शास्त्रों में प्रत्येक माह में त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत रखा जाता है और इस महीने में पहला प्रदोष का व्रत 11 अक्टूबर में पड़ रहा है। आज की तारीख में बुधवार का दिन होने के कारण इसको ‘बुध प्रदोष व्रत’ भी कह रहे है। इस दिन व्रत (Budh Pradosh Vrat) करने वाले को शिवजी एवं गणेश जी के आशीर्वाद एक साथ मिल जाते है।
सनातन धर्म के अनुसार एक वर्ष में 24 प्रदोष व्रत होते है और कुछ भक्त अच्छे लाभ के लिए इन सभी व्रतों को रखते है। ऐसी मान्यता रही है कि प्रदोष काल का व्रत करने वाले के मन की इच्छा हमेशा पूर्ण होती है। शिवजी का आशीर्वाद मिलने से उसके सभी दुःख एवं परेशानी मिट जाते है।
महीने का पहला प्रकोष्ठ व्रत
हिन्दू पंचाँग के मुताबिक़ 11 अक्टूबर को अश्विन मॉस के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी साय 05:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानि गुरुवार की शाम 07:53 बजे तक रहेगी। किन्तु प्रकोष्ट व्रत (Budh Pradosh Vrat) को आज के दिन यानी बुधवार में ही रखना है। यदि घर की महिला इस दिन व्रत करेंगी तो बच्चो में सदबुद्धि एवं सेहत के लाभ की इच्छा भी पूर्ण होगी।
प्रकोष्ठ व्रत का सुबह मुहूर्त
इस व्रत का पूजन सूर्य के अस्त होने से पहले और बाद तक होती है। आज के प्रकोष्ठ व्रत का शुभ मुहूर्त साय 05:56 बजे से रात्रि के 08:25 बजे तक रहने वाला है। इस प्रकार से व्रती को शिवजी एवं गणेशजी के पूजन हेतु पूरे 2:29 घंटो का समय मिल जाएगा।
प्रकोष्ठ व्रत की पूजा-विधि
सबसे पहले तो प्रातः नहाने के बाद हलके रंगो वाले कपड़ो को पहनना है। इसके बाद गणेशजी के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करने के बाद 108 बार मन्त्र जप करना है। शिवजी के लिए ‘नमः शिवाय’ मंत्र का जप करना है। साय के समय पर शिवजी को पंचामृत (दूध, घी, शहद एवं शक्कर) से नहलाना है।
इसके बाद शिवलिंग को साफ़ पानी से धोकर मौली, चावल एवं धूप-दीप से पूजा करनी है। शिवजी को सफ़ेद चावलों से निर्मित खीर अर्पित करनी है। शिवजी के सामने आसान बिछाकर उसमे बैठे और शिवाष्टक पाठ करना शुरू करें। इस प्रकार से पूजन करने पर जीवन से सभी बाधाएँ समाप्त होती और मनोकामनाएँ पूर्ण होगी।
मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय
सबसे पहले तो स्नान आदि करने के बाद साफ़ कपडे धारण कर लें और घर के बड़ो के चरण स्पर्श करे। फिर ताम्बे के लोटे में जल-शक्कर लेकर सूर्य को अर्पित करें। 27 हरे रंग की दूर्वा पत्तियों को कलावे से बाँधकर सिन्दूर लगाए। इन दूर्वा की पत्तियों को गणेशजी को चढ़ाएं। शिवजी को पंचामृत से स्नान करवाकर साफ़ जल से साफ़ करें।
आज के दिन गणेशजी को लाल फल एवं लाल मिठाई अर्पित करें। शिवजी की विधिवत मन्त्र के साथ सुबह एवं शाम में पूजन करना है। इस प्रकार से काम-धंधे में मनोकामना पूर्ण होगी।

व्रती के लिए सावधानियाँ
- आज के दिन भूलकर भी काले रंग के कपडे न पहने।
- किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना है।
- आज के दिन शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं।
- तामसिक भोजन, शराब-माँस आदि को न लें।
- किसी के ऊपर नाराज न हो और झगडे से बचे।
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प्रदोष व्रत में इन राशियों को लाभ होगा
- मेष राशि – शिवजी की भक्ति से इन लोगो की योजना की अड़चने हटेगी और संतान का सहयोग भी मिलेगा।
- वृष राशि – संपत्ति से जुड़े कमाओ में प्रयास करने पर सफलता जरूर मिलेगी। दुश्मन परास्त होंगे और उच्च वर्ग के लोगो में आपकी छवि सुधरेगी।
- कर्क राशि – बिल्डिंग के निर्माण से जुड़े सामानो का कार्य करने वाले काफी लाभान्वित होने वाले है। कार्यों में की गई भागदौड़ से सफलता मिलेगी।
- सिंह राशि – धन एवं व्यापार में वृद्धि का समय है, किसी परेशानी के हल होने का समय है और कामयाबी साथ देगी।