आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) को बिज़नेस की दुनिया में एक टाइकून और महिंद्रा कबीले के तीसरी पीढ़ी के उत्तराधिकारी के रूप में जाना जाता है। इस समय वे महिंद्रा एन्ड महिंद्रा ग्रुप का नेतृत्व कर रहे है। कंपनी ऑटो से लेकर रियलएस्टेट तक के करीबन 22 इंडस्ट्रीज का संचालन करती है। और विशिष्ठ रूप से SUV और ट्रैक्टर आदि कुछ बेहतरीन भारी वाहनों को बनाने के लिए जाने जाते है। इस लेख के अंतर्गत आपको देश के नामचीन बिज़नेस पर्सन आनंद महिंद्रा के जीवन की जानकारी मिलेगी।
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आनंद महिंद्रा का जीवन परिचय
आनंद महिंद्रा का जन्म 1 मई 1955 के दिन मुंबई, महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध और संपन्न बिज़नेस फैमिली में हुआ था। इनके पिताजी का नाम हरीश महिंद्रा और माता का नाम इंदिरा महिंद्रा था। इनके पिताजी महिंद्रा ग्रुप के सह-संस्थापक जगदीश चंद्र महिंद्रा के पुत्र थे।
साल 1951 में जगदीश चंद्र का देहांत हो गया था। आनंद की माता एक लेखिका थी। परिवार में इनकी 2 बहने भी थी – अनुजा शर्मा और राधिका नाथ है। इनके नानाजी कैलाश चंद्र महिंद्रा भी एक प्रसिद्ध उद्योगपति और महिंद्रा समूह के सह-संस्थापकों में से एक रहे है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
एक अमीर परिवार से सम्बंधित होने के बावजूद आनंद महिंद्रा ने अपने बचपन के दिनों को एक किराए के मकान में बिताया था। इस मकान को इनके दादाजी ने इनके पैदा होने से पहले ही खरीद लिया था। साल 2010 में इनके किरायेदार ने अपने घर का नवीनीकरण करने का निर्णय किया।
इस वजह से इन्होने घर को को खाली कर दिया और इसके बाद आनंद ने संपत्ति खरीदी, जिसका नाम ‘गुलिस्तान’ रखा। इस संपत्ति का एरिया 3 हजार वर्ग फुट है और ये उनके अंतिम घर के समीप ही स्थित है।
स्कूल और कॉलेज की शिक्षा
इनकी प्रारंभिक शिक्षा लॉरेंस स्कूल, लवडेल से हुई और इसके बाद हॉवर्ड विश्विद्यालय में फिल्म निर्माण और वास्तुकला की पढ़ाई की। साल 1981 में हावर्ड बिज़नेस स्कूल से MBA की डिग्री पूरी की।
व्यक्तिगत जीवन
आनंद की शादी के महिला पत्रकार अनुराधा से हुई है। वर्तमान समय में वे वर्वे और मेंस वर्ल्ड मैगजीन की एडिटर है। इनकी दो बेटियाँ है – दिव्या और आलिका।
आनंद महिंद्रा का करियर
- आनंद के करियर की शुरुआत महिंद्रा यूजीन स्टील कंपनी लिमिटेड (MUSCO) में वित्त निदेशक के कार्यकारी सहायक की तरह हुई थी। इसके बाद बहुत से वर्षों तक वे MUSCO के अध्यक्ष और उप-प्रबंध निदेशक रहे।
- साल 1991 में उन्होंने महिंद्रा एन्ड महिंद्रा लिमिटेड (Mahindra & Mahindra Limited) में उप-प्रबंध निदेशक की तरह जोइनिंग की। यहाँ पर मैनेजिंग डायरेक्टर और उपाध्यक्ष के पद पर भी पहुँचे। यह कंपनी देश में ऑफ-रोड वाहन और कृषि ट्रैक्टरो के निर्माण के लिए जानी जाती है।
- साल 2012 में आनंद अपने चाचा केशुब महिंद्रा के पद को छोड़ देने के बाद कंपनी के अध्यक्ष और मैनेजिंग डिरेक्टरबन गए। इसके 4 वर्षों के बाद ही आनंद को महिंद्रा एन्ड महिंद्रा लिमिटेड का कार्यकारी अध्यक्ष का पद मिला।
- आनंद महिंद्रा कोटक महिंद्रा बैंक (Mahindra Kotak Mahindra Bank) के सह-प्रमोटर थे , किन्तु साल 2013 में इनको इस पोस्ट से हटा दिया था। लेकिन उन्होंने एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रुप में कार्य को करते रहे।
- साल 2014 में आंनद ने अपने जीजा और स्पोर्ट्स कमेंटेटर चारु शर्मा के साथ मिलकर प्रो कबड्डी लीग भी शुरू किया।
- साल 2014 में आनंद ने मुकेश अम्बानी और महेश समन के साथ मिलकर भारतीय टेलीविज़न चैनल EPIC को शुरू किया। इसके 2 वर्षो के बाद अम्बानी ने अपने शेयर आनंद महिंद्रा को बेच डाले।
- इस समय महिंद्रा समूह 19 बिलियन अमरीकी डॉलर्स का समूह है साथ ही देश के शीर्ष 10 कॉर्पोरेट घरानों ने से भी है।
ऑटो/ मोटर व्यवसाय क्षेत्र में भागीदारी
अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1981 में आनंद महिंद्रा देश वापस आ गए। साल 1989 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप का फैलाव हुआ और आनंद ‘रियल स्टेट डेवलपमेंट और हॉस्पिटैलिटी’ की इकाई के अध्यक्ष चुने गए। साल 1997 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर नियुक्त हुए।
इसी कंपनी में साल 2003 में वाइस-चैयरमेन बने। इसके अलावा साल 2003 में कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को एक बैंक के रूप बदला। अभी भी कोटक महिंद्रा बैंक देश के अग्रणी निजी क्षेत्र का विश्वसनीय बैंक बना हुआ है।
साल 2002 में महिंद्रा एन्ड महिंद्रा ग्रुप ने देशी तकनीक से बनी SUV के “स्कॉर्पियो” नाम के नए मॉडल की लॉन्चिंग की। इसने कंपनी को ग्लोबली बहुत अलग पहचान दी।
यह कंपनी अधिग्रहण एवं ग्रीनफील्ड दोनों बिज़नेस से बहुत ज्यादा मॉडर्न हुई। महिंद्रा ने साल 2009 में ‘सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस’ और साल 2010 में ‘रेवा इलेक्ट्रिक व्हीकल’ और ‘स्संग्योंग मोटर कंपनी’ का भी अधिग्रहण किया। इनकी कंपनी ने चीन और ब्रिटेन जैसे देशों में भी औद्योगिक संस्थानों के अधिग्रहण की नीति पर कार्य किया है।
शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में भागीदारी
- आनंद ने अपनी माता इंदिरा महिंद्रा के नाम पर हॉवर्ड यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ डॉलर्स की धनराशि दान कर दी। इस राशि को वहां के मानविकी केंद्र के क्रियाकलापों में बढ़ोत्तरी के लिए दिया गया है। इस धनराशि को आनंद ने होमी भाभा मानविकी केन्द्र के डायरेक्टर के नेतृत्व में वहाँ के विशेष संस्थानों में बढ़ोत्तरी और मॉडर्निटी लाने के लिए दिए है।
- साल 2005 में शुरू हुए ‘मुंबई महोत्सव’ के फाउंडर भी है। इसके अलावा आनंद ‘एशिया सोसाइटी के अंतराष्ट्रीय परिषद, न्यूयॉर्क’ के सह-अध्यक्ष है।
आनंद महिंद्रा के पुरस्कार और सम्मान
- साल 2004 में व्यवसायी क्षेत्र में उच्च भागीदारी के लिए राजीव गाँधी पुरस्कार।
- फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति से साल 2004 में ‘नाईट ऑफ द आर्डर ऑफ मेरिट’।
- साल 2005 में अमेरिकम इण्डिया फाउंडेशन से लीडरशिप अवार्ड।
- CNBC एशिया से साल 2006 में बिज़नेस लीडर अवार्ड।
- साल 2007 में बिज़नेस इण्डिया बुसिनेसमेन ऑफ द ईयर अवार्ड।
- साल 2008 में हॉवर्ड बिज़नेस स्कूल एलुमिनी अचीवमेंट अवार्ड।
- साल 2009 में अर्नेस्ट एन्ड यंग इंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर इण्डिया अवार्ड।
- साल 2011 में द एशियन अवार्ड्स द्वारा बिज़नेस लीडर ऑफ द ईयर।
- साल 2012 में यूएस- इण्डिया बिज़नेस कॉउंसलिंग से ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड।
- साल 2012 में एशियन सेंटर फॉर कॉर्पोरेट गवर्नेंस एंड सुस्तानिबिलिटी से सर्वश्रेष्ठ परिवर्तनकारी नेता पुरस्कार।
- साल 2013 में फ़ोर्ब्स इण्डिया लीडरशिप अवॉर्ड द्वारा एंटरप्रिन्योर फॉर द ईयर।
- साल 2014 में द एनर्जी एन्ड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट (TERI) से सतत विकास नेतृत्व पुरस्कार।
- साल 2014 में बिज़नेस टुडे सीईओ ऑफ द ईयर।
- साल 2016 में IMAI से सोशल मिडिया पर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड।
- साल 2016 में ब्लूमबर्ग टीवी इण्डिया से डिसरप्टर पर्सनालिटी ऑफ द ईयर अवार्ड।
- साल 2014 में हॉवर्ड एलुमिनी एसोसिएशन से हॉवर्ड मैडल।
- साल 2016 में फ्रेंच रिपब्लिक से शेवेलियर डे ल’आड्रे नेशनल लॉ लेगियन डी’होनूर।
आनंद महिंद्रा से जुड़े रोचक तथ्य
- आनंद अपने बचपन में एक फिल्म निर्माता बनने की इच्छा रखते थे।
- वे एक फेमस परोपकारी भी है, उन्होंने प्रसिद्ध खिलाडियों को कार उपहारस्वरूप दी है। इन खिलाडियों में प्रमुख है – पीवी सिंधु (महिंद्रा थार), साक्षी मालिक (महिंद्रा थार), दुती चंद (महिंद्रा एक्सयूवी 500) और किदाम्बी श्रीकांत (महिंद्रा टीयूवी 300)
- इसके अतिरिक्त कुछ क्रिकेट खिलाडियों को भी कारे दी है जैसे – मोहम्मद सिराज, शुभनम गिल, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर, नवदीप सैनी और टी नटराजन आदि क्रिकेटर्स।
- कला और संस्कृति में रूचि रखने के कारण उन्होंने महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड नाम के पुरस्कार मंच की शुरुआत की।
- साल 1973 में वे बिल गेट्स के सहपाठी भी रह चुके है।
- साल 2014 में आनंद को फॉर्च्यून मैग्जीन ने “विश्व के 50 महानतम नेताओं” की लिस्ट में जगह दी थी।
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