PIB Fact Check: दोस्तों जैसा की हम सभी जानते हैं की जनता के सुविधाएँ देने के लिए सरकार की और से कई योजनाएँ संचालित की जाती है, ऐसी ही एक योजना से जुड़े इन दिनों मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। यह मैसेज पीएम मुद्रा योजना को लेकर जारी किए जा रहे हैं जिसके तहत सरकार की तरफ से नागरिकों को स्वरोजगार की शुरुआत के लिए लोन मुहैया करवाया जाता है, हालाकिं इस योजना ने नाम पर कुछ लोग झूट फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
जिसमे यह दावा किया जा रहा है की पीएम मुद्रा योजना के तहत सत्यापन और प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 4500 रूपये फीस देने पर आपको 10 करोड़ का लोन मंजूर किया जाएगा, जिसे पीआईबी (पब्लिक इंफॉर्मेशन ब्यूरो) ने फैक्ट चेक के माध्यम पूरी तरह फेक बताया है।
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पीआईबी ने ट्वीट कर दी जानकारी
इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत से फेक लिंक या संदेशों के माध्यम से लोगों की जानकारियाँ चुरा कर उनके धोखाधड़ी की जा रही है, बता दें इसी बीच पीएम मुद्रा योजना को लेकर ही इंटरनेट में मेसेज वायरल किया जा रहा है, जिसमे 10 लाख रूपये लोन अप्रूव होने की बात कही जा रही है,
लेकिन इसके लिए पहले वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 4500 रूपये मांगे जा रहे हैं, जिसे लेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने इस संदेश का स्क्रीनशॉट अपने ट्वीटर हैंडल पर शेयर करते हुए इसकी सच्चाई बताई है, जिसमे पीआईबी ने इस मैसेज को पूरी तरह से फर्जी बताते हुए कहा है की यह दावा पूरी तरह से गलत है और इससे आम जनता में भ्रम फैल रहा है।
PIB ने जनता से की अपील
पीएम मुद्रा योजना से जुड़े वायरल मैसेज को लेकर पीआईबी ने आम जनता से अपील करते हुए कहा है की इस तरह के संदेशों को आगे ना बढ़ाएँ। इस तरह के मैसेज लोगों में भ्रम फैलाने का काम करते हैं और कई बार लोग इन्हे सच मानकर इनमे अपनी आवश्यक जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स सांझा देते हैं, जिससे उन्हें धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ता है।
ऐसे में यदि आपके पास इस योजना के तहत प्रोसेसिंग फीस को लेकर मैसेज का लिंक भेजा जाता है तो उस पर क्लिक न करें और उसे तुरंत अपने मोबाइल से हटा दें।
बता दें पीआईबी की तरफ से पीएम मुद्रा योजना की तरह की पीएम बेरोजगारी भत्ता और MSME उद्यम योजना को लेकर फेक जानकारी फैलाने वाले मैसेजों का भी पर्दाफाश किया गया है, जिनमे पीएम बेरोजगारी योजना में रेजिस्ट्रेशन के माध्यम से भत्ता देने और MSME उद्यम में रजिस्ट्रेशन के लिए लोगों से 2700 देने की बात कही जा रही थी।
जिसे पीआईबी की तरफ से पूरी तरह से फैक बताते हुए ऐसे मैसेज पर भरोसा न करने और इन्हे आगे न बढ़ाने की अपील भी आम जनता से की गई थी।