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राम जन्मभूमि की खुदाई में पुराने मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए, कम से कम 500 साल पुराने होने के दावे

Ram Janmabhoomi: अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर में खुदाई के समय कुछ प्राचीन अवशेष प्राप्त हुए है। साधु-संत इनके कम से कम 500 वर्ष पुराने होने का दावा कर रहे है। इन अवशेषों को श्रद्धालुओ के दर्शन के लिए भी रखा जायेगा।

अभी अयोध्या में राम मंदिर (Ram mandir) का कार्य चल रहा है तो इसी काम के लिए की गई खुदाई में कुछ प्राचीन मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए है। इन अवशेषों में भारी मात्रा में काफी मूर्तियाँ एवं स्तम्भ भी मिले है। इस खबर की जानकारी श्री राण जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महसचिव चम्पत राय के द्वारा अपने सोशल मिडिया अकाउंट से दी गई है।

चम्पत रायजी ने इन सभी अपशेषों की कुछ फोटो को सोशल मिडिया पर साझा किया है। वे (Champat Roy) पहले भी कई बार ऐसी फोटो को इंटरनेट के माध्यम से शेयर करते आए है। इस बार की फोटो में मंदिर की खुदाई में मिले अवशेष एक साथ रखे हुए दिख रहे है। वैसे ये पहला प्रकरण है कि मंदिर की खुदाई से मिली चीजों के फोटो सामने आए है।

स्तम्भों में देवी-देवताओं के चित्र

अभी राम मंदिर के पहले तल का काम पूर्ण होने ही वाला है और इसी बीच मंदिर निर्माण की खुदाई में करीब दर्जनभर मूर्ति, शिलाएँ एवं स्तम्भ मिले है। मिली शिलाओं में देवी-देवताओं के चित्र भी उकेरे गए है। इस फोटो में मंदिर के स्तम्भ भी साफ़ दिखते है। अब कहा जा रहा है कि ये सभी अवशेष मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों के देखने के लिए भी रखे जायेंगे।

नींव की खुदाई में ये अवशेष मिले

मंदिर निर्माण के कार्य में लगभग 40 से 50 फ़ीट घटी खुदाई करने की जरुरत पड़ी थी। इस खुदाई के दौरान ही ये सभी चीजे मिली है और ये सभी चीजे इस मामले को लेकर हिन्दू पक्ष की राय को ही सिद्ध करती है। एएसआई के सर्वेक्षण में भी बहुत सी चीजे प्राप्त हुई थी जिसको मामले की सुनवाई के समय न्यायालय ने भी अपने संज्ञान में लिया था।

यदि इन अवशेषों की संख्या को देखे तो इसमें 8 टूटे स्तम्भ, 6 खण्डित मूर्तियां, 5 से 6 मिट्टी के बर्तन एवं 6 से 7 कलश शामिल है। अब साधु-संत कह रहे है कि ये सभी वस्तुएँ कम से कम 500 वर्ष प्राचीन है। ये जिस स्थान से मिले है वही पर पुराना विवादित राम मंदिर हुआ करता था।

सभी हिन्दुओं को राम जन्मभूमि संघर्ष को जाने

श्रीराम वल्ल्भाकुञ्ज के प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के अनुसार, “ये फोटो हमको मन्दिर के आंदोलनों में हुए संघर्ष की यादे दिलाती है। सभी सनातन धर्म के लोगो को श्रीराम जन्मभूमि को पाने में हुए संघर्ष को जानने की जरूरत है।”

इन अवशेषों के बिना मन्दिर संघर्ष पूर्ण न होता – डॉ भरत दास

उदासीन ऋषि आश्रम रानोपती के महन्त डॉ भरत दास के अनुसार, ‘सभी राम भक्तो को राम मंदिर का इतिहास जानने की जरुरत है। इससे वे जानेंगे कि हमारे पूर्वजो ने इस काम में अपना खून-पसीन लगाया है। ये अवशेष न मिले होते तो हमको इतनी सरलता से राम जन्मभूमि नहीं मिल पाती।’

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अवशेषो को संग्रहालय में रखेंगे

अभी तो ये अनुमान लग रहे है कि राममंदिर को बनाने में तैयार हुई नींव की खुदाई के काम में ही य मूर्तियां एवं अन्य अवशेष प्राप्त हुए है इसे पहले भी इस तरह से मंदिर से जुड़े अवशेष खुदाई में मिल चुके है। इन अवशेषो को लेकर खबरे है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मंदिर के परिसर के भीतर ही एक संग्रहालय बनाने वाला है। इस संग्रहालय में ही भक्तो को दर्शनों के लिए ये अवशेष मिलेंगे।

अगले साल में प्राण-प्रतिष्ठा होगी

इस समय राम जन्मभूमि के निर्माण का काम काफी जोरो से चल रहा है और 22 जनवरी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। अभी भवन निर्माण समिति की मीटिंग में अधिकारीयों ने जानकारी दी, “अभी तो मंदिर में ग्राऊंड फ्लोर को बनाया जा रहा है, जिसको अक्टूबर तक तैयार कर लिया जायेगा। इस ग्राउंड फ्लोर में सभी 14 दरवाज़े भी बन चुके है।

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