गगनयान मिशन की पहली उड़ान टली, इसरो प्रमुख के अनुसार मिशन को फ्लाइट होल्ड पर डालने की वजह ढूंढ रहे

इसरो ने आज गगनयान मिशन के पहले लॉन्चिंग की तैयारी की गई थी किन्तु मिल रही खबरों के मुताबिक़ मौसम अनुकूल न होने के कारण से ये लॉन्चिंग नहीं हो पाई है। इसरो की ओर से सुबह के 8:30 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्चिंग करने की जानकारी दी गई थी।

हाल ही में चंद्रयान 3 एवं सूर्ययान मिशनों में कामयाब होने के बाद इसरो ने एक और मिशन को करने की योजना बनाई है। शुरू में तो इसरों ने इस (Gaganyaan) लॉन्चिंग का टाइम सुबह के 8 बजे का दिया था किन्तु अब में इसको थोड़ी बदलाहट करके 8.30 बजे कर दिया गया। इसरो के अनुसार उन्होंने लॉन्चिंग का टाइम सुबह के 7 बजे से 9 बजे के बीच का तय किया था।

इस साल में 21 अक्टूबर की तारीख पहले से ही इसरो के लिए काफी महत्वपूर्ण थी चूँकि इस दिन के लिए इसरो पहले से ही लॉन्चिंग की तैयारी कर चुका था। आज श्रीहरिकोटा टेस्टिंग रेंज से गगनयान मिशन की लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू किया गया किन्तु लॉन्चिंग के 5 सेकंड पहले ही टेस्टिंग को रोक दिया गया।

लॉन्चिंग टालने पर इसरो प्रमुख बोले

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने इस टेस्टिंग की लॉन्चिंग को टालने को लेकर कारण भी बताया है। उन्होंने (S. Somanath) कहा है कि गगनयान मिशन के अंतर्गत आज की तारीख में सुबह व्हीकल टेस्ट फ्लाइट (टीवी डी1) का पहला ही टेस्ट होना था। लेकिन अब मौसम में खराबी की वजह से इसको टालना पड़ा रहा है। इसको लेकर आगे भी अपडेट देते रहेंगे।

इसरो ने गगनयान मिशन के परिक्षण यान को लॉन्च करते समय इंजन में फायर न हो पाने की वजह से लॉन्चिंग के ठीक 5 सेकंड पहले ही इसको रोकने का फैसला किया है। इस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की लॉन्चिंग श्रीहरकोटा में 8 बजे हो रही थी।

मिशन में टेस्टिंग की जरुरत क्यों?

इसरो ने गगनयान मिशन के अंतर्गत मानव के साथ ही यान को अंतरिक्ष में पहुँचाने का प्रयास किया है। इसके अंतर्गत यात्री 3 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद पृथ्वी पर वापसी करेंगे। इस मिशन को यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से इसरो ने इस टेस्टिंग को करने की योजना बनाई थी।

गगनयान मिशन की रूपरेखा को जाने

गगनयान की पहली परीक्षण फ्लाइट की लॉन्चिंग के बाद रॉकेट क्रू मॉड्यूल के साथ 11.7 किलोमीटर की ऊँचाई पर पहुँचेगा। यान की गति से 1.2 गुना होने पर अबॉर्ट जैसी स्थिति तैयार करेंगे। इस ऊँचाई पर आकर परीक्षण यान मतलब रॉकेट से क्रू एस्केप को हट जाना है, क्रू मॉड्यूल इसी का भाग है। 90 सेकंडो के बाद ही क्रू मॉड्यूल भी क्रू एस्केप निकाय से अलग होना है।

इसके बाद इसमें से पैराशूट निकालेंगे और इसकी स्पीड में कमी करेंगे। इसके बाद दुबारा से करीबन 7 मिनट के टाइम में ही श्रीहरिकोटा तट से 10 किलोमीटर की दूरी पर इसको लैंडिंग होगी। इसके आगे की कार्यवाही इंडियन नेवी को करनी होगी।

लॉन्चिंग के बाद यान का क्या होगा?

लॉन्च होने के बाद ये टेस्ट फ्लाइट क्रू मॉड्यूल सागर में उतरने वाला है। इसके बाद इंडियन नेवी का एक यान एवं गोताखोर दल इसको सागर से बाहर लाने वाले है। इसकी लैंडिंग श्रीहरिकोटा तट से 10 किलोमीटर की दूरी पर करवाने की योजना है।

गगनयान मिशन के मुख्य उद्देश्य

इस मिशन के मुख्य रूप से 3 उद्देश्य तय किये गए है –

  • उडान को दिखाना एवं टेस्टिंग यान के सबसिस्टम की टेस्टिंग
  • यान का प्रदरसन एवं क्रू एस्केप निकाय सहित दूसरे निकायों की टेस्टिंग
  • क्रू मॉड्यूल के विभिन्न भागो की परफॉर्मन्स एवं इनकी रिकवरी

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इस गगनयान मिशन का भविष्य

इस मिशन के हो जाने के बाद इसरो ने अगले वर्ष में मानव के बिना ही पहली बार गगनयान मिशन अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है। इसका मतलब यह है कि ये यान अंतरिक्ष में यात्री के बिना ही जायेगा। इस अनमैन्ड मिशन(यात्री के बिना) की कामयाबी के बाद ही यात्री के साथ अंतरिक्ष मिशन करवाया जायेगा।

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