गुलाम नबी आजाद से भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुलाकात पर सियासत गरम, कुमारी शैलजा ने की एक्शन की मांग

Ghulam Nabi Azadकुमारी शैलजा (Kumari Shailja) को भूपेंद्र सिंह हुडा और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad)की मुलाकात पसंद नहीं आई। इस कारण शैलजा ने हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल को एक पत्र लिखा। इस पत्र में शैलजा ने कहा है कि हुड्डा को कारण बताओं नोटिस भेजना चाहिए। गुलाम नबी के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद भूपेंद्र सिंह हुडा, पृथ्वीराज चौहान और आनंद शर्मा ने मुलाकात की है।Ghulam Nabi Azadकुमारी शैलजा (Kumari Shailja) को भूपेंद्र सिंह हुडा और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad)की मुलाकात पसंद नहीं आई। इस कारण शैलजा ने हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल को एक पत्र लिखा। इस पत्र में शैलजा ने कहा है कि हुड्डा को कारण बताओं नोटिस भेजना चाहिए। गुलाम नबी के कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद भूपेंद्र सिंह हुडा, पृथ्वीराज चौहान और आनंद शर्मा ने मुलाकात की है।
Ghulam Nabi Azad
मुलाकात से आपत्ति रखते हुए कुमारी शैलजा ने पार्टी हाई कमान से हुड्डा की शिकायत कर दी है। पत्र में कुमारी शैलजा की मांग है कि हुड्डा को कारण बताओं नोटिस भेजना चाहिए। कांग्रेस पार्टी से इस्तीफे के बाद आजाद गाँधी परिवार पर निशाना लगाते रहे है। दूसरी ओर कांग्रेस ने आजाद पर भाजपा के सहयोग का आरोप लगाया है। इस प्रकार से एक ओर मामले में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की आंतरिक मतभेद सामने आये है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी ने 26 अगस्त को पार्टी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने 5 पेज के लेटर में पार्टी की बदहाली के लिए गाँधी परिवार को दोषी बताया था। दूसरी ओर वे राहुल की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं की अवहेलना का आरोप लगाते रहे है।
राजनीति के नए समीकरण दिखेंगे
हुड्डा और आजाद की मुलाक़ात से हरियाणा कांग्रेस में हड़कंप मची तो दूसरी ओर जानकार इसे नए राजनीतिक समीकरणों की शुरुआत के रूप में देख रहे है। इन दोनों नेताओं की मुलाकात का सम्बन्ध भविष्य की राजनीति के विषयों पर चर्चा से ही जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे कांग्रेस की ओर से हरियाणा में हुड्डा (Bhupendra Singh Hudda) को फ्री-हैंड दिया गया है। इसी कारण से सम्भावनाएँ यही लग रही है कि वे कांग्रेस पार्टी छोड़ने में जल्दी नहीं करेंगे।
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हुडा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
हुडा के नजदीकी व्यक्तियों की माने तो यह मुलाक़ात करके हुडा ने अपनी दोस्ती निभाई है। इस मुलाकात को लेकर हुडा ने कोई खुलासा नहीं किया है। उनके अनुसार आजाद का पार्टी छोड़कर जाना दुर्भाग्यपूर्ण था।