Chandrayaan 3 : आज चन्द्रमा पर चंद्रयान 3 सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, इसरो बनाएगा नया इतिहास

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) अब अंतरिक्ष इतिहास में नया अध्याय लिखने से बस कुछ ही दूरी पर है। आज यानी 23 अगस्त के दिन चंद्रयान 3 का लैंडर मॉड्यूल शाम के 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच कभी भी चन्द्रमा के उस भाग पर उतरेगा, जिसको अभी तक किसी ने नहीं देखा है। भारत ही नहीं विश्वभर में चंद्रयान 3 की लैंडिंग का बेताबी से इंतज़ार हो रहा है।
इसरो ने लगातार चंद्रयान 3 पर नजरे रखने के लिए ‘लाइव ट्रैकर’ लॉन्च किया है। इस लाइव ट्रैकर से देखा जा सकता है कि चंद्रयान 3 अभी किस स्थान पर है।
रोवर प्रज्ञान सतह पर परीक्षण करेगा
योजना के अनुसार आज इसरो चंद्रयान को शाम 5.45 बजे चन्द्रमा की तरह बढ़ाना शुरू कर देगा फिर शाम 6.04 बजे तक यान की सॉफ्ट लैंडिंग करवा देगा। सफल लैंडिंग होने के बाद ‘रोवर प्रज्ञान’ यान से बाहर आकर घूमफिर कर पानी और आसपास के माहौल की जानकारी लेगा। चन्द्रमा पर पानी, बर्फ एवं कुछ अन्य प्राकृतिक संसाधन मिलने की उम्मीद है।
चन्द्रयान 3 लैंडिंग की परीक्षा के लिए तैयार
अभी कुछ ही दिन पहले 47 वर्षों पर रूस की ओर से मिशन मून पर निकला रुसी यान लूना-25 क्रैश हो गया था। इस घटना ने रूस सहित विश्वभर के विज्ञानिको को सहमा दिया है। इसरो ने कहा है कि उन्होंने यान के सही से लैंड होने के लिए ठोस इंतज़ाम किये है। इसरो ने रुसी विमान लूना-25 को भी बधाई सन्देश भेजा था। अब रूस इस मून रेस में शामिल नहीं है किन्तु चंद्रयान 3 परीक्षा के लिए तैयार है।
विक्रम लैण्डर और रोवर ऐसे काम करेंगे
भारत विश्व का एकमात्र देश होगा जोकि चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव में यान को उतार रहा है। अन्य देशों ने अब तक सिर्फ चन्द्रमा के उत्तरी ध्रुव पर लैंडिंग की है। लैंड होने पर विक्रम लैंडर खुलेगा और उसमे से ‘प्रज्ञान रोवर’ बाहर आएगा। विक्रम का काम रोवर के लिए चन्द्रमा पर रैंप को बनाना है। 6 पहियों वाला रोवर तिरंगे एवं इसरो के लोगो के साथ चन्द्रमा पर लैंड होगा। रोवर 1 सेंटीमीटर/ सेकण्ड की गति से चन्द्रमा की सतह पर चलने वाला है।
चन्द्रमा का तापमान – 230 डिग्री
इसरो के भूतपूर्व निर्देशक प्रमोद काले के अनुसार, चन्द्रमा के साउथ पोल का टेम्प्रेचर – 230 डिग्री तक हो जाता है। जमा देने वाली इस ठंडी के वातावरण में कुछ भी काम कर पाना बहुत मुश्किल है। इस कारण से ही साउथ पोल पर 14 दिनों की रौशनी में ही मिशन के काम को किया जा रहा है।
14 दोनों तक मिशन को जारी रखेगा चंद्रयान
यदि विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कामयाब रहती है तो रोवर प्रज्ञान बाहर आकर 500 मीटर के एरिया में घूमेगा और पानी एवं माहौल की डिटेल्स इसरो को देगा। आज ही लैंडर विक्रम चाँद पर लैंड होकर अपना कार्य शुरू कर देगा। चन्द्रमा का एक दिन धरती के 14 दिनों के समान होता है। इस तरह से चंद्रयान 3 मिशन के अंतर्गत 14 दिनों तक चन्द्रमा पर शोधकार्य करने वाला है।
ये देश भी साउथ पोल पर लैंडिंग नहीं करवा पाए
रूस तो इस रेस से बाहर हो चुका है किन्तु इसरो के लैंडर विक्रम एवं उसके अंदर स्थित रोवर प्रज्ञान को चन्द्रमा पर उतारे जाने पर वो इतिहास बना लेगा। अभी तक अमेरिका, रूस, चीन के वैज्ञानिक भी चट्टानों एवं खाइयो वाले चन्द्रमा के साउथ पोल पर अपना यान नहीं लैंड करवा सके है।
मिशन की सफलता के लिए पूजा-प्रार्थनाएँ
मंगलवार की शाम को चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन घाट पर तिरंगे के साथ गंगा की आरती की गई और इससे पहले हवन भी हुआ। इसके अलावा लखनऊ में भी यान की लैंडिंग के लिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इण्डिया में नमाज पढ़ी गई।