दिल्ली-NCR में दमघोंटू हवा! नोएडा में लगीं ये पाबंदियां, स्कूलों के लिए भी आदेश जारी
दिल्ली-एनसीआर की हवा दिनोदिन जानलेवा होती जा रही है। यह जहरीली हवा लोगों में बीमारी फैला रही है। इसकी को लिखते हुए शासन -प्रशासन सख्त हो गया है।नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने हाई लेवल मीटिंग के बाद 10 पाबंदियों को दिल्ली-एनसीआर पर लागू कर दिया है।

दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में पॉलुशन अपने जानलेवा स्तर पर पहुँच चुका है। यह पोलुशन आम नागरिकों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस बात की गंभीरता को देखते हुए नोएडा प्राधिकरण के CEO ऋतु माहेश्वरी ने उच्चस्तरीय बैठक करके 10 पाबन्दियों को दिल्ली-NCR में लागु किया है। बैठक के बाद फैसला हुआ है कि जिलों के सभी हॉट मिक्स यूनिट और RAC बंद होंगे।
थोड़ी थोड़ी दूरी पर स्मॉग गन लगेगी
जिला प्रशासन के आदेशानुआर मैकेनिकल स्विमिंग में धूल नहीं होगी। और बिल्डर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिल्डर्स साइट पर एंटी स्मोग गन हो। 5,000 वर्गमीटर में 4 स्मोग गन्स का होना अनिवार्य कर दिया है। इसी प्रकार से 10 वर्ग मीटर में 2 स्मोग गन, 15 हजार वर्ग मीटर में 3 गन और 20 हजार वर्ग मीटर में 4 स्मोग गन लगनी होगी। कंस्ट्रक्शन काम को डस्ट ऐप पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा निर्माण सामग्री को ढकना अनिवार्य होगा।
खनन करने पर सख्त कार्यवाही होगी
किसी के भी खुले में आगजनी पर प्रतिबंध रहेगा। होटलो के बड़े तंदूर प्रबंधित होंगे। इस पुरे इलाके में खनन कार्य पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। यदि कोई भी व्यापारी खनन कार्य को करने की कोशिश करेगा तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होगी। यहाँ तक कि कूड़ा, गत्ता और घास-फूस के जलाने पर भी प्रतिबन्ध होगा। इसी प्रकार से आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल इंजन और जेनेरेटर को चलाने पर भी पाबंधी रहेगी। जिला प्रशासन की तरफ से 5 फायर प्रस्ताव अग्नि विभाग को सौपे गए है। इस कारण से विभिन्न क्षेत्रों में छिड़काव होना है।
अलग-अलग जगहों पर सेंसर लगेंगे
CEO ने जानकारी दी है कि ITMS (इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मेनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से प्रदुषण सारणी की डिटेल्स ली जाएगी। विभिन्न स्थानों पर सेंसर लगेंगे जोकि गुणवत्ता सरणी को इंगित करेंगे। CEO ऋतु माहेश्वरी के अनुसार सभी स्कूलों में ऑउटडोर्स एक्टिविटी के बंद रहने के आदेश के दिए गए है। इस क्रम में नोएडा में 90 स्प्रिंकल टैंकर्स एवं 40 एण्टी -स्मॉग गन लगाईं गयी है। सूचना है कि नोएडा प्राधिकरण की CEO ऋतू माहेश्वरी के पास जिलाधिकारी का चार्ज भी है।
पराली के जलाने को लेकर जिम्मेदारी रहेगी
केंद्र सरकार ने सर्दियों के सीजन में दिल्ली के प्रदूषण की रोकथाम के लिए सक्रियता दिखाना शुरू कर दिया है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने पराली को जलाये जाने पर जिलों के जिलाधिकारियों की जिम्मेवारी सुनिश्चित करने की बात कही है।
पहली दफा पूर्वानुमान से प्रतिबन्ध
यह पहली बार है कि दिल्ली- एनसीआर में पूर्वानुमान के अनुसार पाबंधी लगाने का निर्णय हुआ है। अभी तक तो ग्रैप का निर्णय हवा की क्वालिटी के अनुसार लिया जाता था। लेकिन इस साल के लिए वायु गुणवत्ता विभाग ने निर्णय लिया है कि पूर्वानुमान के आधार पर प्रदुषण को लेकर फैसले होंगे।
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पाबंदियों को जान लें
- निजी वाहनों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिए सरकार को पार्किंग फेस में वृद्धि के लिए कहा गया है।
- पहले चरण को ग्रेप में दूसरे चरण के साथ ही कार्यान्वित कर दिया जाए।
- ढाबों, रेस्टोरेंट और होटलों में लकड़ी एवं कोयले को जलाने पर प्रतिबंद होगा।
- इनके इस्तेमाल के स्थान पर बिजली वाले तंदूरों के प्रयोग की इजाजत होगी।
ग्रैप क्या होता है
बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए इसकी रोकथाम के उद्देश्य से ग्रेडेड रेस्पॉन्स प्लान (ग्रैप) को तैयार किया गया। ग्रैप के माध्यम से प्रदुषण के बढ़ते लेवल के हिसाब से विभिन्न मैनेजमेंट सोलुशन को कार्यान्वित करते है। सामान्यतया 15 अक्टूबर से 15 फरवरी के मध्य ग्रैप के प्रोवीजन मान्य रहते है। 22 में प्रदुषण, मौसम एवं पराली के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप का दूसरा चरण कार्यान्वित करने का फैसला किया गया है।