आयुर्वेदिक डॉक्टर, मॉस्को में क्लीनिक और अब केरल के गुरुवयूर मंदिर के मुख्य पुजारी, जानिए कौन हैं डॉ. किरन आनंद

आने वाले 6 महीनों के लिए 1 अक्टूबर से केरल में गुरुवयूर के प्रसिद्ध श्रीकृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी किरण आनन्द नंबूथिरी (34 वर्षीय) की नियुक्ति हुई है। किरण (Kiran Anand Namboothiri) एक होमियोपेथी चिकित्सक है और चार महीने पहले तक अपनी पत्नी मानसी के साथ मॉस्को (रूस) में एक क्लिनिक चला रहे थे। उस समय उन्होंने मंदिर में शीर्ष पद के लिए आवेदन किया था। 41 आवेदकों में से 39 को स्वीकृति दी जा चुकी है। अब ड्रा को निकालकर यह तय किया गया कि छह महीनो तक मंदिर का मुख्य पुजारी कौन होगा।

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लक्की ड्रा में नंबूथिरी का नाम निकला जिस पर उन्होंने बहुत ख़ुशी जाहिर की। वे इसको अपने ऊपर बड़ा आशीर्वाद मानते है। वे इसको लेकर काफी खुश है और अब ये एक बड़ी जिम्मेवारी होगी। उनकों भरोसा है कि भगवान गुरुवयूर अप्पन उनकी सहायता करेंगे। किरण नंबूथिरी कक्कड़ ओथिक्कन परिवार से आते है। अब उनको 30 सितम्बर के दिन पदभार सम्हालना है।
- डॉ किरण आनंद को केरल के गुरुवयूर मंदिर में ‘मेलशांति’ के रूप में नियुक्ति मिली है।
- नंबूदिरी पेशेवर आयुर्वेदिक चिकित्सक है।
- डॉ आनंद ने 6 सालों तक मॉस्को (रूस) में क्लीनिक चला चुके है।
- मेलशांति मदिर का मुख्य पुजारी है जो विशेष पूजा अनुष्ठानों का आयोजन करता है।
डॉ किरण आनंद का परिचय
एक पुरोहित परिवार से सम्बंध रखने वाले किरण आनंद ने ब्रह्मश्री नारायण मंगलात अग्निशमन नंबूदिरी से ऋग्वेद की शिक्षा ग्रहण की है। उनके दादा नंबूदिरी मंदिर में पाँच बार पुजारी के पद पर नियुक्ति पा चुके है। किरण के छोटे चाचा देवादसन नंबूदिरी दो बार इस पद पर नियुक्त हुए थे। किरण के पिता कक्कड़ आनदंन नंबूदिरी ने इस अवसर पर कहा -‘मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे बेटे की मेलशांति के रूप में नियुक्ति हुई है। यह मेरा सपना था, लेकिन पूरा ना हुआ, अब भगवान गुरवयूराप्पा के आशीर्वाद से मेरे बेटे का इस पद के लिए चयन हुआ।’
किरण आनंद ने कोयम्टूर के आयुर्वेद फार्मेसी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई करी है। इसके बाद उन्होंने 6 सालों तक रूस एवं थोड़े समय दुबई में कार्य किया है।
डॉ किरण आनंद एक अच्छे म्यूजिशियन और मृदंग विद्वान भी है। इसके साथ ही वे मंदिर में होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में भी महारत रखते है। इनकी पत्नी मानसी भी आयुर्वेदिक चिकित्सक है और इंस्टाग्राम पर बहुत सक्रीय रहती है, इस कारण उनके करीब 1,700 से अधिक फॉलोवर्स है। 30 सितम्बर की रात को डॉ आनंद पद ग्रहण करने वाले है और 1 अक्टूबर से आने वाले छह महीनों के लिए मुख्य पुजारी की जिम्मेदारी निभाएंगे।
पूजा में पूरी तरह तल्लीन हो जाता हूँ – डॉ आनंद
इन सभी के बारे में किरण बताते है – ‘मेरी समझ में हमारे सबसे आनंददायक क्षण वे होते है जब हम उन गतिविधियों और विचारों को आगे बढ़ाने में सक्षम होते है जो किसी और को नुकसान पहुँचाए बिना हमें ख़ुशी देते है। जब मैं पूजा कर रहा होता हूँ तो मैं मानसिक रूप से उस मनः स्थिति में आ जाता हूँ और उसमें पूरी तरह से तल्लीन हो जाता हूँ।’