जातीय जनगणना पर विपक्षियों के हमले के बाद पीएम मोदी ने गरीबी कार्ड से इसका तोड़ निकाला

बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आने के बाद विरोधी पार्टियाँ सत्ता पक्ष पर निशाना लगा रही है। विपक्ष को आक्रमण करता देख पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने हथियार खोल दिए है। अभी बिहार से लेकर दिल्ली तक जातिगत राजनीति को लेकर सियासत गर्मा गई है।

2024 के चुनावो से पहले इस जातिगत जनगणना के कार्ड को कुछ जानकार नीतीश और विरोधी दलों का मास्टर कार्ड कह रहे है तो कुछ इसको बीजेपी का रास्ता मुश्किल करने वाला कह रहे है। इस मामले पर चल रही सरगर्मी के बीच में ही पीएम मोदी (Narendra Modi) ने भी अपना दाव खेलकर दिखा दिया है।

छत्तीसगढ़ में मोदी का कॉंग्रेस पर हमला

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में जाति जनगणना को लेकर कुछ न कहते हुए ही पीएम मोदी ने कॉंग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। मोदी इस जाति के जनगणना वाले कार्ड के सामने ‘इन्दिरा कार्ड’ लेकर आए है। हिन्दुओ के अधिकार की बाते करने लगे है।

मोदी के अनुसार कल से ही कॉंग्रेस पार्टी ने एक बात कहनी शुरू कर दी है। उनके अनुसार ये लोग कह रहे है जितनी आबादी, उतना हक किन्तु मैं कह रहा हूँ कि इस देश की सर्वाधिक बड़ी आबादी तो गरीब की है। ऐसे लोगो का कल्याण करना ही मेरा लक्ष्य है।

इन्दिरा गाँधी ने भी गरीब की बात कही

विरोधी दलों के ओबीसी वाले कार्ड के सामने नरेंद्र मोदी ने उसी गरीब के कार्ड को फेंका है जोकि एक समय में इंदिरा गाँधी (Indira Gandhi) ने भी चला था। 1971 के लोकसभा इलेक्शन के दौरान ही इंदिरा गाँधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा कहा था। साल 1969 में अपने को कॉंग्रेस से बहिस्कृत की घटना के बाद ही इंदिरा ने भी नयी पार्टी (कॉंग्रेस-आर) बनाई थी।

ऐसे में कॉंग्रेस दो भागो में बँट गयी थी और कॉंग्रेस-ओ में मोरारजी देसाई एवं कामराज थे जोकि इंदिरा हटाओ का नारा दे रहे थे। कॉंग्रेस-आर में इंदिरा गरीबी हटाओ का नारा दे रही थी।

अब जातियों पर चुनावी खेल होगा

बीजेपी साल 2013 से ही गैर-यादव पिछडो एवं गैर-जाटव को अपने पाले में लाने के प्रयास करने में लगी है। फिर भी भविष्य में जाति का मामला तेज़ होने की पूरी सम्भावना है। इस समय राजनैतिक पार्टियाँ और अन्य सामजिक संघठन भी अभी जातियों की गणना का मामला बीजेपी के समक्ष रखने लगे है।

इसके बाद संख्या के अनुसार राजनीति में हिस्सेदारी की माँगे भी तेज़ होंगी। सरकारी जॉब्स में संवैधानिक एवं संख्या के हिसाब से भागीदारी की माँगे भी जोर पकड़ने लगेगी।

गरीबो की योजनाओं से बीजेपी को सहारा

बीजेपी ने अपने 9 वर्षों के कार्यकाल में राज्य में लाभार्थी वर्ग वाला एक विराट वोटर्स बना लिए है। अब विरोधी दल जाति आधारित राजनीति करके उनके इस वर्ग में सेंधमारी करने की कोशिशों में है। अभी तक बीजेपी अपनी विभिन्न योजनाओ के बल पर करोडो गरीब एवं पिछले लोगो से सीधे ही संपर्क करने में सफल रही है।

Modi in Gadalpur
Modi in Gadalpur

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हिन्दुओ के अधिकार में बीजेपी की राजनीति

अपनी छत्तीसगढ़ के भाषण में मोदी ने कांग्रेस को लेकर कहा है कि यहाँ हिन्दुओं की संख्या सर्वाधिक है तो क्या हिन्दू अपना अधिकार लें लें क्या? यहाँ पर पीएम मोदी ने गरीब की तो बात की वही हिन्दुओ को सबसे बड़ी आबादी बताते हुए हिन्दू बनाम अल्पसंख्यक राजनीति के सुर भी छेड़े है।

अभी तक देखें तो बीजेपी ने साल 2014 से 2019 में हुए लोकसभा चुनावो में अच्छी सफलता पाई है। इसके बाद यूपी में भी 2017 एवं 2022 के विधानसभा इलेक्शन में भी सीधे सफलता पाई है। जानकारों की राय में उनकी इस सफलता में सबसे बड़ी बात रही वोटर्स का जातिगत भावना से हटकर हिंदुत्व एवं विकास की राजनीति में शामिल होना।

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