FD RULES: RBI ने बदल दिए है एफडी के नियम, जानें क्या बदलाव हुए हैं, नए नियम क्या हैं

नयी खबरों के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने फिक्स्ड डिपाजिट के नियमों (FD Rules) में काफी बदलाव किये है। नए नियम के मुताबिक अगर कोई लाभार्थी एफडी के मैच्योर होने पर क्लेम नहीं करेगा तो उसको एफडी पर ब्याज का नुकसान हो सकता है। जो लोग भी फिक्स्ड डिपोसिट (FD) में निवेश को अपने ... Read more

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Reported by Pankaj Yadav

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FD Rules : RBI ने बदल दिए है एफडी के नियम, जानें क्या बदलाव हुए हैं, नए नियम क्या हैं जानें

नयी खबरों के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने फिक्स्ड डिपाजिट के नियमों (FD Rules) में काफी बदलाव किये है। नए नियम के मुताबिक अगर कोई लाभार्थी एफडी के मैच्योर होने पर क्लेम नहीं करेगा तो उसको एफडी पर ब्याज का नुकसान हो सकता है। जो लोग भी फिक्स्ड डिपोसिट (FD) में निवेश को अपने लिए बेहतर विकल्प मानते है तो उन्हें RBI के नए नियमों के बाद आये बदलाव को जरूर जानना चाहिए। ध्यान रखे ये नए नियम प्रभावी भी हो चुके है। RBI के रेपो रेट के निर्णय के बाद विभिन्न पब्लिक और निजी बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी कर दी है।

इस खबर के बाद आपको FD करने से पहले नए नियम को जान लेना चाहिए नहीं तो आपको नुकसान भुगतना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक के रेपो रेट और CRR में वृद्धि के बाद लोन भी महँगा हो गया है। साथ ही फिक्स डिपाजिट करवाने वाले लोगों की भी चाँदी हो गयी है। इससे पहले भी विभिन्न बैंकों ने जनवरी महीने से ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू कर दी थी। इस खबर के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि बैंक की तर्ज से एफडी की ब्याज दरों में और अधिक बढ़ोतरी होने वाली है।

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FD की मेच्योरिटी के नए नियम

RBI ने एफडी को लेकर नया नियम पारित किया है इस नियम के मुताबिक यदि ग्राहक मैच्योरिटी की अवधि के पूर्ण हो जाने पर अपनी राशि पर दावा नहीं करता है तो उसको कम ब्याज दर मिलेगी। यह ब्याज दर सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर के समान ही होगी। सामान्यता बैंकों द्वारा एफडी पर 5 से 10 वर्षों के टाइमपीरियड के बाद 5 प्रतिशत तक ब्याज दिया जाता है। और एक बचत खाते पर 3 से 4 प्रतिशत तक ब्याज दर मिल जाती है।

RBI के नए नियम जाने

आरबीआई से मिली जानकारी के अनुसार यदि एफडी (fixed deposit) पर मेच्योरिटी टाइमपीरियड के बाद भी पैसों का भुगतान नहीं होता है या फिर इस का कोई क्लेम नहीं किया जाता है तो इस FD पर दी जाने वाली ब्याज दर बचत खाते के अनुसार ही मिलेगी। इसके अलावा FD के मैच्योर हो जाने पर तय ब्याज दर, जो भी कम होगी वह लागू की जाएगी। यह नए नियम सभी कमर्शियल बैंक, स्माल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, लोकल-रीजनल बैंक आदि की FD स्कीम्स पर मान्य होंगे।

माने किसी व्यक्ति ने 5 वर्षो की मेक्योरिटी टाइमपीरियड की FD को लिया है और इसका टाइमपीरियड पूर्ण हो जाने के बाद इसके पैसे पर क्लेम नहीं करते है। इस स्थिति में 2 सम्भावनाएँ बनती है। पहली, यदि आपको FD पर मिलने वाली ब्याज दर सम्बंधित बैंक के बचत खाते की ब्याज दर से कम हो तो आपको इस FD पर ब्याज दर पहले जैसे ही मिलेगी। और दूसरी स्थिति में, यदि आपको FD पर मिलने वाली ब्याज दर सम्बंधित बैंक के बचत खाते की ब्याज दर से अधिक है तो इस FD पर मेक्योरिटी के बाद बचत खाते वाली ब्याज दर प्रदान की जाएगी।

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FD के पुराने नियम को जान लें

अभी तक FD को लेकर नियम कुछ और थे। यदि ग्राहक अपनी FD के मैच्योर होने के बाद भी अपना पैसा क्लेम नहीं करता है। इस स्थिति में सम्बंधित बैंक इस FD की अवधि के पूर्ण होने के बाद आगे बढ़ा देते थे। किन्तु अब नए नियम के बाद बैंक ऐसा नहीं कर सकेंगे। इस स्थिति में तो बेहतर यही होगा कि ग्राहक अपने पैसे को FD के मैच्योर होने के बाद शीघ्रता से निकाल लें।

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