फैटी लीवर की बीमारी होने के लक्षण एवं इसकी रोकथाम के लिए परहेज़ जाने

भारतीय लोगो में फैटी लीवर समस्या हर साल बढ़ती ही जा रही है। इस साल भी करोडो लोगो को इस समस्या (fatty liver) ने अपनी चपेट में ले लिया है। इस रोग में पेट की मांसपेशियों में अधिक चर्बी का मात्रा इकट्ठा हो जाती है। इस बीमारी का मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, डाइट एवं शराब आदि है। फैटी लीवर की समस्या में लिवर सूजने लगता है।

यदि किसी व्यक्ति को इसकी समस्या ज्यादा समय तक रह जाए तो उसे लिवर सिरोसिस एवं लिवर ख़राब होने की भी समस्या होने के खतरे रहते है। सामान्यता इस प्रकार के व्यक्ति को लीवर के दाई ओर पेन, थकावट, कमजोरी एवं वजन घटाव की समस्या होती है। ऐसे लोगो के पैर भी सूज जाते है।

पैटी लीवर के मुख्य लक्षण

चेहरे पर मुहासे एवं एक्ने आना

बॉडी के हार्मोन में परिवर्तन होने पर फेस में मुहासे एवं एक्ने आना एक आम सी घटना है। किन्तु यदि किसी को बार-बार ये परेशानी होने लगी है तो इसको अनदेखा न करें। फेस पर बार-बार पिम्पल एवं एक्ने का आना फैटी लीवर बीमारी के संकेत है। चूँकि पेट में कुछ टॉक्सिन इकट्ठा हो जाते है जिसे चेहरे पर मुहासे (pimples) आते है।

त्वचा का पीलापन

फैटी लीवर की समस्या होने पर व्यक्ति का चेहरा पीला पड़ने लगता है। ऐसे इसलिए है जब लीवर सही से कार्य नहीं कर पाता है तो बॉडी में बिलीरुबिन नाम का पीला तत्व बनने लगता है। इसी के कारण से फेस एवं आँखों में पीलापन देखने को मिलता है। इस प्रकार के लक्षण प्रकट होने पर अपने लीवर की जाँच करवानी है।

चेहरे के लाल निशान

व्यक्ति के फेस और बॉडी पर लाल निशान आ जाना भी लीवर में खराबी की निशानी है। फैटी लीवर होने पर भी इस प्रकार से संकेत फेस पर दिख सकते है और ये देखने में मकड़ी के जले जैसे भी हो सकते है। ऐसी दशा को मेडिकली टर्म में स्पाइडर एंजियोमस कहते है।

आँखों के नीचे सूजन होना

वैसे आँखों के नीचे बहुत से कारणों से सूजन आ जाती है। नींद कम लेने से और अधिक तनाव में रहने से भी आँखों के नीचे सूजन आने लगती है। किन्तु ये परेशानी ज्यादा समय तक होने पर फैटी लीवर की समस्या हो सकती है। इसको ध्यान में लेकर तुरंत ही उपचार करवाना चाहिए।

सूखी एवं खुजली वाली स्किल

बॉडी की स्किन का सूखा एवं खुजली वाला हो जाना भी फैटी लीवर बीमारी की निशानी है। बॉडी में पित्त की मात्रा बढ़ जाने से त्वचा काफी सूखी होने लगती है और इसमें खुजली की शिकायत भी रहने लगती है। इस प्रकार की समस्या होने पर तुरंत ही चिकित्सक से संपर्क करना है।

फैटी लीवर बीमारी के परहेज़

वजन कम करें

ज्यादा वजन भी फैटी लीवर का कारण होता है और इस बीमारी के खतरे को कम करने में मोटापा घटाना काफी जरुरी है। इस काम के लिए रोजाना थोड़ा वर्कआउट करना चाहिए। फ़ास्ट फ़ूड आदि से दूर रहकर स्वस्थ्य जीवन जिये।

शराब पर नियंत्रण करें

ज्यादा मात्रा में शराब को लेने से फैटी लीवर की समस्या काफी अधिक हो जाती है। या तो शराब को बंद कर दें अथवा ऐसा न होने पर सीमित मात्रा में ही शराब लेनी है।

स्वास्थ्य को संतुलित करें

जिन लोगो को भी मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं हाई कोलेस्ट्रॉल आदि की परेशानी हो तो उनको इन सभी समस्यायों को बैलेंस करना है। फैटी लीवर की बीमारी व्यक्ति की इन सभी बीमारियों को बढ़ाने का काम करती है।

स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें

अपने डॉक्टर की सलाह से बताए गए भोजन को ही लेना शुरू करें और खाने के मामले में रिफाइंड मिठाई एवं चीनी की मात्रा में कमी लाए। खाने में सिर्फ स्वास्थ्यदायक चीजे जैसे फल, सब्जियाँ, मोटा अनाज, लीं प्रोटीन एवं स्वस्थ्य वसा को शामिल करें।

गैर-जरुरी दवा न लें

ऐसे लोगो को अपनी मर्जी से मेडिकल शॉप से दवाई नहीं लेनी चाहिए। इसके अतिरिक्त भी कोई बीमारी होने पर अपने चिकित्सक के परामर्श से ही दवाईयाँ लें।

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किसी भी दशा में फैटी लीवर की बीमारी को नजरअंदाज न करें और पेट में दर्द, थकावट के लक्षण दिखने पर अच्छे से अपनी जाँच करवा लें।

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