कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रुडो से मीडिया ने तीखे सवाल पूछे, चुनावी पोल्स में ट्रुडो लगातार पिछड़ रहे है

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो बीते कुछ दिनों से भारत पर संगीन आरोप लगाने के लिए दुनियाभर की मीडिया में छाए हुए है। लेकिन इस बार उनकी (Justin Trudeau) मुश्किल काफी बढ़ गई है चूँकि ट्रुडो महँगाई, हाउसिंग इत्यादि देशव्यापी मामलो पर अपनी ही मीडिया के निशाने पर आ गए है।

कनाडा की मीडिया के मुताबिक़ उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) के विदेशी मुद्दे को तो हाथ में लिया किन्तु अपने देश की महँगाई, हाउसिंग एवं जीवन की लागत के मामले पर कुछ एक्शन नहीं लिया है। अब नए चुनावी पोल में वे पाने विरोधी पक्ष से निरंतर पीछे होते जा रहे है।

मिडिया ने देश के मुद्दों पर सवाल पूछे

एक समय जस्टिन ट्रुडो कनाडा के यूथ के बीच काफी लोकप्रियता पा चुके थे किन्तु अब उनके दिन फिरते दिख रहे है। ख़राब होते हालात को देखते हुए ही उन्होंने निज्जर की हत्या का मामला भारतीय सरकार पर मढ़ना शुरू किया। किन्तु अब ट्रुडो अपने ही देश की मिडिया के तीखे सवालों के परेशानी में है।

कनाडा ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (सीबीसी) ने जस्टिन ट्रुडो के इंटरव्यू के दौरान कुछ ऐसे ही सवाल पूछकर उन्हें परेशानी में डाल दिया है। इस इंटरव्यू में ट्रुडो से देश में बढ़ती महँगाई, हाउसिंग एवं जीवन की लागत के मामले पर जवाबदेही पूछी है। पत्रकार ने उनसे कहा है कि उनका पोलिंग का आंकड़ा काफी खराब रहा है।

अब युवा ट्रुडो से दूर क्यों हो रहे है?

इंटरव्यू में उनसे कहा गया कि साल 2015 में इलेक्शन जीतकर आने के समय उनके आंकड़े इतने खरब कभी न थे। वे यूथ के काफी पसंदीदा नेता थे किन्तु अब वे उनके काफी दूर चले गए है। ट्रुडो से इन सभी बातो पर अपनी सोच बताने को कहा गया।

इनके उत्तर में ट्रुडो कहते है कि हमने यूथ के साथ मिलकर कार्य किया है और वे ऐसी सरकार से हटकर हमारे से जुड़े थे जोकि जलवायु बदलाव के मामले में कोई कदम नहीं ले पाई थी। वो सभी के लिए एकसमान अवसर के लिए नहीं सोचते थे। कोरोना से पहले हालात अच्छे थे किन्तु बीते कुछ वर्ष बहुत कठिनाई भरे रहे है।

महँगाई का कारण रूस-यूक्रेन युद्ध

अपने इस इंटरव्यू में ट्रुडो के सामने आँकड़े रखे गए जिसमे 56 फीसदी जनता उनको लेकर नेगेटिव रिएक्शन देते है और मात्र 27 फ़ीसदी ही उनसे अभी भी राजी है। इस पर ट्रुडो का कहना है कि वे निरंतर अपने लोगो के अच्छे के लिए कार्यरत है। वे महँगाई के मामले के लिए रूस-यूक्रेन लड़ाई को जिम्मेदार कहकर अपनी कमी छिपाते है।

ट्रुडो के मुताबिक़, ‘इन दोनों देशो की लड़ाई से खाने की वस्तुओ के साथ ऊर्जा साधनो के मूल्य भी बढ़ें है और ग्लोबल मंदी की वजह से ब्याज दरों की वृद्धि ने महँगाई को बढ़ाने का काम किया है। इन वस्तुओ ने ही जनता की जिंदगी पर खराब असर डाला है। हम काम कर थे है और जनता के प्रश्न सही है कि सरकार क्या कर रही है?

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पिछली सरकार को दोषी कहा

इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि वे अपने इलेक्शन कैम्पेन में लोगो के उनकी क्षमता में ही अपने घर को खरीदने में सहायता की बात कर रहे थे। लेकिन इसके विपरीत साल 2015 में उनके सरकार में आने के बाद से देश में बेंचमार्क हाउसिंग मूल्य 70 फ़ीसदी तक बढ़ा है। और उनकी सरकार ने 8 वर्षो में इस मामले पर सबसे कम कार्य किया है?

इसके लिए ट्रुडो ने वापस सवाल किया, यदि उनकी सरकार इन वर्षो में घर खरीदने के क्षेत्र में कार्य नहीं करती तो देश में आज हाउसिंग सेक्टर की दशा क्या होती। उन्होंने साल 2017 में 20 लाख परिवार को घर खरीदने में मददगार योजना चलाई है। वे घर के मामले में पिछली सरकार के काम को दोषी ठहराते दिखे।

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