Digital Rupee, लॉन्च के पहले दिन ही बंपर 275 करोड़ रुपये का लेन-देन!
देश में डिजिटल करेंसी के दौर की शुरुआत हो चुकी है। RBI ने अपने पायलट प्रोजेक्ट 'ई-रुपए' की लॉन्चिंग कर दी है। इसके साथ ही इसको नकद लेनदेन की तरह ही गोपनीय और सुरक्षित रखने पर भी जोर दिया गया है।

आरबीआई की Digital Rupee अब लोगों के लेनदेन है हिस्सा बनने जा रही है। इंडियन रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से पहली नवंबर यानी मंगलवार के दिन डिजिटल मुद्रा – डिजिटल रूपी (होलसेल सेगमेंट) के पहले पायलट प्रोजेक्ट के परीक्षण की घोषणा की थी। लेकिन अभी डिजिटल मुद्रा को थोक लेनदेन के लिए ही प्रयोग में लाया जायेगा। आरबीआई की तरफ से अभी तक केवल 9 बैंकों में डिजिटल करेन्सी के लेनदेन की इजाजत दी गयी है। आइबीआई की तरफ से पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में डिजिटल करेंसी को व्यापक रूप से लाने का प्रस्ताव दिया गया था।
पहले दिन कितना बिज़नेस हुआ
डिजिटल मुद्रा के पहले ही दिन में 2.75 अरब रुपए के बांड से ट्रेडिंग हुई है। पहले दिन में 5 और 10 सालों के बांड का व्यापार हुआ। पाने डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोग्राम के शुरू होने पर कुछ ही बैंकों को गवर्नमेंट सिक्योरिटी में द्वितीयक-मार्किट लेनदेन के निपटान में इसके इस्तेमाल की इजाजत मिली थी। क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इण्डिया के स्टेट्स के मुताबिक इण्डियन डिजिटल करेंसी के माध्यम से बैंकों ने पहले ही दिन 2.75 अरब रुपए (करीबन 33.3 मिलियन डॉलर्स) के बांड का व्यापार किया।
बैंकों ने डिजिटल मुद्रा में भाग लेकर 2027 बॉन्ड, 1.4 अरब रुपयों के 24 ट्रेड्स को पूर्ण किया है। बैंको ने 2032 बांड के अंतर्गत कुल 23 ट्रेड्स के माध्यम से 1.3 अरब रुपए का हस्तांतरण किया है।
बैंक ऑफ बड़ोदा के जनरल मैनेजर सुशांत मोहंती (Sushant Mohanty) ने बताया – “पायलट प्रोजेक्ट में उत्साह से पूर्ण परिणाम दिख रहे है। हमारे बैंक ने भी एक शुरू की डील में भाग लिया। डिजिटल मुद्रा को अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
RBI की योजना क्या है
डिजिटल मुद्रा के पायलट प्रोजेक्ट को विशेष जगहों में चुने हुए ग्राहकों और व्यापारियों में एक महीने के समय के लिए चलाने की तैयारी है। इस सम्बन्ध में विस्तृत रूप से जानकारी बाद में प्रदान की जानी है। इस परिक्षण से मिलने वाले अनुभव और फीडबैक के अनुसार भविष्य में इसका विस्तार होना है। केंद्रीय बैंक के मुताबिक थोक व्यापार में डिजिटल मुद्रा के इस्तेमाल से सिक्योरिटी मार्किट में इण्टर बैंकिंग हस्तांतरण और भी अधिक प्रभावशाली होने सकेंगे। अन्य लेनदेनों में भी थोक लेनदेन की भांति डिजिटल मुद्रा का प्रयोग हो सकेगा।
डिजिटल करेंसी कैसे काम करती है
इसमें भाग ले रहे प्रत्येक बैंक के पास एक डिजिटल करेंसी खाता है, इसको “CBDC Account” कहते है। इस अकाउंट की देखरेख RBI करता है। सबसे पहले बैंक अपने खाते से इस अकाउंट में पैसे डालता है यदि ‘अ’ नाम का बैंक ‘ब’ नाम के बैंक के बांड्स खरीदता है तो ‘अ’ के CBDC अकाउंट से डेबिट होंगे और ‘ब’ बैंक के उसी अकाउंट से क्रेडिट हो जायेगें। इस प्रकार से उसी दिन में डिजिटल सेटेलमेंट हो जाएगा।
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रिटेल में भी इस्तेमाल की योजना
इसका हिस्सा रहे एक बैंक के ट्रेडर ने बताया है कि यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सक्सेस रहता है तो RBI अन्य थोक के लेनदेन में भी CBDC का प्रयोग के दायरे में वृद्धि कर सकता है। खबर के मुताबिक अभी तक क्रिप्टोग्राफी तकनीक का प्रयोग हो रहा है। और इसके विकसित होने में समय लगने के अनुमान है। रिटेल से सम्बंधित CBDC के प्रयोग का प्रोजेक्ट भविष्य में शुरू हो सकता है। RBI की तरफ से बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का विरोध किया गया है।
इन बैंको को डिजिटल लेनदेन की इजाजत
- एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया)
- यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया
- आईडीएफसी फर्स्ट बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
- कोटक महिंद्रा बैंक
- एचडीएफसी बैंक
- बैंक ऑफ बड़ोदा
- एचएसबीसी
- यस बैंक