जाति जनगणना पर बीजेपी का रुख बदला, दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक में बड़े नेता पहुँचे

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कभी भी सीधे-सीधे जाति जनगणना का विरोध नहीं हुआ है। किन्तु हाल के दिनों में पीएम मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के जाति जनगणना को लेकर दिए बयानों में बीजेपी के रुख का परिवर्तन देखने को मिल रहा है। अभी तक तो सिर्फ संसद में ही सरकार ने जाति जनगणना को लेकर स्पष्ट तरीके से मना किया था।

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में केंद्र के गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने उत्तर दिया था कि अभी सरकार की जाति जनगणना की कोई मंशा नहीं है। पीएम मोदी (Narendra Modi) एवं बीजेपी ने शुरू से ही कॉंग्रेस एवं अन्य विरोधी दलों पर जाति के नाम पर समाज में बटवारे का आरोप लगाया है।

अब बीजेपी के शीर्ष नेता एवं गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि उनकी पार्टी ने कभी भी जाति जनगणना का विरोध नहीं किया है। उनकी इस बात में काफी सच भी है चूँकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खास प्रतिनिधिमंडल के साथ पीएम मोदी से मीटिंग की थी।

2024 के चुनावो की भी तैयारी

इस समय अमित शाह की तरफ से छत्तीसगढ़ इलेक्शन में जाति जनगणना की बात और बिहार में इस पर पार्टी का नजरिया रखना तो इससे बीजेपी पहली दफा अपनी मंशा जाहिर कर रही है। अमित शाह का छत्तीसगढ़ वाला बयान विधानसभा इलेक्शन को लेकर था किन्तु बिहार में कही गई बात तो स्पष्ट रूप से 2024 के आम चुनावो से जुडी है।

इस समय भारत की राजनीति के खेल में भाजपा की परेशानी सर्वाधिक यूपी एवं बिहार में ही है। काँग्रेस की तरफ से सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव को मंजूर करने की घोषणा हो गई है और पार्टी सरकार बनने पर देशभर में जाति जनगणना करने वाली है।

पार्टियों में ओबीसी वोटर्स का भय

जाति की राजनीति को लेकर ही फायदे-हानि का हिसाब करने के लिए ही 2 नवंबर के दिन बीजेपी की तरफ से एक हाई लेवल की बैठक भी हुई है। इस बैठक में बीजेपी के सीएम, डिप्टी-सीएम, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष, विधानमंडल पार्टी के नेता आदि शीर्ष लोग शामिल हुए है। इन मीटिंग में आये लोगो के नामो से इसके महत्व का बोध हो जाता है।

यहाँ पर अमित शाह एवं जेपी नड्डा उपस्थित थे। साथ में पार्टी के संघठन महामंत्री बीएल संतोष, योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, यूपी के दोनों उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं ब्रजेश पाठक, यूपी पार्टी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी आदि मौजूद थे।

बीजेपी में परिवर्तन का घोसी लिंक

दिल्ली में हुई बीजेपी की शीर्ष स्तर की बैठक का प्रभाव जल्दी ही सीएम योगी के मंत्रिमंडल में भी दिखने की खबरे है। खबरों के अनुसार उनके इस बदलाव को दिल्ली से भी स्वीकृति मिल गई है। इस बदलाव में क्या होगा ये तो स्पष्ट नहीं है किन्तु ऐसे अनुमान है कि अगले साल के आम चुनावो को लेकर कैबिनेट ऐसे बनेगा कि हर वर्ग का मतदाता पार्टी से जुड़ेगा खासकर ओबीसी।

दिल्ली में हुई बैठक का घोसी लिंक भी सामने आया है चूँकि उपचुनाव में बीजेपी के दारा सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह से शिकस्त मिली थी। घोसी के इस परिणाम को विपक्ष ने इंडिया गठबन्धन की विजय घोषित किया था। इसके बाद से ही बीजेपी ने कुछ बाते जरूर सीखी है।

Yogi Adityanath
Yogi Adityanath

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जाति को लेकर विपक्षी हमलावर

साफ़ है कि बीजेपी ने भी जाति जनगणना के मुद्दे के समाधान खोजने शुरू कर दिए है। इसमें कॉंग्रेस और तेजस्वी यादव के जाति जनगणना को लेकर हमले के भी उपायों पर वार्ता हुई होगी। कॉंग्रेस के नेता जैसे राहुल, प्रियंका एवं खरगे यह सवाल करने लगे थे कि पीएम ओबीसी वोटर्स के शुभचिंतक होने पर उनकी पार्टी जाति जनगणना से डरी क्यों है?

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