AI बन रहा है साइबर ठगी का नया हथियार, दिल्ली में रोजाना 650 लोग शिकार हो रहे

तकनीक एक तरफ इंसान की जिंदगी को आसान बनाती है तो दूसरी ओर गलत लोगो के हाथ में नए हथकण्डे भी दे देती है। इसी क्रम में अब AI का नाम भी आ चुका है। देशभर में साइबर क्राइम (Cyber Fraud) के काफी अधिक केस सामने आ रहे है। किन्तु अभीअधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार एआई से जुड़े साइबर क्राइम (AI Cyber Fraud) के कम ही केस सामने आए है।

जाँच में पता चला है कि साइबर क्रिमिनल AI से जालसाज़ी करने में खास तरह के सॉफ्टवेयर एवं ऐप को यूज करते है। इनसे वाइस एवं फेस तक को नकल बना लेते है। इसके बाद वे सगे सम्बन्धियों एवं जान पहचान के लगो से आपातकालीन स्थिति होने की बात कहकर रुपए माँगते है।

पैसे जाँच के बाद ही भेजें

वे लोग इस काम को इतना असली तरीके से करते है कि किसी भी व्यक्ति को ये अपने जाल में ले सकते है। ऐसी में जागरूकता बरतते हुए किसी को भी पैसे भेजने में सचेत रहने की जरुरत है। खासकर फ़ोन पर पैसे की मांग करने वाले लोग को काफी अच्छे से जाँच के बाद ही पैसे भेजने चाहिए।

जानकारों की राय में ये सभी साइबर ठग AI की सहायता से क्राइम करने में शिकार के मित्र, सगे-सम्बन्धी एवं जान पहचान के लोग के नम्बर का इस्तेमाल कॉल के दौरान नहीं करते है। इस प्रकार से किसी भी अनजाने फ़ोन नम्बर की कॉल से हमेशा सचेत रहने की जरुरत है।

4,000 लोगो पर शोध कार्य हुआ

एक प्राइवेट संस्था के द्वारा AI से होने वाले ठगी के केसो पर इंटरनेशनल शोधकार्य किया गया है और इसमें 4 हजार लोगो पर शोधकार्य किया गया। चौकाने वाली बात यह रही कि इसमें से 85 फ़ीसदी लोगो से ठगी हो चुकी थी। इनमे से 50 प्रतिशत लोगो को बड़ा अमाउंट देना पड़ा, 46 प्रतिशत लोगो से पेरेंट्स बनकर ठगी हुई, 34 प्रतिशत केसो में पत्नी एवं 20 प्रतिशत केसो में बच्चे के रूप में पैसे लिए गए।

साइबर ठगी ऐसे होती है

गूगल प्ले स्टोर एवं डार्क वेब में बहुत से ऐसे टूल्स मिलते है जोकि इन साइबर ठगो को इस वारदात को करने में काफी सहायता देते है। ये लोग यहाँ से वायस कॉल ऐप, डीपफेक अथवा दूसरे ऐप की सहायता से आवाज एवं इमेज को बदलते है। इसके बाद ये लोग फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम एवं अन्य कॉल के ऐप से आवाज के नमूने प्राप्त करते है। इसी से ये लोग शिकार को मित्र अथवा सम्बन्धी बनकर संपर्क करते है।

प्रतिदिन 650 ठगी के केस दर्ज़ हुए

दिल्ली पुलिस में शीर्ष अफसर से मिली जानकारी के मुताबिक़ दिल्ली में प्रतिदिन 650 साइबर ठगी के केस दर्ज़ हो रहे है। कोरोना के बाद से इस प्रकार के केसो में काफी वृद्धि भी हुई है। साल 2020 में देशभर में 50,035 केस साइबर ठगी के आए थे किन्तु 2022 में इस प्रकार के केसो की संख्या 1.84 लाख हो गई है।

साइबर ठगी के लिए पुलिस के इंतज़ाम

  • प्रत्येक जिले में एक साइबर थाना शिकायत के लिए बनाया गया है।
  • पुलिस की ओर से साइबर ठगी के लिए IFSO बनाया गया है।
  • विद्यालयों, कॉलेज एवं विभिन्न संस्थानों में साइबर ठगी को लेकर जानकारी वाले कार्यक्रम हुए
AI Cyber Fraud
AI Cyber Fraud

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साइबर ठगी से बचाव के उपाय

  • इस प्रकार की कॉल को हमेशा अच्छे से चेक करें और सही से इन्वेस्टीगेशन होने तक पैसे न भेजें।
  • इस प्रकार के केसो में सगे-सम्बन्धियों के नम्बर से कभी भी फोन नहीं आएगा और ऐसा होने पर सतर्क होना है।
  • अनजाने नम्बर, QR कोड एवं बैंक अकाउंट में कोई भी पैसे न डाले।
  • साइबर ठगी हो जाने के बाद तुरंत 1930 नम्बर पर संपर्क करना है अथवा cybercrime.gov.in पर कम्प्लेंट डाले।
  • अपने पास के साइबर थाने में भी कंप्लेंट दे सकते है।

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