AI के आने से बहुत से सेक्टर्स में जॉब बढ़ेगी, प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट का दावा

हर ओर से यही अनुमान लग रहे थे कि AI के आने के बाद दुनियाभर से बहुत सी जॉब्स समाप्त होगी। AI के प्रयोग से कोई भी काम करने में पहले की तुलना में कम ही लोगो की जरुरत रह जाएगी। साथ ही अभी जॉब कर रहे लोगो में से भी छटनी होने लगेगी। किन्तु अब ताज़ा आंकड़े इसके ठीक विपरीत ही तस्वीर पेश कर रहे है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री के द्वारा इस बात को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की गई है जिसको एक विशेषज्ञ कमेटी ने तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 38 फ़ीसदी कर्मचारी इस तथ्य को लेकर चिंतित हो रहे है कि AI के कारण से उनकी नौकरी चली जाएगी।

13 फीसदी को जॉब जाने का डर -रिपोर्ट

13 फ़ीसदी कर्मचारी तो ऐसे है जोकि मान ही चुके है कि AI के आने से उनकी जॉब जाने ही वाली है। किन्तु विश्वभर में AI को लेकर हो रहे प्रयास को देखने पर पता लगता है कि किसी भी देश के प्रोडक्शन में बढोत्तर करने एवं वहाँ अधिक नौकरी सृजित करने में AI सहायक हो रहा है।

AI से 1.2 करोड़ अधिक जॉब पैदा होगी

अनुमान के अनुसार साल 2050 तक विश्वभर में AI के आने से 8.5 करोड़ जॉब समाप्त होगी किन्तु इस तकनीक के आने से ही 9.7 करोड़ जॉब भी निर्मित होगी। इस प्रकार से अंतिम हिसाब में एआई से 1.2 करोड़ अधिक जॉब सृजित होने लगेगी। हालाँकि जिन सेक्टर्स में ज्यादा स्किल की जरुआत होगी वहाँ पर AI के कारण नौकरी जरूर जाने वाली है।

प्रौद्योगिकी मंत्रालय एवं IBM में डील हुई

देखा जाए तो AI के कार्य में इस्तेमाल होने के बाद बैंक, रिटेल, हेल्थकेयर, विनिर्माण एवं अन्य कस्टमर्स वाले सेक्टर्स में खास प्रभाव पड़ने वाला है। इसी वजह से भारत ने भी आने वाले समय के हिसाब से ही स्किल को पाने में तैयारियाँ शुरू कर दी है। इसी बात को लेकर 18 तारीख को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मिनिस्ट्री और IBM में एक डील भी हुई है।

भारत में अरबो का मार्किट होगा

विषेज्ञय मानते है कि इस समय विश्वभर में जितनी तेज़ी से AI को लेकर इस्तेमाल बढ़ने लगा है तो इसको रोकना भी मुमकिन नहीं है। अब रिपोर्ट को ही देखे तो भारतीय बाजार में ही AI की गति 20.2 फ़ीसदी वार्षिक आ रही है। इस गति से साल 2050 में AI का इंडियन मार्किट 7.8 अरब डॉलर का होगा।

भारत में AI की मार्किट हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर एवं सेवा क्षेत्र में बढ़ने वाला है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर के मुताबिक़ AI सेगमेंट में वृद्धि की काफी अनुमान है और अब हम ‘भारत के लिए AI और AI भारत के लिए’ की थीम पर सोचने लगे है।

AI का कारोबार में 35% इस्तेमाल होने लगा है

मिनिस्ट्री की विशेषज्ञ कमिटी वाली रिपोर्ट के अनुसार इस समय पर ग्लोबल लेवल पर AI की मार्किट 120 अरब डॉलर मूल्य की है। ये बाजार 20 फ़ीसदी की डॉ से बढ़ने में लगी है। साल 2030 में AI का ग्लोबल मार्किट 1.5 लाख डॉलर की कीमत पर आ जायेगा।

AI से जुड़े हार्डवेयर का व्यापार भी साल 2030 में 90 अरब डॉलर पर पहुँच जायेगा जोकि इस समय 9 अरब डॉलर है। इस समय तो विश्वभर में AI का इस्तेमाल कारोबारी कार्यो में 35 फ़ीसदी तक होने लगा है और 84 फ़ीसदी लोग तो ये भी नहीं जानते है कि उनकी रोजाना के जीवन में AI की एंट्री भी हो चुकी है।

यह भी पढ़ें :- देश की पहली रेपिड एक्स ट्रेन कल से शुरू होगी, पीएम मोदी ट्रेन का शुभारम्भ करेंगे

केंद्रीय मंत्री ने डील को अहम बताया

कैबिनेट मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने जानकारी दी है कि आज का दिन काफी अहम है चूँकि 3 टेक्नोलॉजी आने वाले समय की तकनीकी का आकार निश्चित करेगी। सेमीकंडक्टर, AI एवं कवान्टम कंप्यूटिंग और चौथी सिंथेटिक बायोलॉजी, जिसको हमने IBM में नहीं जोड़ा है। इनसे भारत में नए अवसर एवं नए आयाम खुलेंगे।

Leave a Comment