अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन (Joe Biden) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में अपने भाषण में सुरक्षा परिषद के सुधार की बात कही है। बाइडन के मुताबिक अब समय आ चुका है कि संस्था को अधिक समावेशी बनाया जाना चाहिए। जिससे यह वर्तमान के समय की आवश्यकताओं को अच्छे तरीके से पूरा कर सके। राष्ट्रपति बाइडन ने भारत, जापान एवं जर्मनी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थाई सदस्य बनाने का समर्थन किया है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति के समर्थन से भारत बन सकता है UNSC का स्थायी सदस्य।
बाइडन के एक अधिकारी ने अपना नाम ना बताए जाने की शर्त पर यह जानकारी दी कि – अभी इस दिशा में बहुत काम होना बाकी है। उन्होंने एक अन्य सवाल का जवाब दिया – “हम पहले भी यह मानते रहे थे और आज भी इस बात को मानते है कि भारत, जापान और जर्मनी को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाना चाहिए।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की वकालत की
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को सम्बोधन देते हुए ख़ास तौर पर जिक्र करते हुए कहा – ‘अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर की रक्षा करनी चाहिए एयर सिर्फ बहुत ही विषय परिस्थितियों में वीटो का प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे परिषद की विश्वसनीयता और प्रभाव बना रहेगा।
वीटो पवार पर बड़ा बयां दिया
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि अमेरिका सुरक्षा परिषद में स्थाई एवं अस्थाई, दोनों प्रकार के सदस्यों की संख्या को बढ़ाने की अपील करता है। इनमें उन देशों को भी शामिल किया गया है, जिनकी स्थाई सदस्यता की माँग का हम लोग बड़े समय से समर्थन करते रहे है।
पाकिस्तान की सहायता की अपील की
बाइडन ने इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तान की सहायता करने का अनुरोध किया है। पाकिस्तान बेहद ख़राब बाढ़ के हालातों से जूझ रहा है। वे कहते है कि हुंम सभी जानते है कि हम सभी पहले से ही एक जलवायु से लड़ रहे है। इस बात पर किसी को भी कोई शंका नहीं होनी चाहिए। पाकिस्तान का ज्यादातर भाग अभी भी पानी से डूबा हुआ है। उसको सहायता की जरूरत है। राष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में बाढ़ से डूबे देश की सहायता करने की बात कही है। वहां पर 14 जून से अभी तक करीब 1576 नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है और अन्य हजारों घायल हुए है।
सुरक्षा परिषद को रूस को रोकना होगा – अमेरिका
सभा में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से रूस को रोके जाने की अपील की है। उनके अनुसार हर सदस्य राष्ट्र को रूस को सन्देश देना चाहिए। उन्होंने आवाहन करते हुए कहा कि रूस के परमाणु हमले की धमकी को हर परिस्थिति में रोकना चाहिए। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने इस हफ्ते के शुरू में कहा था कि देश को खतरे की सूरत में अपने नागरिकों की रक्षा के लिए परमाणु शक्ति संपन्न देश हर रास्ते का प्रयोग कर सकता है।
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