MiG-21: पाकिस्तान के एफ-16 को ढेर करने वाले अभिनंदन की ‘स्वॉर्ड आर्म्स’ होगी रिटायर, जानें इसके बारे में सबकुछ

साल 2019 में विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान ने MiG-21 से पाकिस्तान के F-16 विमान को ध्वस्त कर दिया था। MiG-21 को इस साल सितम्बर के अंत तक वायुसेना रिटायर कर देगी। एयर फ़ोर्स के बाकी रह गए चार स्कवाड्रन विमानों के से एक स्वार्ड आर्म्स MiG-21 है। भारतीय वायु सेना ने एयरफोर्स श्रीनगर बेस्ड एमआईजी-21 स्कवॉड्रन स्वार्ड (Sword Arms) को रिटायर करने जा रही है।

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नंबर 51 विमान को उड़ाते हुए साल 2019 में बालाकोट स्ट्राइक के दौरान विंग कमाण्डर अभिनन्दन वर्धमान ने दुश्मन देश पाकिस्तान के F-16 विमान को ख़त्म कर जबरदस्त शौर्य का प्रदर्शन किया था। पुराने जेट से सुपीरियर जेट को उड़ाने के लिए अभिनन्दन को ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था। मिग-21 फाइटर जेट को चार दशक पहले इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था।
मिग-21 स्क्वाड्रंस क्यों रिटायर हो रही है?
रक्षा सूत्रों से खबर आ रही है कि इन विमानों को इसी साल के सितम्बर के अंत में सेवानिवृत करने की योजना है। पिछले कुछ सालों से मिग-21 कई हादसों का शिकार हो चुका है। इन हादसों में बहुत से चालकों की मृत्यु भी हुई है। इस प्रकार की घटनाओं के कारण पुराने होते जा रहे मिग-21 विमानों को चरणबद्ध प्रक्रिया से रिटायर किया जा रहा है। इसी कड़ी में यह विमान सेवानिवृत हो रहा है। इसके बाद MiG-21 के तीन और विमान रिटायर कर दिए जायेंगे। इंडियन एयरफोर्स के बहुत से बहादुर पायलट मिग-21 को उड़ाते हुए जान गवा चुके है। मिडिया द्वारा इस मिग-21 लड़ाकू विमान को ‘उड़ता ताबूत’ भी कहा जाता है।
स्वार्ड आर्म्स का इतिहास
नंबर 51 स्क्वाड्रन (स्वार्ड आर्म्स) को भारतीय वायु सेना के शीर्ष स्क्वाड्रनों में जगह मिली हुई है। साल 1999 में कारगिल के संघर्ष के समय ऑपरेशन सफ़ेद सागर में इस MiG-21 ने भागीदारी की थी। इसके उच्च योगदान के लिए 1 वायु सेना पदक और 3 मेंशन-इन-डिस्पैच से सम्मानित किया गया है। ऑपरेशन पराक्रम के समय इस विमान को कश्मीर घाटी के वायु घेराबंदी की जिम्मेवारी दी गयी थी। साल 1985 में चंडीगढ़ बेस में स्थापित किया गया था।
स्क्वाड्रन की शिखा तलवार से जकड़े माँसपेशी वाले हथियारों की एक जोड़ी को दर्शाता है। यह विजय पराक्रम के आदर्श को प्रदर्शित करता है, जिसका मतलब है ‘विजय के लिए वीरता’।
मिग-21 के क्रैश होने की वजह
विशेषज्ञ बताते है कि इंडियन एयरफोर्स में मिग-21 विमानों की भागीदारी बहुत ज्यादा है। विमानों की अधिक संख्या, इनका अधिक प्रयोग और एयरफोर्स में ज्यादा समय इनकी भागीदारी इन विमानों के हादसों का मुख्य कारण है।

इतने लम्बे समय तक सेना में क्यों रहे?
इसकी मुख्य वजह है लम्बे समय तक नए विमानों का वायु सेना में शामिल किया जाना। इस कारण से वायु सेना को मिग-21 को लम्बे समय तक इस्तेमाल करने पड़ें। भारतीय वायु सेना में तेजस और राफेल जैसे विमानों के शामिल होने में देरी होने से मिग-21 का कार्यकाल काफी बढ़ गया। यदि सभी कार्यवाही सभी समय पर होती तो मिग-21 को 1990 में सेवानिवृति मिल जाती।