जॉब चेंज करने पर PF के पैसे को निकलना नुकसान देगा, पैसे ट्रांसफर का सही तरीका जान लें

नौकरी पेश लोगो के वेतन में से एक निश्चित हिस्सा पीएफ (EPFO) के रूप में जमा हो जाता है। सरकार की तरफ से इस जमा राशि पर वार्षिक हिसाब से ब्याज भी दिया जाता है। इस साल में सरकार ने पीएफ पर 8.15 प्रतिशत ब्याज निर्धारित किया है। किन्तु कुछ लोग जॉब चेंज होने के बाद ही पीएफ की राशि की निकासी कर लेते है।

प्रोविडेंट फण्ड के पैसे को निकलने पर काफी हानि मोल ले रहे है। इसको लेकर सच्चाई का पता चलने पर सभी को पछतावा जरूर होगा। पीएफ की सेविंग प्रणाली को कर्मचारी के लिए बड़ी राशि एकत्रित करने के लिए बनायीं गई है। इस तरह से नौकरी करने वालो के मूल वेतन का एक भाग पीएफ के रूप में जमा हो जाता है।

कम वेतन वाले भी अच्छी सेविंग करेंगे

अब प्रश्न आता है कि नौकरी बदलने पर पीएफ निकासी पर नुकसान कैसे होता है? इसके एक उदाहरण से जाने कि एक व्यक्ति का वेतन 15,000 रुपए है और पीएफ के रूप में उसके अकाउंट में प्रति माह 2,351 रुपए जमा हो रहे है। इस रकम में व्यक्ति एवं उसके मालिक का अंशदान हो रहा है।

इस समय के 8.15% ब्याज के अनुसार प्रति माह में 2351 रुपए पीएफ अकाउंट में आएंगे तो 10 वर्षों में कुल 4.34 रुपए की राशि आ जाएगी। 20 वषों में ये राशि 14.11 लाख रुपए होगी। नौकरी से सेवानिवृति के समय पर 40 वर्षों के टाइमपीरियड में 86 लाख रुपए की रकम पीएफ अकॉउंट में होगी।

किन्तु जॉब बदलने पर पीएफ की राशि की निकासी करने पर व्यक्ति का हाथ खाली हो जाता है। तो ऐसी दशा में पीएफ की राशि को ट्रांसफर करने में ही लाभ है। चाहे तो बड़ी सरलता से एक ही UAN नम्बर के अंतर्गत ही पीएफ खाते का विलय कर सकते है।

पीएफ खाते के विलय की प्रक्रिया जाने

  • सबसे पहले ईपीएफओ की वेबसाइट https://www.epfindia.gov.in पर जाकर UAN संख्या एवं पासवर्ड से लॉगिन करें।
  • होम पेज में ‘ऑनलाइन सर्विसेज’ में जाकर “One Member One EPF Account (Transfer Request)” विकल्प चुने।
  • अब अपनी व्यक्तिगत जानकारी एवं वर्तमान नियोक्ता के पीएम खाते को सत्यापित करें।
  • गेट डिटेल्स विकल्प चुनने के बाद स्क्रीन पर पुराने वाले नियोक्ताओं की सूची आ जाएगी।
  • इस जगह आपको ट्रांसफर किये जाने वाले खाते को चुनकर ‘Get OTP” बटन दबाना है।
  • पंजीकृत मोबाइल पर मिले ओटीपी नम्बर को डालकर “Submit” बटन दबा दें।

जॉब चेंज करने पर ये प्रक्रिया करने पर काफी लाभ होगा चूँकि ये ऑनलाइन प्रक्रिया काफी आसान भी है। पीएफ में दिए गए पैसे पर खाताधारक एवं नियोक्ता को टैक्स में रिहायत मिलती है।

वेतन की कटौती को जाने

पीएफ खाते के लिए व्यक्ति के वेतन से 12 प्रतिशत की राशि कटती है। नियोक्ता की ओर से कर्मचारी के वेतन में से हुई कटौती का 8.33% EPS (एम्प्लॉई पेंशन स्कीम) और 3.76% EPF में चला जाता है। इस जमा होने वाली रकम का पीएफ बैलेंस भी ऑनलाइन तरीके से बड़ी सरलता से देख सकते है।

epfo online
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रिटायर होने पर ही पैसे निकाले

पीएफ खाते की सेविंग को रिटायरमेंट योजना की तरह ही लेना अच्छा रहता है। जानकारी की राय में प्रोविडेंट फण्ड (PF) से पैसे की निकासी रिटायर होने के बाद ही करनी अच्छी रहेगी। इसकी वजह है कि इससे कर्मचारी को एक ही बार में बड़ी राशि मिल जाती है। ये बड़ी रकम किसी भी आर्थिक जरुरत को पूर्ण करती है।

एक बिंदु और भी है कि यदि किसी वजह से पीएफ खाते से पैसे निकलने पड़ते है तो कुछ केस में इस राशि पर टैक्स भी देना पड़ सकता है। हालाँकि पीएफ खाते के खुलने के 5 वर्ष होने के बाद रकम निकलने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।

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