Fact Check: कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर फैलाया जा रहा भ्रम, जाने क्या है वायरल खबर की सच्चाई?

Fact Check: कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर से खबरें सुनाई देने लगी हैं, जिससे लोगों में कोरोना से बढेने वाले केसेज का डर सताने लगा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर भी इन दिनों कोरोना वायरस के एक वैरिएंट को लेकर नए संदेश सामने आ रहे हैं, बता दें चीन में कोरोना संक्रमण को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, जिसका कारण है कोरोना का वैरिएंट बीएफ 7 जिसकी वजह से वहाँ रोजाना हजारों मौतें हो रही हैं। इस वायरस के नए वैरिएंट को लेकर भारत में भी इसे लेकर सतर्कता बढ़ गई है। ऐसे में कोरोना के इस नए वैरिएंट से पहले देश में पाए जा रहे ओमीक्रान एक्सबीबी वैरिएंट को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रांतियां सामने आ रही है।

कोरोना के इस वैरिएंट को लेकर इन दिनों व्हाट्सएप पर इसके बचाव और इसके लक्षण बताए गए हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए है इस मैसेज में कई तरह की जानकारियां दी गई हैं, इसमें वैरिएंट के लक्षण और कारणों पर जानकारियां दी गई हैं, जिसमे ओमीक्रान एक्सबीबी वैरिएंट को डेडली और आसानी से न पकड़ने वाला बताया गया है।

पीआईबी ने इस संदेश को बताया फर्जी

सोशल मीडिया पर कोरोना के एक्सबीबी वैरिएंट को लेकर फैल रही इस खबर को लेकर पीआईबी (पब्लिक इन्फॉर्मेशन ब्यूरो) फैक्ट चेक ने इस तरह के संदेश को फर्जी बताते हुए इसे किसी भी तरह शेयर न करने की हिदायत दी है, पीआईबी ने अपने इस संदेश में लिखा हैं की यह वायरस बहुत ही खतरनाक है और इसे आसानी से डिटेक्ट नही किया जा सकता है। इसके लक्षणों में न ही कफ आता है और न ही खासी आती हैं और इससे जोड़ों में दर्द, सिर, गले, पीठ में भी दर्द बना रहता है और निमोनिया जैसे कई शिकायतें भी सामने आती हैं।

एक्सबीबी को डेल्टा से पांच गुना घटक माना जाता है जिसकी वजह से कभी-कभी इसके लक्षण भी सामने नहीं आते हैं। इस वायरस को लेकर कई मरीजों का कहना है की उन्हें इस दौरान किसी तरह की शिकायत नहीं थी, मगर जब उनकी जांच की गई तो पता चला की उन्हें हल्का निमोनिया है, ये संक्रमण धीरे-धीरे इंसान को बीमार करता है।

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इस संदेश को आगे न बढ़ाएं

पीआईबी ने इस मैसेज की जांच के बाद इसे फर्जी बताते हुए इस पर यकीन न करने की लोगों से अपील की है, पीआईबी का कहना है की इस संदेश को आगे न बढ़ाएं क्योंकि इस तरह के संदेश लोगों तक भ्रामक जानकारियां पहुँचाती हैं, इससे लोगों में कोरोना को लेकर भ्रम फैलाने का काम किया जाता है। इसके लिए यह बेहद ही जरुरी है की अगर इस संदेश आपको मिलता है तो उसे अपने फोन से हटा दें और इसे दूसरों को फॉरवर्ड न करें। इससे पहले भी पीआईबी ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई भ्रामक मैसेज्स के फैक्ट चेक के जरिए सच्चाई आम जनता के सामने रखी है, ऐसे में यह जरुरी है की किसी भी मैसेज पर विश्वाश करने से पहले इसे क्रॉस चेक अवश्य कर लें, क्योंकि इस तरह के मैसेज्स लोगों को केवल भ्रमित करने का काम करते हैं।

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