शनिवार की रात को भारत में चंद्रग्रहण लगने वाला है और इसको देशभर के सभी राज्यों में देखा जा सकेगा। सामान्यता चन्द्रग्रहण एक खगोलीय घटना है किन्तु इसको लेकर भारत में कुछ ज्योतिष मान्यताएँ भी प्रचलित रही है। यह इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण ही है जोकि शरद पूर्णिमा में लगने वाला है।
2023 के इस अंतिम चंद्रग्रहण में एक योग भी बनेगा जिसमे चंद्रग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगेगा। विज्ञान के अनुसार जिस समय सूर्य एवं चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है उस समय चन्द्रमा पर ग्रहण का नजारा देखा जाता है।
चंद्र ग्रहण का समय जाने
इस वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण (Chandra Grahan 2023) रात्रि के समय 11:30 बजे से दिखना शुरू होगा और देर रात्रि 3:56 बजे तक दिखाई देगा। इस टाइम पर ग्रहण की हलकी छाया पड़ने लगेगी जोकि चंद्र ग्रहण की पेनब्रा स्टेज कहलाती है। ग्रहण की मेन स्टेज मतलब अम्ब्रा स्टेज (गहरी छाया) भी रात्रि के समय 1:05 बजे से प्रारम्भ होने के बाद 2:24 बजे तक ख़त्म होगा।
सूतक काल का समय जाने
ये चंद्र ग्रहण आज रात भारत में नजर आने वाला है तो इसका सूतक काल भी कार्य करेगा। आज लग रहा खंडग्रास चंद्रग्रहण रात्रिके 1:05 बजे से लाएगा तो इसका सूतक का समय भी 9 घण्टे पहले ही शाम के 4:05 बजे से लग जायेगा।
इन देशों में चंद्रग्रहण दिखेगा
इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में दिखने वाला है और इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, उत्तर एवं पूर्व दक्षिणी अमरीका, अटलांटिक सागर, हिन्द महासागर, अंटार्कटिका में दिखने वाला है।
सूतक काल क्या होता है?
सूतक काल ग्रहण के साथ ही किसी व्यक्ति के मरने के 40 दिनों तक एवं किसी बच्चे के पैदा होने के सवा अथवा 40 दिनों तक रहता है। वैज्ञानिक भी इस बात को जान चुके है कि ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर सूरज से कुछ विकिरण आती है जोकि मानव के लिए नुकसानदायी होती है।
वैसे नासा के मुताबिक़ चंद्रग्रहण की घटना के समय सूर्य एवं चाँद के बीच में पृथ्वी के आ जाने से पूर्णिमा का चाँद फीका पड़ता है। इस समय पर पृथ्वी की परछाई ही चाँद पर नजर आती है। कभी कभी चाँद लाल रंग का भी नजर आता है चूँकि पृथ्वी का वायु मण्डल इसके दूसरे रंग भी लेने लगता है।
चंद्र ग्रहण में यह न करें
- चंद्रग्रहण के सूतक काल के समय की शुरुआत होने पर मंदिरो में पूजा-पाठ इत्यादि कार्य नहीं कर सकते है और देवी-देवताओ की मूर्ति को भी नहीं छूना है।
- सूतक काल लगने के बाद घर में खाना न बनाए और इस दौरान मौजूद खाने में तुलसी की पत्तिया जरूर दाल सकते है।
- ग्रहण के समय काल में कोई खाना न खाए और इसी समय गुस्सा भी नहीं करना है। ग्रहण का असर आने वाले 15 दिनों तक रह सकता है।
- ग्रहण के समय किसी भी सुनसान स्थान अथवा शमशान की जगह पर भी नहीं जाना है। इस काल में नकारत्मक ताकते बहुत प्रबल हो जाती है।
- सूतक के समय पर कोई भी नया एवं अच्छा कार्य नहीं करना है चूँकि मान्यता है कि इस समय पर नकारात्मकता काफी हावी रहती है।
- सूतक के समय की शुरुआत होने पर तुलसी के पौधे को नहीं छूना है और नोकदार एवं धारदार औजारों से भी दूर रहे।

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चंद्र ग्रहण के समय यह करें
- ग्रहण के समय पर केवल भगवान के मंत्र जाप किया जा चाहिए जोकि 10 गुना तक लाभदायक रहता है।
- ग्रहण के बड़ा साफ़ पानी से नहा लें।
- ग्रहण के बाद अपने घर को साफ़ कर लें जिससे वहां से नेगेटिव ताकते दूर हो जाए।
- इस समय पर गाय को घास, पक्षियों को दाने, निर्धनों को कपडे इत्यादि देने से काफी लाभ प्राप्त होगा।