Home Loan EMI: निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने होम लोन की ब्याज दरों में आज से वृद्धि कर दी है यानी अब एचडीएफसी के तहत होम लोन लेने पर नागरिकों को अधिक ब्याज देना पडेगा। इस पर बैंक ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया की बैंक की सभी अवधि वाले होम लोन की एमसीएलआर में 10 आधार अंक यानी 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है, जिसकी दरें आज से लागू हो चुकी है, चलिए जानते हैं एचडीएफसी बैंक के होम लोन की पूरी जानकारी।
आज से HDFC का होम लोन महंगा
एचडीएफसी बैंक द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बैंक की नई ब्याज दरें 07 सितंबर यानी आज से ही लागू जाएंगी इन नई दरों का आसर एक साल से लेकर सभी अवधि वाले कर्ज पर होगा। बैंक की और से मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में की गई यह बढ़ोतरी नए और मौजूदा दोनों तरफ से लिए गए कर्ज पर लागू होगी, इसमें होम लोन, ऑटो लोन सहित अन्य सभी तरह के लोन जो बैंक की एमसीएलआर से जुड़े हैं, उनकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
जाने अब कितना पहुँचा एमसीएलआर
HDFC का होम लोन के मुताबिक बैंक की ताजा बढ़ोतरी के बाद एक साल की एमसीएलआर बढ़कर 8.2 फीसदी हो गई है, जबकि ओवेरनाइट एमसीएलआर 7.9 फीसदी पहुँच गई है यानी होम लोन की ब्याज दरें अब से 8.2 फीसदी के आधार पर तय की गई हैं, यह जानकारी बैंक की वेबसाइट से मिली है। बता दें एक साल की एमसीएलआर ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है, क्योंकि होम लोन सहित लंबी अवधि के ज्यादातर कर्ज इसी रेट से जुड़े होते हैं। एचडीएफसी बैंक देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक है, जिसके चलते यह बैंक लोगों को सबसे अधिक लोन प्रदान करता है, इससे अब बैंक की ब्याज दरों में वृद्धि होने से सबसे अधिक लोग प्रभावित भी होंगे।
इस साल दो बार बढ़ी ईएमआई
एचडीएफसी बैंक की बात करें तो बैंक ने सन 2022 में अपने एमसीएलआर में दो बार बढ़ोतरी की है, बता दें की बैंक ने एक महीने का एमसीएलआर भी बढाकर 7.9 फीसदी, तीन महीने का 7.95 फीसदी और छह महीने का एमसीएलआर 8.05 फीसदी कर दिया है, यह बढ़ोतरी अभी केवल एचडीएफसी बैंक द्वारा ही की गई है अन्य बैंकों की और से इसपर कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
बैंक ने अप्रैल, 2016 में शुरू की यह व्यवस्था
बता दें बैंकों द्वारा अप्रैल 2016 से एमसीआरएल का गणित शुरू किया गया था, जिससे विभिन्न अवधि के कर्ज के लिए ब्याज दरों की गणना में फार्मूले का उपयोग किया जा सके। बैंकों की और से हर महीने अपने MCRL की समीक्षा की जाती है जिससे कर्ज के सही लागत का आंकलन किया जा सके, इसके लिए रेपो रेट तय करते समय कर्ज की लागत व अन्य खर्चों को जोड़ा जाता है, ताकि एक सही ब्याज दर तय की जा सकें। आरबीआई के मई से अब तक रेपो रेट में 1.40 फीसदी की वृद्धि की जा चुकी है, जिसके बाद से एचडीएफसी की तरह की कई बैंकों ने कर्ज भी महंगा कर दिया है।