BRICS 2023: ब्रिस्क समिट के लिए पीएम नरेंद्र मोदी रवाना, मोदी-जिनपिंग मुलाकात होने की सम्भावनाएँ

22 अगस्त से विश्व की पाँच सर्वाधिक बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में मिल रहे है। और यह अवसर है ब्रिक्स समिट 2023 का। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समिट में हिस्सा लेंगे और सभी का ध्यान मोदी-जिनपिंग की मीटिंग पर होने वाला है। मंगलवार की सुबह में ही पीएम मोदी समिट के लिए जोहान्सबर्ग की फ्लाइट ले चुके है। यहाँ पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पहुँच रहे है।
2019 के बाद ये पहला मौका है जब ब्रिस्क की मीटिंग ऑफलाइन हो रही है। 22 से 24 अगस्त में होने जा रही इस मीटिंग में अपनी मुद्रा (करंसी) में बिज़नेस करने को लेकर भी वार्ता होगी। रूस के प्रेजिडेंट व्लादमीर पुतिन पहले से ही समिट में आने से इंकार कर चुके है। वे वर्चुअल तरीके से मीटिंग में भाग लेंगे और उनके विदेश मंत्री समिट में आएंगे।
- G-20 से पूर्व मोदी-जिनपिंग मीटिंग ब्रिक्स में होने की सम्भावनाएँ
- दोनों पक्षों से मीटिंग की आधिकारिक पुष्टि नहीं
- मीटिंग की सम्भावना से मना नहीं कर सकते है
पीएम नरेंद्र मोदी के लिए वीडियो सन्देश
ब्रिक्स समिट में शामिल होने से पहले साउथ अफ़्रीकी क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाडी जोन्टी रोड्स और गैरी कर्स्टन ने पीएम मोदी के लिए वेलकम वीडियो मैसेज भेजा है। भारतीय टीम के कोच रहे गैरी कहते है – ‘साउथ अफ्रीका में पीएम मोदी का स्वागत करना उनका सौभाग्य है।
मोदी-जिनपिंग मीटिंग में वार्ता होगी?
15वें ब्रिक्स समिट में विश्वभर के बड़े लीडर्स फिर से साउथ अफ्रीका में विभिन्न बड़े मामलों पर वार्ता करने को एकजुट हुए है। किन्तु इस सम्मेलन में सभी का ध्यान भारत एवं चीन के नेता मोदी-जिनपिंग की मीटिंग पर रहने वाली है। किन्तु अभी इन दोनों की मीटिंग को लेकर संशय बना हुआ है। दोनों की द्विपक्षीय मीटिंग के बारे में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया है कि अभी पीएम मोदी के अन्य नेताओ से मीटिंग का प्रोग्राम निश्चित हो रहा है।
सीमा विवाद पर चर्चा हो सकती है
बीते वर्षों में पूर्वी लद्दाख के एलएसी के मामले को लेकर भारत और चीन में कोर कमाण्डर लेवल की 19वें दौर की मीटिंग कुछ समय पहले ही हुई है। इस मीटिंग के बाद दोनों पक्ष इस मामले को वार्ता के माध्यम से हल करने पर ही सहमत हुए। मोदी ब्रिक्स समिट में सन्देश दे सकते है कि वे शान्ति चाहते है न कि कोई विवाद।
हमारे हित साझा है – चीनी राजदूत
साउथ अफ्रीका में चीन के राजदूत चेन शियाओडांग ने बताया – ‘मुझे विश्वास है कि दोनों देशों के प्रमुखों की सीधी बातचीत होगी। किन्तु भारतीय विदेश मंत्रालय ने दोनों नेताओं की मीटिंग को लेकर कोई ऑफिसियल सहमति नहीं दी है। साल 2020 से एलएसी के तनाव के बाद से दोनों नेताओं के बीच को मीटिंग नहीं हुई है।
चीनी राजदूत चेन शियाओडांग के अनुसार, ‘मैं नहीं कह सकता कि हमारे मध्य तनाव है किन्तु पडोसी होने के कारण हमारे बहुत से साझा हित है। मीटिंग के बारे में सवाल पर चीनी राजदूत के पास कोई ठोस जानकारी नहीं है। ऐसे में दोनों ही देशो ने विकल्प को खुला रखा है। ये दोनों नेता 2 दिनों तक एक ही स्थान पर रहने वाले है तो दोनों की मीटिंग की सम्भावना को नकार नहीं सकते है।
ब्रिक्स समिट 2023 के एजेण्डा
- इस साल की मीटिंग में 2 एजेण्डे रखे है, पहला – ब्रिक्स का फैलाव और दूसरा – ब्रिक्स देशों के अपनी मुद्रा में बिज़नेस करना।
- दक्षिण अफ्रीका के प्रेजिडेंट सिरिल रामफोसा के अनुसार, हम ब्रिक्स के मेंबर्स को बढ़ाने के पक्षकार है।
- दुनियाभर के लगभग 23 देश ब्रिक्स से जुड़ने के लिए आवेदन कर चुके है। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार, संघठन बढ़ाने पर हमार इरादा सकारात्मक है। उनके मुताबिक ‘कॉमन करंसी’ पर भी बातचीत होगी।