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Chandrayaan-3: चन्द्रयान ने चाँद की नयी फोटो भेजी, पृथ्वी का वीडियों भी भेजा

इसरो का चंद्रयान 3 का मिशन अभी अंतिम पड़ाव पर आ चुका है और उन्होंने चन्द्रमा के वीडियों को भी साझा किया है। वीडियो को चंद्रयान के विक्रम लैदर के LPDC ने लिया है और इस समय ये प्रोपल्शन मॉड्यूल से संयुक्त था। चंद्रयान 3 लैंडर से 8 सेंसर जुड़े है जिनमे से एक LPDC भी है। इसरो ने ट्वीट में जानकारी दी है कि लैंडर के कैमरा ने इस वीडियो को 15 अगस्त वाले दिन कैप्चर किया था।

एक अन्य वीडियो में पृथ्वी की झलक

जारी वीडियों में चन्द्रमा के क्रेटर के नज़ारे दिख रहे है। इसके अतिरिक्त लैंडर इमेजर (LI) कैमरा-1 ने दूसरा वीडियों भी भेजा है, जिसमे एक छोटे रूप में पृथ्वी के दृश्य मिले है। इसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल (LM) की हालत नार्मल है।

आज रात 2 बजे चाँद के और पास आएगा

आज रात के 2 बजे इसरो चंद्रयान 3 के विक्रम लैदर को डीबूस्टिंग के माध्यम से चन्द्रमा के और पास लाएगा। डीबूस्टिंग की प्रोसेस में यान की स्पीड में कमी करते है। इस काम के बाद लैंडर की चन्द्रमा से कम से कम दूरी 30 किमी और अधिक से अधिक दूरी 100 किमी रहने के अनुमान है।

इसरो चीफ ने जानकारी दी

इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया, मिशन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग लैंडर की गति को 30 किमी की ऊँचाई से आखिरी लैंडिंग तक कम करना है ताकि सॉफ्ट लैंडिंग करवाई जा सके। ये वो हिस्से है जहाँ पर हमको अपनी योग्यता को दिखाना है। चंद्रयान 3 का लैंडर मॉड्यूल एवं इम्पल्सन मॉड्यूल 17 अगस्त को अलग हुए थे। इसरों ने कहा है कि इम्पल्सन अभी की कक्षा में अपनी यात्रा को महीनो/ सालों तक जारी करेगा।

23 अगस्त में चन्द्रमा पर लैंडिंग काफी जरुरी

23 अगस्त के दिन साय 5.47 बजे सबसे कम दुरी से सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश होगी। यदि 23 अगस्त के दिन लैंडिंग में परेशानी होती है तो एक महीने के बाद एक बार फिर से कोशिशे होगी। इसकी वजह यह है कि लैंडिंग के लिए अगली सुबह की प्रतीक्षा करनी होगी जोकि 28 दिनों के बाद है।

चंद्रयान 3 से जुड़े मुख्य बिंदु

  • डीबूस्टिंग – यान के लैंडर के 4 पैरों में लगे 800 न्यूटन पावर के 1-1 थ्रस्टर यह हो सकेगा। 2-2 थ्रस्टर दो स्टेप्स में कार्य करेंगे।
  • यान 30 किमी की ऊँचाई से सतह पर लैंड होने की तैयारी करेगा। लैंडिंग की स्पीड को 1,680 मी/ सेकंड से 2 मी/ सेकण्ड तक लानी है।
  • लैंडिंग और रोवर ताकत को पाने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल करेंगे। इस समय चाँद पर रात हो रही है और 23 अगस्त को सुबह होगी।
  • प्रोपल्शन मॉड्यूल को पृथ्वी से आ रही रेडिएशन को स्टडी करना है। लैंडर और रोवर चाँद की सतह पर जल की खोजबीन और दूसरे प्रयोग करने वाले है।

रूस का लूना भी चंद्र मिशन पर

चन्द्रमा पर एक ही समय में दो देशों के यान लैंड करने की तैयारी में है। सभी जानते है कि भारत का चंद्रयान 3 लैंडिंग की तैयारी में है लेकिन कम ही लोगो को रूस के लूना 25 की जानकारी होगी। रूस ने बीते 50 वर्षों में अपना पहला चन्द्रमा मिशन लॉन्च किया है। रूस की स्पेस एजेंसी (रोसकॉस्मोस) की ओर से लूना 25 को चन्द्रमा की तरफ भेजा चुका है। ये दोनों ही विमान साउथ पोल पर लैंडिंग करने वाले है लेकिन अनुमान है कि रूस का यान पहले लैंडिंग कर लेगा।

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