ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण जानकार भारी नुकसान से बच सकते है, इसके कारणों को भी जाने

मेडिकल भाषा में ब्रेन स्ट्रोक एक घातक दशा है जोकि कुछ मौको पर तो व्यक्ति के जीवन पर भी खतरा बन जाता यह। जिन लोगो को भी हाई बीपी की शिकायत है और वे वर्कआउट के लिए टाइम नहीं निकाल पाते है। साथ ही एक ही स्थान पर बैठकर काम करते रहे है और स्मोकिंग-ड्रिंक की आदत भी है।

वैसे तो ब्रेन स्ट्रोक आने के बहुत से कारण होते है किन्तु इस प्रकार के लोगो को अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाने की सख्त जरुरत है। साथ रेगुलर बेसेस पर अपना चेक-अप करवाते रहने से भी स्ट्रोक (brain stroke) की आशंका में कमी ला सकते है। अब तो एक चौथाई केसो में नौजवानो की सलिप्तता भी देखने को मिल रही है।

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण धीमे से आकर व्यक्ति को डॉक्टर के पास भी जाने का अवसर नहीं देते है। इसके लक्षणों की पहचान करके शीघ्रता से मेडिकल एड लेने से अपंगता एवं मौत की सम्भावना कम होती है।

दो प्रकार के ब्रेन स्ट्रोक होते है

स्ट्रोक के दो प्रकार होते है – इस्केमिक एवं हेमोरेजिक। इस्केमिक होने पर धमनियों में रूकावट होने से दिमाग की कोशिकाओं में खून नहीं जा पाता है। अधिकांश मौको पर ये ही स्ट्रोक देखने को मिलता है।

इसमें हानि इस तथ्य पर आधारित होती है कि दिमाग को कितने समय से खून नहीं मिल पाया है। दिमाग की नालियों के सूजने को ‘एन्युरिज्म’ कहते है और सूजन के बाद नलिकायो (brain drains) के फटने से ब्रेन में खून बहने लगता है।

ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण

पीड़ित में ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अचानक ही दिखाई देते है किन्तु इनको लेकर सही जानकारी होने पर पूर्व समय में ही सजगता से काफी फायदा होता है। ब्रेन स्ट्रोक में ये लक्षण दिखाई देते है –

  • चेहरा, हाथ-पैरा का एकदम से सुन्न अथवा कमजोर दिखना या फिर फेस का एक ओर झुक जाना।
  • एकदम से भ्रम की स्थिति आना और बोल पाने या फिर समझ पाने में परेशानी होना।
  • एक अथवा दोनों ही आंख से देख पाने में एकदम से दिक्कत होना।
  • चक्कर आने लग्न अथवा बैलेंस अथवा तालमेल करने में दिक्कत होने लगना।
  • एकदम से तेज़ी से सिर में दर्द होने लगना।

ब्रेन स्ट्रोक के मुख्य कारण

  • धूम्रपान की आदत – इसके बड़े कारण में स्मोकिंग करना भी शामिल है चूँकि इससे खून की कोशिकाएँ सकरी एवं कठोर होने लगती है। इस वजह से खून के थक्के जम जाते है।
  • गलत खानपान – अधिक पैकेट बंद भोजन, संसोधित एवं ट्रांस वसायुक्त भोजन, ज्यादा सोडियम वाले भोजन को लेने से वजन एवं बीपी बढ़ता है। ये दोनों ही ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ाने का काम करती है। अपने खानपान में फल, सब्जीएवं साबुत अनाज को संतुलित रूप से जगह दें।
  • शारीरिक गतिविधि में कमी – कुछ लोगो के जीवन में शारीरिक गतिविधि की कमी होती है। ऐसे में नियमित वर्कआउट करते रहने की जरुरत है। वजन को संतुलित रखने से बीपी अच्छा रहता है और करियोवस्कुलर स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
  • अधिक शराब पीना – कुछ लोगो में काफी मात्रा शराब पीने की लत होती है जिससे उनका बीपी बढ़ जाता है। ऐसे में दिल की धड़कने भी असंतुलित हो जाती है। यदि ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है।
  • तनाव – जीवन में अधिक तनाव लेने से भी बीपी बीपी बढ़ता है जिससे स्ट्रोक का खतरा पैदा हो जाता है। इसके लिए जीवन में योग एवं ध्यान को शामिल करे एवं तनाव से दूर रहने का प्रयास करें।
  • कम नींद लेना – कम समय की नींद वैसे भी बहुत से मामलो में बॉडी पर बुरा असर डालती है और ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारी में तो ये खतरा पैदा कर देती है।
Brain Stroke
Brain Stroke

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बढ़ती आयु के साथ कुछ ऐसे लक्षण होते है जिनके ऊपर नियंत्रन कर पाना कठिन होता है किन्तु अपनी लाइफस्टाइल और आदतों को स्वस्थ करके इस बीमारी के बुरे असर को कम कर सकते है।

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