दिल्ली के जंतर-मंतर पर 31 जुलाई को होगा बड़ा आंदोलन: EPS-95 पेंशन धारकों की मांगें पूरे हो

दिल्ली के जंतर-मंतर पर 31 जुलाई को EPS-95 पेंशन धारक अपनी मांगों के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन आयोजित कर रहे हैं। उनकी प्रमुख मांगों में न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 प्रति माह करना और मुफ्त चिकित्सा सुविधा शामिल है।

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Reported by Sheetal

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दिल्ली के जंतर-मंतर पर 31 जुलाई को होगा बड़ा आंदोलन: EPS-95 पेंशन धारकों की मांगें पूरे हो
EPS-95 pension holders protest at Jantar Mantar

EPS-95 पेंशन: दिल्ली के जंतर-मंतर पर 31 जुलाई को राष्ट्रीय संघर्ष समिति (NSC) के बैनर तले EPS-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) पेंशन धारक अपनी मांगों के समर्थन में एक बड़े आंदोलन का आयोजन कर रहे हैं। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सरकार पर न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 प्रति माह करने और अन्य महत्वपूर्ण मांगों को पूरा करने का दबाव बनाना है।

आंदोलन में उठाई जाएंगी ये प्रमुख मांगे

  • न्यूनतम पेंशन में वृद्धि: वर्तमान में EPS-95 के तहत न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रति माह है, जिसे बढ़ाकर ₹7,500 प्रति माह करने की मांग की जा रही है। यह वृद्धि पेंशन धारकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक है, जिससे वे अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
  • मुफ्त मेडिकल सुविधा: सभी पेंशन धारकों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए। इससे उनके स्वास्थ्य संबंधी खर्चों में राहत मिलेगी और उन्हें बेहतर चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
  • हायर पेंशन का लाभ: सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हायर पेंशन का लाभ दिया जाए। यह आदेश पेंशन धारकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें उनके सेवा के वर्षों के अनुसार पेंशन का उचित लाभ मिल सके।
  • पेंशन में शामिल नहीं होने वाले पेंशन धारकों के लिए: उन्हें कम से कम ₹5,000 प्रति माह पेंशन दी जाए। यह मांग उन पेंशन धारकों के लिए है, जो वर्तमान में पेंशन प्रणाली में शामिल नहीं हैं, लेकिन उन्होंने लंबे समय तक सेवा की है।

पेंशनधारकों का प्रदर्शन और भूख हड़ताल

देशभर के 50,000 से अधिक पेंशन धारक अपनी कम पेंशन और जीवनयापन की कठिनाइयों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। 31 जनवरी को, वे दिल्ली में एक विशाल प्रदर्शन आयोजित करेंगे, जिसके बाद कुछ पेंशन धारक जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। राष्ट्रीय संघर्ष समिति इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही है, और वीरेंद्र सिंह रजावत जैसे नेता पेंशन धारकों से एकजुट रहने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए आग्रह कर रहे हैं।

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यह आंदोलन पेंशन धारकों की पीड़ा और निराशा को उजागर करता है, जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे सरकार से मानवीय आधार पर शीघ्र कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, और उम्मीद करते हैं कि यह प्रदर्शन उनकी आवाज को सुना जाएगा और उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।

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