Gujarat: गुजरात के मोरबी झूला पुल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 141 पहुंची, रेस्क्यू ऑपरेशन
ख़बरों के मुताबिक इस पुल पर लोगों की क्षमता 100 व्यक्ति होने के बावजूद रविवार के दिन 400 टिकटों को बेचा गया।

बीते रविवार (30 अक्टूबर) का दिन गुजरात के सैकड़ों लोगों के लिए काला दिन साबित हुआ। गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर स्थित एक केबल ब्रिज एक्सीडेंट में करीबन 141 नागरिकों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन प्रशासन की चुस्ती की वजह से लगभग 171 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू भी किया गया है। ख़बरों के मुताबिक हादसे के समय मोरबी झूला पुल पर 400 से अधिक लोग मौजूद थे। अभी भी हादसे की जगह पर घायल लोगों को सहायता और बचाने का काम तेज गति से चल रहा है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुल का निर्माण कार्य करने वाली कंपनी के विरुद्ध गैर-इरादतन हत्या का केस कर दिया गया है।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी (Harsh Sanghvi) ने हादसे के अगले ही दिन बताया कि मामले की जाँच-पड़ताल का काम IGP रैंक अधिकारी के अंतर्गत करवाने की शुरुआत हो चुकी है। साथ ही पुल के देखरेख करने वाली एजेन्सी के विरुद्ध धारा 304, 308 और 114 के अंतर्गत आपराधिक मुकदमा दायर किया गया है।
जवान युद्ध स्तर पर बचाव कार्य में संलग्न
गृह मंत्री के अनुसार हादसे का शिकार हुए लोगों के परिवार को रुपए 6-6 लाख की मुआवजा राशि देने की घोषणा हो चुकी है। उनके अनुसार देर राते में हादसे की जानकारी मिलने के बाद से ही नौसेना, NDRF, एयर फाॅर्स और सेना के जवान घटनास्थल पर पहुँचकर बचाव कार्य में संलग्न रहे। हादसे की रात को करीबन 200 से अधिक जवान सहायता और तलाशी के काम में लगे रहे है।
मेडिकल ऐड के लिए केंद्र शुरू
अब घटनास्थल पर और भी टीमें राहत काम के लिए आने लगी है। अलग-अलग चिकित्सा केंद्रों, राजकोट PDU हॉस्पिटल और सुरेंद्रनगर सिविल हॉस्पिटल में करीबन 40 डॉक्टर्स मोरबी सिविल हॉस्पिटल में पीड़ितों को इमरजेंसी ट्रीटमेंट दे रहे है।
#MorbiBridgeCollapse | Indian Army teams deployed in Morbi, Gujarat carried out search and rescue operations for survivors of the mishap. All three defence services have deployed their teams for search operations: Defence officials pic.twitter.com/tfEjCW3MhE
— ANI (@ANI) October 31, 2022
ब्रिटिश दौर का पुल है
यह केबल पुल लगभग 100 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। इसको अंग्रेजो के दौर में बनाया गया था। पुल गुजराती न्यू ईयर में मात्र 5 दिनों के नवीनीकरण प्रक्रिया के बाद से ही इसको चालु कर दिया गया है। अब रेनोवेशन के काम के तुरंत बाद ऐसे हादसे का होना बहुत से गंभीर प्रश्न छोड़ गया है। अंग्रेजी दौर में बने इस ब्रिज की लम्बाई 233 मीटर और चौड़ाई 1.25 मीटर है इसकी बनावट के कारण आम लोग इसको ‘झूला पुल’ भी कहते है।
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टिकट बिक्री की कमाई से हादसा
ख़बरों के मुताबिक इस पुल पर लोगों की क्षमता 100 व्यक्ति होने के बावजूद रविवार के दिन 400 टिकटों को बेचा गया। इससे यह प्रश्न उठता है कि पुल की क्षमता की जानकारी होने के बाद भी इतनी ज्यादा मात्रा में टिकट क्यों बेचे गए? ध्यान रखें मोरबी के ब्रिज पर से गुजरने के लिए लोगों को टिकट लेने की आवश्यकता होती है।