दिवाली बाद दिल्ली में ऑड-इवन की वापसी होगी, स्कूल बंद करने के भी आदेश दिए

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस स्थिति पर काबू पाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने दीवाली के अगले ही दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक सम-विषम का फार्मूला लगाने का फैसला कर लिया है। पहले चरण में इस व्यवस्था को एक ही हफ्ते के लिए लाया जायेगा और आगे भी बढ़ाने पर चिंतन होगा।

पहले समय में भी दिल्ली में तीन बार सम-विषम वाली व्यवस्था लाई जा चुकी है। दिल्ली सरकार में पर्वावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों से वार्ता में इस बारे में घोषणा की है। उन्होंने (Gopal Rai) बताया है कि इस स्कीम के अंतर्गत सम अथवा विषम रजिस्ट्रेशन नम्बर वाली कारो को ऑप्शनल दिनों में सड़क पर ले जाने की आज्ञा होगी।

अभी तो दिल्ली में प्रदूषण का स्तर (Delhi pollution) सेफ्टी लेवल से 7 से 8 गुना तक ज्यादा मापा जा रहा है। पिछले सात दिनों में निरंतर दिल्ली के ऊपरी वातावरण में जहरीली धुंध की मौजूदगी देखी गई है। प्रतिदिन साय 4 बजे मापा जाने वाल 24 घंटो का एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शनिवार के दिन 415 से बढ़कर 454 तक पहुँच चुका है।

बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर पाबन्दी

इस सम-विषम व्यवस्था में बीएस-3 पेट्रोल, बीएस-4 डीजल गाड़ियों पर पाबन्दी जारी रहने वाली है। इस दौरान डीजल से चालित होने वाली माल ढोने वाली गाड़ियों पर भी पाबन्दी लगाई गई है। हालाँकि जरुरत की वस्तुओं को लेकर आने वाले वाहनों पर यह पाबंदी लागू नहीं हो रही है।

कक्षा 10 और 12वीं को छोड़कर सभी बंद

दिल्ली में प्रदूषण के इस भयानक स्तर को देखने के बाद सरकार ने स्कूलो को लेकर भी तुरंत फैसला ले लिया है। इस फैसले के अनुसार सरकार से मदद पाने वाले एवं पब्लिक स्कूल में सिर्फ बोर्ड की क्लासो यानी कक्षा 10 एवं 12 को ही संचालित करना होगा। यह बात स्कूल के ऊपर है कि वे ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन क्लास आयोजित करते है।

निदेशालय के आदेश के अनुसार, अध्यापको को अपनी ऑनलाइन क्लास लेने के लिए विद्यालय में आना जरुरी है। बाकी नर्सरी से लेकर कक्षा 9 तक के लिए 10 नवंबर तक स्कूल बंद रखा जाएगा किन्तु विद्यालय इन कक्षाओं के लिए ऑनलाइन क्लास लेता रहेगा।

उत्तरी पश्चिमी दिल्ली में सर्वाधिक प्रदूषण

दिल्ली में हॉटस्पॉट एवं इसके पास निवास करने वाले नागरिको की मुसीबत हो गई है। इन लोगो को सांसो एवं दिल से जुडी परेशानी की वजह से आपातकालीन वार्ड में एडमिट करना पड़ रहा है। एम्स सहित 4 हॉस्पिटल के शोध में ये बात सामने आई है। इस शोध के अनुसार, उत्तरी पश्चिम दिल्ली में सर्वाधिक लोगो में वायु प्रदूषण के स्तर (PM – 2.5) बढ़ोतरी से भर्ती हुई है।

सबसे अधिक मामले बेगमपुर, वजीरपुर एवं जहांगीरपुरी में देखने को मिले है और यही पर प्रदूषण भी ज्यादा रिकॉर्ड हो रहा है। इन लोगो में सर्वाधिक सांसो की समस्या आ रही है। इसके विपरीत दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली में सबसे कम लोग सांसो की दिक्कत से आ रहे है।

16 गुना अधिक प्रदूषण है दिल्ली में

विश्व स्वास्थ्य संघठन (WHO) के अनुसार वायु में प्रदूषण कम PM 2.5 का लेवल 15 माइक्रोग्राम/ घन मीटर अधिक होना खतरे की घंटी है। दिल्ली में सोमवार की शाम में यह आँकड़ा 243 रिकॉर्ड किया गया है। इसे स्पष्ट है कि दिल्ली के नागरिको को घातक स्तर की हवा में साँस लेना पड़ रहा है।

डब्ल्यूएचओ के पारित किए गए मापदण्ड के अनुसार इस समय दिल्ली का प्रदूषण स्तर 16 गुना अधिक है। किन्तु भारत के मनको के मुताबिक़ यह प्रदूषण का स्तर PM 2.5 का लेवल 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तय किया गया है।

stubble_burning
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प्रदूषण की वजह पराली का धुँआ – आप

आप पार्टी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह हरियाणा की पराली को बता रही है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के अनुसार हरियाणा के सोनीपत, पानीपथ एवं रोहतक में जलने वाली पराली से धुंआ दिल्ली में आ रहा है।

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