हिन्दू धर्म में धनतेरस पर्व का काफी महत्व है जिसको देशभर में हर कोई बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास से मनाता है। भक्त अपने तरीके से भगवान कुबेर, धन्वंतरि एवं माँ लक्ष्मी को पूजन के द्वारा प्रसन्न करते है। साथ ही अपने घरो एवं कार्यस्थल पर दिये एवं मोमबत्ती भी प्रज्वलित करते है। प्रत्येक वर्ष दीपावली से दो दिन पूर्व धनतेरस का त्यौहार होता है।
हिन्दू कैलेण्डर के मुताबिक़ कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में धनतेरस का पर्व मनता है और इस वर्ष में 10 नवंबर शुक्रवार को धनत्रयोदशी (Dhanteras) पड़ रही है। आज के दिन नए बर्तन, सोने-चाँदी के गहने आदि की खरीद करना काफी पवित्र माना गया है।
धनतेरस की पौराणिक कथा
शास्त्रों में धनतेरस त्यौहार को लेकर कथा का भी उल्लेख मिलता है। कथा है कि इस दिन (Dhanteras) घर से यमराज के लिए दीपदान होता है। इस कारण से इस घर में किसी की भी अकाल मौत नहीं होती है। इस दिन की शाम को घर के भीतर एवं मुख्य दरवाजे पर 13-13 दियो को जलाना चाहिए। आज के दिन मुख्य दिया रात्रि के समय पर सोने से पूर्व जलाते है।
रात वाले दिये को जलने में पुराने वाले दिये को इस्तेमाल करते है। इस दिये को घर के बाहर की ओर दक्षिण की देश में मुख करते हुए जलाना होता है। इसका कारण यह है कि दक्षिण की दिशा में यमराज का वास होता है। इस दिये को घर में घुमाने से सभी नेगेटिव इनर्जी समाप्त होती है।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
उदयतिथि के मुताबिक़ इस साल 10 नवंबर के दिन धनतेसर मनाया जा रहा है। इस वर्ष धनतेरस की त्रयोदशी तारीख 10 नवंबर दिन के 12:35 बजे से प्रारम्भ होने वाले है। धनतेरस के मुहूर्त की समाप्ति 11 नवम्बर (शनिवार) को दिन में 1:57 बजे होनी है।
धनतेरस की पूजा का मुहूर्त
धनतेरस में सही समय पर पूजन करने से उचित लाभ मिलते है और आज के दिन शाम को 5:47 बजे से शाम के 7:43 बजे तक पूजन करने का समय रहेगा। यानी पूजा करने के लिए 1 घण्टे 56 मिनट का समय मिल रहा है।
प्रदोष काल
साय के 5:30 बजे से प्रारम्भ होने के बाद साय के 8:08 बजे तक होगा।
धनतेरस में पूजा विधि
आज के दिन साय के समय पर उत्तर दिशा की तरफ कुबेर एवं धनवंतरी को स्थापित करना है। इन दोनों के समक्ष एक-एक घी का दिया भी जला दें। भगवान कुबेर को सफ़ेद एवं धनवन्तरी को पीला मिष्ठान का भोग लगाए।
इनके पूजन के समय “ॐ ह्रीं कुबेराय नमः” मन्त्र जपना है और इसके बाद ‘धनवन्तरी स्तोत्र’ का पाठ करें। पूजन होने के बाद भगवान कुबेर को धन के स्थान एवं धनवन्तरी को पूजन स्थल पर जगह दें।
धनतेरस के दिन दीपदान का महत्व
इस दिन दीपदान करने की परंपरा रही है और मान्यतानुसार इस दिन जिस भी घर से दीपदान होता है वहां किसी की भी अकाल मौत नहीं होती है। इसके साथ ही सही विधि से घर में दिये प्रज्वलित करने पर घर की सभी नेगेटिव इनर्जी मिट जाती है।
धनतेरस पर खरीदारी का मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त – धनतेरस के दिन सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक यह मुहूर्त रहेगा।
- शुभ चौघड़िया – सामान खरीदने के लिए दूसरा सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर 11:59 बजे से दोपहर 1:22 बजे तक रहेगा।
- चर चौघड़िया – खरीद के लिए सबसे अच्छा तीसरा महूर्त साय के 4:07 बजे से साय के ही 5:30 बजे तक रहने वाला है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने धनतेरस की बधाई दी
देश के मेरे सभी परिवारजनों को आरोग्य एवं सुख-समृद्धि के प्रतीक पर्व धनतेरस की बहुत-बहुत बधाई। मेरी कामना है कि भगवान धन्वंतरि की कृपा से आप सभी सदैव स्वस्थ, संपन्न और प्रसन्न रहें, जिससे विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा मिलती रहे।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 10, 2023
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धनतेरस के लिए शुभकामना सन्देश
दीप जले तो रोशन आपका जहान हो, पूरा आपका हर अरमान हो।
मां लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे आप पर, इस धनतेरस पर आप बहुत धनवान हों।।
हैप्पी धनतेरस 2023
दीप जगमगाए, चांद-तारों की रोशनी हो, धनतेरस के इस पवित्र पर्व की बधाई हो।
धनतेरस का ये शुभ दिन आया, सबके लिए नई खुशियां लाया।
लक्ष्मी, गणेश विराजे आपके घर में, और आपके परिवार पर सदा रहे,
खुशियों की छाया! धनतेरस की हार्दिक बधाई।।।।।