम में एकदम ठण्डा पानी न पिए। गर्म पानी न होने की दशा में सामान्य पानी भी ले सकते है। एक व्यक्ति को हर एक दिन में न्यूनतम 3 ली. पानी लेना जरुरी है और खाने के बाद 10-15 चले।
योग एवं व्यायाम करना
सुबह के समय पर सूरज के निकलने के समय व्यायाम अवश्य करना है। ऐसा करने से आपको अगले दिन स्पूर्ति महसूस होती है। इसके अलावा अपने रूटीन में स्ट्रेचिंग व्यायाम के लिए ताड़ासन करना चाहिए।

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- बैठे रहने के समय हर एक आधे घंटे में एक ब्रेक लेकर थोड़ा सा चल-फिर लें।
- बैठने में ऐसी चेयर को चुने जिसकी ऊँचाई सही हो और ये पीठ को अच्छे से सहारा देती हो।
- ऑफिस में लिफ्ट के स्थान पर सीढ़ी से आना-जाना अच्छा रहेगा।