सरकार की कर्मचारी पेंशन योजना के पेंशनभोगियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। ये खबर कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के खातों में आने वाली पेंशन को लेकर है। पिछले दिनों में ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से एक सर्कुलर जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि कर्मचारी को प्रत्येक माह के अंतिम कार्य दिवस पर पेंशन मिलनी चाहिए। EPS Pension Scheme September Update से यह होगा कि पेंशन भोगी को EPS पेंशन के पैसों के लिए 1 से 2 महीनों का इंतज़ार नहीं करना होगा।
EPS पेंशन योजना का सितम्बर अपडेट
अब से कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत सैलरी की तरह पेंशन मिलने वाली है। भविष्य में प्रत्येक महीने के आखिरी वर्किंग डे पर EPS पेंशनरों के खातों में पेंशन के पैसे जमा कर दिए जायेंगे। इस बात पर गौर करें Employee’s Provident Fund Organization के नए नियमों के मुताबिक पेंशनभोगी को उसके पेंशन की धनराशि हर महीने उसके खाते में मिल जाएगी।
EPFO पेंशन को समय पर देने के निर्देश
ख़बरों की मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सर्कुलर में बताया गया है कि पेंशन विभाग की तरफ से हुई समीक्षा एवं RBI की गाइड लाइन के अनुसार अब से सभी फिल्ड अधिकारियों को बैंकों को मासिक BRS भेज सकते है। सभी पेंशन भोगियों के खातों में कर्मचारी पेंशन योजना की धनराशि जमा कर दी जाती है। पेंशन की यह राशि प्रत्येक महीने के अंतिम कार्यदिवस या उससे पहले खातों में पहुँचाई जाएगी।
अपने जारी किये सर्कुलर में कर्मचारी भविष्य निधि संघटन ने इन सभी आदेशों पर कड़ाई से पालन करने की बात कही है। इसके साथ ही सभी ऑफिसों को अपने अधिकार क्षेत्र में बैंकों को इन सभी दिशा-निर्देशों को लागू करने के निर्देश भी दिए है।
10 साल का काम और 58 साल के बाद पेंशन
औपचारिक क्षेत्र मने 10 वर्षों तक अपनी सेवा देने वाले कर्मचारी को 58 साल की आयु के बाद पेंशन देने का प्रावधान है। कर्मचारी भविष्य निधि एवं कर्मचारी पेंशन योजना की धनराशि को कर्मचारी भविष्य निधि में जमा किया जाता है। ध्यान रखे, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में अंशदान देने वाले कर्मचारी भी EPS के योग्य होंगे।
पेंशन के पैसे को कैसे निकाले
साल 1995 में संगठित क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों की सहायता करने की मंशा से EPS का निर्माण हुआ था। इनका पैसा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में कटता है। इसका पैसा भी कर्मचारी पेंशन योजना में शामिल होता है। यहाँ यह देखे कि यदि किसी EPS पेंशनभोगी की मृत्यु को जाती है तो उसके परिवार के लोग पेंशन का पैसा कैसे निकालेंगे। कर्मचारी पेंशन योजना पेंशनभोगी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके द्वारा नामित किये गए व्यक्ति को कुछ प्रमाण पत्र जमा करने होंगे। नीचे इन प्रमाण पत्रों की जानकारी दी जा रही है।
- ईपीएस पेंशनभोगी जा मृत्यु प्रमाण पत्र
- लाभार्थी के आधार कार्ड की छायाप्रति (व्यक्ति द्वारा नामांकित व्यक्ति एवं पुत्र-पुत्री)
- लाभार्थी के बैंक खातों की जानकारी एवं रद्द किये चेक और बैंक खाता बुक की सत्यापित प्रति
- यदि लाभार्थी का बच्चा है तो आयु प्रमाण-पत्र
EPFO नॉमिनी एवं माता-पिता की सुविधा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सदस्य की मृत्यु के बाद नॉमिनी अथवा माता-पिता को जीवनभर पेंशन दी जाती है। यदि EPS पेंशन धारी व्यक्ति का कोई परिवार यानी पत्नी और बच्चे नहीं है, ऐसी स्थिति पर यह नियम मान्य होगा। यदि कर्मचारी पेंशन योजना पेंशनभोगी का कोई परिवार अथवा नामांकित व्यक्ति नहीं हो तो माता-पिता में से एक की मृत्यु होने तक पेंशन का लाभ मिलता रहेगा। यह मासिक विधवा EPF पेंशन के बराबर होगी।
EPS योजना के पैसे कैसे लें
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सदस्य की मृत्यु हो जाने पर इसके परिवार के मेंबर्स जैसे पत्नी या पति अथवा नाबालिग बच्चा, को अभिभावक EPFO ऑफिस में जाकर जरूरी प्रमाण पत्रों को संलग्नित करते हुए आवेदन फॉर्म भरना होगा। सभी प्रमाणपत्रों की जांच के बाद कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन की धनराशि मिलनी शुरू हो जाएगी।
EPS में कौन शामिल होंगे और कौन नहीं
जो व्यक्ति कर्मचारी भविष्य निधि योजना में 1 सितंबर 2014 के बाद शामिल हुआ है तो वह कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में खाता नहीं खोल पायेगा। यदि उस व्यक्ति का मासिक वेतन 15,000 रुपयों से अधिक है। ऐसा इस कारण से होगा कि सरकार ने इसके नियमों में कुछ बदलाव किये है।
इसमें योजना के लिए दो बदलाव किये थे – पहला, पीएफ योजना के लिए मासिक वेतन सीमा को 15 हजार प्रति महीना कर दिया जो कि पहले 6,500 रुपए प्रति महीना थी। दूसरा, योजना में शामिल होते वक्त मासिक सैलरी 15000 से ज्यादा होने पर कर्मचारी को पेंशन स्कीम से नहीं जोड़ा जायेगा।
नौकरी बदलने पर ईपीएस राशि का क्या होगा?
- फॉर्म 11 को भरकर प्रमाणित करना होगा कि आप EPS योजना के सदस्य है।
- फॉर्म 13 के माध्यम से अपने मौजूदा बैलेंस को पुरानी कंपनी से नयी कंपनी में ट्रांसफर करना होगा।
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